7 वर्ष बाद भी ‘स्मार्ट सिटी’ योजना मंथर गति से
नागपुर सहित अनेक शहर पिछडे

नागपुर/दि.8- मोदी सरकार के पहले कार्यकाल 2015 में घोषित स्मार्ट सिटी योजना कछूआ चाल से चल रही है. योजना अंतर्गत चुने गए महाराष्ट्र के 8 शहरों में से कहीं भी स्मार्ट सिटी साकार नहीं हो पाई. पुणे और सोलापुर में यह योजना अच्छी प्रगति पर है. अन्य शहरों में योजना का बडा चरण अभी तक अधूरा है. जिसमें नागपुर का समावेश है. यहां 18 योजनाएं प्रस्तावित थी केवल 5 पूर्ण हो सकी है.
केंद्र सरकार ने 25 जून 2015 को स्मार्ट सिटी योजना घोषित की थी. जनवरी 16 से जून 2018 दौरान स्पर्धात्मक चरण से देश के 100 शहरों का चयन किया गया. जिसमें महाराष्ट्र के नागपुर, पुणे, सोलापुर, औरंगाबाद, नाशिक, ठाणे, चिंचवड, कल्याण-डोंबीवली मनपा का समावेश रहा.
5 वर्षो में 18385 करोड रुपए की 2992 योजनाएं शुरु की गई. जिसमें से 7575 करोड की 214 योजनाएं पूर्ण हुई है. 10910 करोड की 78 योजनाएं अभी भी पूर्ण होना बाकी है. कोरोना के कारण 2 वर्ष भूमि अधिग्रहण और अन्य कार्य बाकी रहने से नागपुर में अनेक योजनाएं का काम प्रभावित हुआ.
* क्या कहते है विधायक
विधायक कृष्णा खोपडे ने कहा कि, पूर्व नागपुर में स्मार्ट सिटी योजना के काम शुरु है. वह 7 वर्षो से अपूर्ण है. कामों के लिए बार-बार फॉलोअप किया गया भूमि अधिग्रहण और अन्य वजह से काम रुके है.
* ड से ब श्रेणी में आएगी मनपा
मनपा प्रशासक राज में केवल और केवल विकास कार्यो की बात हो रही है. मनपा में आमदनी बढाने अनेक कदम उठाए गए है. जिसमें संपत्ति असेसमेंट एक बडा मुद्दा और काम है. जिससे मनपा की आमदनी में बडा इजाफा होने जा रहा है. अमरावती मनपा को प्रदेश में ड से ब श्रेणी में लाने के प्रयास हो रहे है. नागरी सुविधाओं पर ध्यान देकर मनपा यह श्रेणी प्राप्त करने का विश्वास आयुक्त ने व्यक्त किया.