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सट्टे का भी सॉफ्टवेअर

नागपुर से दो सॉफ्टवेअर मास्टर माइंड गिरफ्तार, दो दिन पुलिस कस्टडी

  • क्रिकेट का सट्टा खेलने 6 हजार रूपये महिने पर मिलता है फ्रीडम ऍप

  • शहर के कई दिग्गजों के नाम सामने आये, जांच का दायरा बढा

अमरावती प्रतिनिधि/दि.12– अपराध शाखा पुलिस ने बीते बुधवार को यहां के विश्राम नगर में छापा मारकर आयपीएल सट्टा अड्डे (IPL betting base) से यवतमाल के तीन और अकोला के एक आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता पायी थी. जिनसे की गई पूछताछ में पता चला कि, आयपीएल सट्टा चलाने के लिए वे लोग फ्रीडम (Freedom) नामक एक सॉफ्टवेअर को अपने मोबाईल के जरिये उपयोग में लाते थे और इस सॉफ्टवेअर को इंस्टॉल करने के बाद मोबाईल में आयपीएल की हर एक मैच तो दिखाई देती थी. साथ ही हर एक गेंद और हर एक विकेट के साथ-साथ मैच की हार-जीत पर लगनेवाले सट्टे के रेट भी पता चलते थे. यह सॉफ्टवेअर प्रतिमाह छह हजार रूपये के शुल्क पर मोबाईल में इंस्टॉल किया जाता और नागपुर निवासी दो लोग समूचे विदर्भ में क्रिकेट सट्टा खेलनेवाले लोगों के मोबाईल में यह सॉफ्टवेअर इंस्टॉल करने का काम करते है. जिसके बाद अमरावती शहर पुलिस ने मामले की तहकीकात करते हुए नागपुर से सट्टा सॉफ्टवेअर (Betting software) के लिए एजेंट के तौर पर काम करनेवाले सुमित शंकर नागवानी व रॉकी रमेशलाल अलवानी को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों आरोपियों को अमरावती लाने के बाद अदालत ने दो दिन पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिये है.
जानकारी के मुताबिक विदर्भ क्षेत्र के अमरावती सहित अकोला व यवतमाल में बैठे सभी बुकियों के कनेक्शन सीधे तौर पर नागपुर से जुडे हुए है और नागपुर के बुकीही पूरे विदर्भ क्षेत्र में आयपीएल सट्टे का नेटवर्क व रैकेट चलाते है. साथ ही नागपुर से समूचे मध्य भारत में क्रिकेट बुकियों द्वारा क्रिकेट सट्टा चलाया जाता है. ऐसे में अब अमरावती पुलिस सहित नागपुर पुलिस भी इस अवैध व्यवसाय की जडे खोदने के काम में जुट गयी है.

  • पहले पकडे गये चारों को मिली जमानत

वहीं इससे पहले अकोली रोड के विश्राम नगर परिसर से क्रिकेट सट्टा मामले में पकडे गये चार आरोपियों यवतमाल के सिंधी कैम्प निवासी रमेश सुगनचंद कटारिया व अविनाश विजयकुमार प्रेमचंदानी व एकता नगर निवासी आकाश राजु वीरखेडे तथा अकोला के सिंधी कैम्प निवासी राजकुमार ईश्वरलाल गेही की पीसीआर अवधि रविवार को खत्म हुई. पश्चात पुलिस द्वारा इन चारों आरोपियों को रविवार की दोपहर अदालत में पेश किये जाने पर कोर्ट ने इन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश जारी किया.
इसके साथ ही चारों आरोपी अमरावती सेंट्रल जेल भेज दिये गये. वहीं इन चारों आरोपियों द्वारा अदालत में रविवार को ही जमानत आवेदन किया गया था. जिस पर अदालत ने सोमवार 12 अक्तूबर को सुनवाई की. इस सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि, पुलिस ने इन चारों आरोपियों को धोखाधडी व जबरिया धन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया है, जबकि इस मामले में किसी के साथ कोई धोखाधडी या पैसों को लेकर जोरजबर्दस्ती नहीं हुई. साथ ही हिरासत में लिये गये चारों आरोपी पुलिस को जांच में सहयोग करने तैयार है. अत: जुआ एक्ट सहित इंडियन टेलीग्राफ अधिनियम की धाराओं के तहत मामले की जांच की जाये और आरोपियों को जमानत दी जाये. बचाव पक्ष की दलीलों को ग्राह्य मानते हुए अदालत ने चारों आरोपियों को प्रत्येक सोमवार व शुक्रवार को खोलापुरी गेट थाने में हाजरी लगाने की शर्त के साथ जमानत देना मंजूर किया. बचाव पक्ष की ओर से एड. दीप मिश्रा ने पैरवी की.

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