मनपा प्रभाग रचना व आरक्षण ड्रॉ पर सभी की नजर
एक अथवा बहुसदस्यीय पध्दति को लेकर संभ्रम
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चुनाव लडने के इच्छुक अभी से लगे काम पर
अमरावती/प्रतिनिधि/दि.४ – आगामी मार्च २०२२ में महानगरपालिका के मौजूदा सदस्य का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. ऐसे में फरवरी २०२२ में मनपा के आमचुनाव कराए जाने की संभावना है. इसके चलते राज्य निर्वाचन विभाग द्वारा प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप तैयार करने का काम शुरू करने हेतु निर्देशित किया जा चुका है. किंतु जहां एक ओर राज्य निर्वाचन आयोग ने आगामी चुनाव एक सदस्यीय प्रभाग पध्दति से कराने की बात कही. वही दूसरी ओर राज्य सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया है कि एक सदस्यीय अथवा बहुसदस्यीय पध्दति को लेकर फैसला बाद में किया जायेगा. ऐसे में कितने सदस्यों का प्रभाग होगा इसे लेकर कुछ हद तक संभ्रम देखा जा रहा है. किंतु अधिकांश लोग यही मानकर चल रहे है कि अमरावती मनपा में पहले की तरह एक सदस्यीय पध्दति यानी वार्ड पध्दति से ही चुनाव होंगे. ऐसे में चुनाव लडने के इच्छुको ने अपने अपने वार्ड स्तर पर तैयारियां भी शुरू कर दी है. साथ ही अब सभी की निगाहे प्रभाग रचना के साथ साथ आरक्षण के ड्रॉ की ओर से लगी हुई है.
बता दे कि वर्ष १९९२ मेंं अमरावती महानगरपालिका का पहला चुनाव हुआ था. इसके बाद से अब तक अमरावती मनपा के छह आम चुनाव हो चुके है. जिसमेंं से वर्ष १९९२, वर्ष १९९७ तथा वर्ष २००७ में एक सदस्यीय प्रभाग पध्दति से चुनाव कराए गये थे. वहीं वर्ष २००२, वर्ष २०१२ तथा वर्ष २०१७ में बहु सदस्यीय प्रभाग पध्दति अमल में लायी गई. जिसके तहत २,३ व ४ सदस्यीय प्रभाग पध्दति पर अमल किया गया. हालाकि बीपीएमसी एक्ट के मुताबिक एक प्रभाग में अधिकतम पांच सदस्य भी रखे जा सकते है. किंतु अमरावती सहित महाराष्ट्र की अन्य कई महानगरपालिकाओं में अब तक अधिकतम चार सदस्यीय प्रभाग पध्दति पर ही अमल किया गया. किंतु इस बहुसदस्यीय प्रभाग पध्दति को संगठनात्मक रूप से मजबूत रहनेवाले राजनीतिक दलों के लिए भी फायदेमंद कहा जा सकता है. लेकिन आम जनता यानी नागरिको के लिए इस पध्दति को सिरदर्द माना जा सकता है. क्योंकि पार्षदों द्वारा अपनी जिम्मेदारी प्रभाग के दूसरे पार्षदों पर ढकेल दी जाती है. ऐसे में कुल नागरिको द्वारा बहुसदस्यीय प्रभाग पध्दति का विरोध किया जाने लगा है. इसके मदद्देनजर राज्य सरकार की ओर से एक बार फिर एक सदस्यीय प्रभाग पध्दति यानी वार्ड पध्दति को अमल में लाया जाने का विचार किया जा रहा है. इसके लिए वर्ष २०११ की जनगणना को ही ग्राह्य माना जायेगा. किंतु इससे पहले अमरावती मनपा क्षेत्र तीन बार एक सदस्यीय प्रभाग पध्दति के चुनाव हो चुके है. वहीं बहुसदस्यीय प्रभाग पध्दति ने भी पहले वार्डो का परिसीमन किया गया. हर प्रभाग में चार चार वार्ड शामिल किए गये. इसके चलते इस बार भी वार्डो के परिसीमन ने कोई विशेष फर्क नहीं पड़ेगा. ऐसा माना जा सकता है. अलबत्ता पांच वर्ष के दौरान शहर में हुए विस्तार व बदलाव के चलते कुछ वार्डो के नक्शे जरूर बदल सकते है. ऐसे में अब चुनाव लडने के इच्छुको की निगाहे वार्ड रचना के साथ साथ वार्डो के आरक्षित होने की ओर भी लगी हुई है और अपने वार्ड के साथ साथ अगल बगल के एक दो वार्ड को भी टटोला जा रहा है ताकि यदि खुद का वार्ड आरक्षण के ड्रॉ में चला जाता है तो किसी अन्य वार्ड से चुनाव लडा जा सके. इसके साथ ही इन दिनों विभिन्न पार्टियों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं सहित चुनाव लडने के इच्छुको द्वारा टिकट के लिए लाबिंग व फिल्डिंग करने के साथ साथ जनसंपर्क अभियान पर भी काम किया जा रहा है.