सबको अपनी लापरवाही पडेगी भारी
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कोरोना के बढते संक्रमण पर चिकित्सकों की राय
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पिछले दस दिनों से कोरोना संक्रमितों के आंकडे ने मारा उछाल
अमरावती प्रतिनिधि/दि.४ – अमरावती शहर सहित जिले में कोरोना संक्रमण का सफर गत वर्ष 3 अप्रैल से शुरू हुआ था. जब हाथीपुरा परिसर में रहनेवाले एक व्यक्ति की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटीव आने के साथ ही उस व्यक्ति की इस संक्रमण की वजह से मौत हो गयी थी. पश्चात धीरे-धीरे सितंबर माह आते-आते इस संक्रमण ने अमरावती जिले में विकराल रूप धारण कर लिया था. लेकिन इसके बाद स्थिति और कोरोना संक्रमितों की संख्या नियंत्रित होते चले गये. हालांकि अक्तूबर से जारी फरवरी माह तक एक भी दिन ऐसा नहीं गया, जब रोजाना पाये जानेवाले कोरोना संक्रमितोें की संख्या शून्य रही है. किंतु राहतवाली बात यह रही कि, संक्रमितों की संख्या दहाई आंकडे तक सीमित हो गयी थी. परंतू जनवरी माह के अंतिम सप्ताह के दौरान दहाई आंकडों में तो उछाल देखा ही गया. वहीं अब संक्रमितों का आंकडा रोजाना सैकडे को पार कर रहा है. और गत रोज तो एक ही दिन के दौरान 179 मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटीव आयी है. ऐसे में हमने शहर के ख्यातनाम चिकित्सकों से इस संदर्भ में चर्चा की. साथ ही उनसे जानना चाहा कि, अकस्मात कोरोना संक्रमितोें की संख्या बढने के पीछे क्या वजह हो सकती है तथा कोरोना के इस नये दौर से खुद को बचाये रखने हेतु किस-किस तरह की सावधानियां बरती जानी चाहिए.
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बढती भीडभाड और लापरवाही जिम्मेदार
प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीते वर्ष से अब तक सैकडों बार कोरोना प्रतिबंधात्मक उपायों को लेकर आम जनता के लिए मार्गदर्शक दिशानिर्देश जारी किये जा चुके है. किंतु बावजूद इसके लोगबाग कोविड प्रतिबंधात्मक नियमोें व उपायों की अनदेखी कर रहे है. यह अपने आप में हद दर्जे की लापरवाही है. साथ ही इन दिनों चारों ओर जबर्दस्त भीडभाड का आलम है. जिसकी वजह से लोगबाग बडे पैमाने परे एक-दूसरे के संपर्क में आ रहे है और संक्रमित हो रहे है. ऐसे में यह जरूरी है कि, हर कोई पहले की तरह मास्क, सैनिटाईजर व सोशल डिस्टंसिंग की त्रिसूत्री का पालन करे, तभी इस बीमारी के संक्रमण से बचा जा सकता है.
– डॉ. श्यामसुंदर निकम
जिला शल्य चिकित्सक
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बदलते मौसम का भी असर
इन दिनों जहां एक ओर शहर सहित जिले में हर ओर जबर्दस्त भीडभाड का आलम है और लोगबाग कोविड प्रतिबंधात्मक उपायों को लेकर पूरी तरह से लापरवाही हो चले है. वहीं दूसरी ओर इन दिनोें मौसम में बडी तेजी के साथ बदलाव हुआ है और वायरल इंफेक्शन बढ गये है. इन दिनों सर्दी-खांसी व मौसमी बुखार का प्रमाण बढ जाने से कोविड टेस्ट का प्रमाण भी बढ गया है और पहले की तुलना में पॉजीटीव रिपोर्ट अधिक आ रही है. वहीं जनवरी माह में कोरोनो संक्रमण की दूसरी लहर आने का अंदेशा पहले ही जता दिया गया था. हालांकि इसे आने में करीब एक माह का विलंब हुआ है. यह स्थिति कई शहरोें में इससे पहले ही आ चुकी है. ऐसे में अब सभी को चाहिए कि, वे पहले से भी अधिक सजग व सतर्क रहे. क्योेंकि पहले कई तरह के सरकारी प्रतिबंध लागू थे. वहीं अब हर एक को स्वअनुशासन का परिचय देना होगा.
– डॉ. रवि भूषण
इंचार्ज, सुपर कोविड हॉस्पिटल
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लोग बीमारी को मजाक और हल्के में ले रहे है
जिस समय यह कहा गया कि, इस बीमारी की दूसरी लहर भी आ सकती है, तो कई लोगों ने इसे मजाक में लिया था और लॉकडाउन में छूट मिलते ही हर कोई बेखौफ व बिनधास्त होकर घुमने लगा.यहीं वजह है कि, इस बीमारी को अब तक खत्म नहीं किया जा सका है, और अब इस बीमारी का दूसरा दौर भी शुरू हो चुका है. यह कोरोना का नया स्ट्रेन हो सकता है. जिसकी प्रशासन द्वारा जांच करायी जानी चाहिए. यदि इस बार अगस्त व सितंबर माह की तरह कोरोना संक्रमितों की संख्या बढती है, तो हालात को नियंत्रित करने में काफी मुश्किल आ सकती है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, मास्क व सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन करने के साथ ही बार-बार हाथ धोने की आदत को जारी रखा जाये.
– डॉ. प्रफुल्ल कडू
गुरूकृपा हॉस्पिटल
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मुझे नहीं होगा, वाली सोच है घातक
इन दिनोें अधिकांश लोग यह सोचते है कि, उन्हें कोरोना नहीं होगा. यही सोच सबसे ज्यादा घातक है और इसी सोच की वजह से आये दिन दर्जनों लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे है. ऐसे में अब बेहद जरूरी है कि, लोगबाग पिछले अनुभव से सबक लेते हुए आगामी खतरे को भांपकर अभी से सजग व सतर्क रहे, तभी हालात को नियंत्रित रखा जा सकेगा, अन्यथा स्थिति पहले से भी ज्यादा विस्फोटक हो सकती है. इन दिनों लोगबाग बडे धडल्ले के साथ शादी-ब्याह समारोह में शामिल हो रहे है और दूसरे शहरोें की यात्रा भी कर रहे है. जिसका परिणाम यह हो रहा है कि, पूरा का पूरा परिवार ही कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहा है. साथ ही युवाओें की लापरवाही स्वास्थ्य एवं प्रतिरोधक क्षमता कमजोर रहनेवाले बुजुर्गों पर भारी पड रही है. ऐसे में हर किसी को पहले से भी अधिक सजग व सतर्क रहना होगा.
– डॉ. विजय बख्तार
बख्तार हॉस्पिटल
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एहतियात ही सबसे बडी सुरक्षा
पिछले कई दिनों से लोग कोरोना के खतरे को लेकर काफी हद तक लापरवाह हो चुके है तथा मास्क व सोशल डिस्टंसिंग जैसे नियमोें का पालन भी नहीं कर रहे. यहीं सबसे गंभीर चूक है. सभी लोगोें ने यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि, जब तक हर एक व्यक्ति को कोविड वैक्सीन नहीं लग जाती, तब तक इस बीमारी का खतरा बरकरार है. ऐसे में एहतियात ही सबसे बडी सुरक्षा है. इन दिनों भले ही सरकार ने लॉकडाउन के नियमोें को शिथिल करते हुए कई तरह की सहूलियते और अनुमति प्रदान की है, लेकिन उसके साथ ही कुछ जरूरी दिशानिर्देश भी दिये है. जिनका पालन करना बेहद जरूरी है. हर किसी ने इस बात का घर से बाहर रहते समय ख्याल रखना चाहिए कि, कहीं वे अपनी लापरवाही के चलते बाहर से कोरोना वायरस के संक्रमण को अपने साथ अपने घर तो नहीं ले जा रहे.
– डॉ. सोहेल बारी
बेस्ट हॉस्पिटल