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फर्जी कंपनी ने डूबोया व्यापारियों का पैसा

प्रवीण खंडार पर मामला दर्ज

  • राजेश पाल ने किया आत्मसमर्पण

  • मुख्य आरोपी अब भी फरार

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१७ – फर्जी कंपनी स्थापित कर छोटे बडे व्यापारियों का पैसा डूबोेने के मामले की शिकायत वलगांव पुलिस थाने में दर्ज कराई गई थी. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने बच्छु टेकडी परिसर में रहने वाले प्रवीण खंडार नामक आरोपी को हिरासत में लिया था. वहीं इस मामले में दूसरा आरोपी राजेश पाल ने 12 तारीख को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. जिसके बाद आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने उसे हिरासत में लेकर न्यायालय में पेश किया है, लेकिन अभी भी इस मामले का मुख्य आरोपी फरार बताया गया है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अमरावती की बच्छू टेकडी परिसर में रहने वाले प्रवीण खंडार सहित अन्य कुछ लोगों ने वलगांव परिसर में इंडियन कॉटन कंपनी की स्थापना की थी. इस कंपनी में व्यापारियों ने पैसे जमा कराये थे, लेकिन कंपनी की ओर से वर्ष 2012 से 2016 के दरमियान का तकरीबन 4 करोड 18 लाख रुपए का टैक्स भरा नहीं था. यह टैक्स का भुगतान न करते हुए कंपनी को ताला लगाकर आरोपी फरार हो गए थे. इस संबंध में व्यापारियों ने जब अपना पैसा पूरी तरह से डूब गया तो अमरावती के विक्रीकर अधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई. इस मामले की गंभीरता से जांच पडताल करने के बाद बीते 15 जनवरी को वलगांव पुलिस थाने में विक्रीकर अधिकारी ने शिकायत दर्ज कराई. इस शिकायत के आधार पर वलगांव पुलिस ने प्रवीण खंडार को हिरासत में लिया. इसके बाद उसे कडी पूछताछ करने के बाद उसने अपने साथियों का नाम भी बताया, लेकिन प्रवीण खंडार के ज्यादातर साथी फरार रहने से पुलिस उन तक नहीं पहुंच पा रही थी. पुलिस ने बताया कि प्रवीण खंडार केवल एक मोहरा था. जबकि बडी मछलियां अभी भी जाल में फंसना बाकी है. वलगांव पुलिस ने इस मामले को आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दिया. आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने मामले की छानबीन करना आरंभ कर दिया. इसी समय इंडियन कॉटन कंपनी की स्थापना में सहयोग देने वाला राजेश पाल ने 12 दिसंबर को न्यायालय में पहूंचकर आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने उसे हिरासत में ले लिया. आज राजेश पाल को न्यायालय में पेश किया गया. आर्थिक अपराध शाखा अब इस मामले की जांच में जूटी हुई है.
बता दें कि वलगांव ही नहीं बल्कि वरुड व मोर्शी में भी व्यापारियों का पैसा डूबाने का काम फर्जी कंपनी के आरोपिया ने किया है. जिसके चलते अब आर्थिक अपराध शाखा पुलिस प्रत्येक कडियों को जोडने का काम कर रही है. वहीं इस मामले का मुख्य आरोपी अभी भी फरार बताया जा रहा है.

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