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आखिरकार वह मामला निकला पैसों की बारिश जैसे अंधविश्वास का

मां व मुंहबोले मामा-मामी की आंखों के सामने अल्पवयीन लड़की के साथ हुआ था दुराचार का प्रयास

  • युवती द्वारा शोर-शराबा मचाने से मामले का भांडा फूटा

  • परतवाड़ा पुलिस ने सात लोगों को लिया हिरासत में

अमरावती/दि.२८– दो दिन पूर्व परतवाड़ा पुलिस थाना अंतर्गत अंजनगांव मार्ग पर स्थित सापन नदी किनारे बने सापन मंदिर में कथित तौर पर जमीन में गढ़ा गुप्तधन खोजने का प्रयास किए जाने और इस काम हेतू किसी युवती की नरबलि दिए जाने का प्रयास किए जाने की खबर बड़ी तेजी से वायरल हुई थीं. कुछ लोगों ने यहां पर एक अधेड़ महिला व एक अल्पवयीन युवती को रोते हुए देखा था. जिन्हें दो लोग पुलिस थाने ले जाने की बात कहते हुए अपने साथ ले गए थे. लेकिन वे लोग पुलिस थाने पहुंचे ही नहीं. वहीं दूसरी ओर सापन नदी के पास स्थित सावली दातुरा गांव के लोग जब इस हंगामे की खबर सुनकर मंदिर पहुंचे तो वहां मंदिर के सभागार में एक स्थान पर खून बिखरा दिखाई दिया था. साथ ही वहां पर जादूटोणे और टोटके जैसे तंत्र-मंत्रवाले काम में प्रयुक्त होनेवाली सामग्री भी बरामद हुई थीं. जिसे लेकर संदेह लगातार गहराता चला गया. इस समय लोगों ने मंदिर के पुजारी स्वामी शिवचरण पुरी सहित वहां उपस्थित रफीक खान कासम खान नामक व्यक्ति को जमकर आड़े हाथ लेते हुए उनसे पूछताछ की थी और मामले की इत्तेला परतवाड़ा पुलिस को भी दी गई थीं. जिसके बाद पुलिस ने मामले की तहकीकात शुरू की और अब दो दिन बाद इस मामले का पर्दाफाश हुआ है. जिसके बाद जो जानकारी निकलकर सामने आयी है. उसमें सभी को हैरत में डालने के साथ ही यह सोचने पर भी मजबूर कर दिया है कि आज के विज्ञानवादी युग में भी अंधविश्वास की पकड़ कितनी गहरी है और पैसों के लालच में इंसान अंधा होकर रिश्ते नातों को भूलते हुए किस हद तक नीच गिर सकता है.
इस पूरे मामले में जो जानकारी सामने आयी है, उसके मुताबिक बीते शुक्रवार को अमरावती निवासी एक महिला अपनी अल्पवयीन बेटी को लेकर अपने मुंहबोले भाई प्रतिक उदापुरकर तथा मुंहबोली भाभी सहित शोभानगर परिसर निवासी संतोष सोनोने के साथ ऑटो में सवार होकर परतवाड़ा पहुंची, जहां पर इन्होंने बस स्टॉप परिसर के निकट धामोरिया प्लाट निवासी शुभम मोडक व बबलू थोरात को फोन लगाकर अपने आने की खबर दी. जिसके बाद यह सभी लोग सापन मंदिर पहुंचे. जहां पर पहले से संतोष सुखदेव सोनोने सहित संजय गायकवाड़ व रफीक खान कासम खान नामक ठेकेदार मौजूद थे. साथ ही यहां पर सापन मंदिर के पुजारी स्वामी शिवचरण पुरी ने तंत्रमंत्र विद्या के काम में प्रयुक्त होनेवाला पूजा साहित्य भी उपलब्ध करा रखा था. इस समय अचलपुर परिसर निवासी नईम खान नामक व्यक्ति सहित एक अन्य व्यक्ति सापन मंदिर में पहुंचे और उन्होंने इस युवती को लालच दिया कि अगर वह उनका कहना मानती है और उनके कहे अनुसार हर काम करती है तो यहां पर पैसों की बारिश होगी. जिसके बाद सभी लोग मालामाल हो जाएगे. इस समय वह अल्पवयीन युवती उन दोनों लोगों के कहे का मतलब समझ पाती उससे पहले ही उन दोनों लोगों ने युवती की मां और उसके मुंह बोले मामा-मामी सहित अन्य लोगों की आंखों के सामने उसके साथ जोर जर्बदस्ती करने का प्रयास करना शुरू किया. जिसकी वजह से युवती हड़बड़ा गयी और उसने इसका विरोध करते हुए शोर मचाना शुरू किया. जिसके बाद युवती को सभी लोगों ने धमकाना शुरू किया और युवती के बिल्कुल भी न मानने पर सभी लोग वहां से हड़बड़ी में भाग निकले.
ठीक इसी समय सावली दातुरा गांव निवासी एक युवक ने इस बदहवास युवती व उसकी मां को सड़क किनारे खड़ा देखा था, जिन्हें दो लोग अपने साथ दुपहिया वाहन पर बैठाकर ले गए थे. यह दोनों लोग इस मां बेटी के साथ सापन मंदिर में पहले से मौजूद लोगों में से ही थे, जो यहां से निकलकर एक बार फिर परतवाड़ा बस स्टॉप परिसर पहुंचे और वहां से युवती को उसकी मां तथा मुंह बोले मामा मामी के साथ ऑटो में बिठाकर अमरावती रवाना कर दिया गया. लेकिन उधर परतवाड़ा पुलिस ने रफीक खान कासम खान व मंदिर के पुजारी स्वामी शिवचरण पुरी के साथ अपने पुलिसियां अंदाज में जब पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आ गया. जिसके बाद पुलिस ने अमरावती के शोभानगर परिसर निवासी संतोष सोनोने, प्रतिक उदापुरकर तथा दो महिलाओं सहित परतवाड़ा के धामोरिया प्लाट निवासी शुभम मोहोड, बबलू थोरात, रफीक खान कासम खान, शिक्षक संतोष कलाने और अचलपुर निवासी नईम नामक व्यक्ति व संजय गायकवाड के साथ ही सापन मंदिर के पुजारी स्वामी शिवनारायण पुरी के खिलाफ भादवि की धारा ३५४, १०९, १२०, ५०३ सहित पास्को एक्ट व एट्रासिटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज करते हुए सात लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही तीन अन्य लोगों की तलाश जारी है.
इस घटना ने साबित किया है कि विज्ञान ने चाहे कितनी भी तरक्की कर ली हो और आज इंसान चांद की सीमा को पार कर मंगल की कक्षा में प्रवेश करते हुए अनंत अंतरिक्ष की परिधी को नापने की तैयारी कर रहा है, लेकिन लोगों के भीतर आदिम कालीन अंधविश्वास ने आज भी काफी गहरी पैठ बना रखी है. साथ ही अमरावती जैसे प्रगतिशील शहर से वास्ता रखनेवाले और परतवाड़ा व अचलपुर जैसे व्यवसायिक शहर में कुछ लोग इस अंधविश्वास का बुरी तरह से शिकार है. साथ ही सर्वाधिक आश्चर्य का विषय यह है कि ऐसे अंधविश्वासियों में पेशे से शिक्षक रहनेवाले संतोष कलाने नामक व्यक्ति का भी समावेश है और इस घटना के जरिए मंदिर जैसे पवित्र स्थान को कलूषीत व कलंकित करने का भी प्रयास किया गया. बहरहाल जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. हरिबालाजी एन, उपविभागीय पुलिस अधिकारी पोपटराव अब्दागिरे के मार्गदर्शन में परतवाड़ा के थानेदार सदानंद मानकर व उनकी टीम ने महद ४८ घंटे के भीतर इस पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया और पैसों की लालच में बुरी तरह से अंधे होकर रिश्तों और इंसानियत की मर्यादा को ताक पर रखनेवाले सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया. मामले में आगे की जांच अब भी जारी है.

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