दिल्ली दि.11 महाराष्ट्र के सत्ता संघर्ष का बहुप्रतीक्षित फैसला आखिरकार आज आ गया. जिसमें उच्चतम न्यायालय की पांच जजों की संविधान पीठ ने भले ही एक नाथ शिंदे की हुकूमत कायम रखी. किंतु भरत गोगावले, देवेंद्र फडणवीस और सबसे बडी बात महामहिम राज्यपाल कोश्यारी की अनेक बातों के लिए आलोचना की है. कोर्ट ने फैसले में तत्कालीन विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस व्दारा राज्यपाल को पत्र लिखे जाने की कृति पर फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि, फडणवीस सीधे अविश्वास प्रस्ताव ला सकते थे.
ठाकरे सरकार के खिलाफ बहुमत परीक्षण हेतु फडणवीस ने राज्यपाल कोश्यारी को पत्र लिखा था. इस पत्र पर राज्यपाल ने बहुमत परीक्षण के निर्देश दिए थे. न्यायालय ने कहा कि, इस पत्र में असंतुष्ट विधायकों व्दारा सरकार के समर्थन वापस लेने का कोई उल्लेख नहीं था. केवल एक पत्र के आधार पर राज्यपाल व्दारा बहुमत परीक्षण का निर्णय बडी भूल है. कोर्ट ने कहा कि, फडणवीस और उनके साथ के 7 विधायकों ने ठाकरे के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए था. मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया. कोर्ट ने अध्यक्ष के अधिकारों का प्रकरण सात सदस्यीय संविधान पीठ को भेजा है. शिंदे गट व्दारा नियुक्त भरत गोगावले की नियुक्ति को ही गैर कानूनी बताया गया है.