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आरटीओ के सामने चल रहा था फर्जीवाड़ा

गाडगेनगर पुलिस ने मारा छापा, ऑफिस किया सिल

  • तीन हजार रूपये में बेचता था नकली सर्टिफिकेट

  • डॉक्टर के सिक्के भी किये पुलिस ने जप्त

अमरावती/प्रतिनिधि दि.28 – स्थानीय प्रादेशिक परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के सामने ही पिछले कुछ महिनों से लाईसेन्स के लिए आवश्यक रहनेवाले बोगस फिटनेस सर्टिफिकेट बनाने का काम शुरू था. आज गाडगेनगर पुलिस ने यहां छापामार कार्रवाई करते हुए 3 हजार रूपये में बोगस फिटनेस सर्टिफिकेट बेचनेवाले दुकान पर छापा मारकर वहां से कंप्यूटर, डॉक्टर के कुछ सिक्के तथा झेरॉक्स मशीन भी जप्त की है. पुलिस ने इस कार्यालय को सील करते हुए दुकान के संचालक योगेश प्रभुदास घोगे को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.
उल्लेखनीय हैं कि, ड्राईविंग लाईसेन्स जिसे निकालना है, उस व्यक्ति की उम्र अगर 40 वर्ष से ज्यादा रही, तो उसे नियम के अनुसार फिटनेस सर्टिफिकेट देना आवश्यक रहता है. अधिकतर लोगों को 40 वर्ष की उम्र के बाद आंखों में खराबी की शिकायत तथा किसी को मोतीयाबिंद अथवा अन्य कुछ शिकायत पायी गयी, तो उसे मिलनेवाले फिटनेस सर्टिफिकेट में इसकी नोंद की जाती है और यह नोंद रहने पर आवेदनकर्ता का ड्राईविंग लाईसेन्स रद्द किया जाता है. ड्राईविंग लाईसेन्स निकालने इच्छूक लोगोें की इन्हीं कमजोरी का फायदा उठाकर आरटीओ कार्यालय के सामने नवंबर 2020 के दौरान ज्ञानेश्वर मोटर ड्राईविंग स्कुल नाम से एक दूकान योगेश प्रभुदास घोगे ने यहां खोली थी. इस ज्ञानेश्वर मोटर ड्राईविंग स्कुल की आड में योगेश घोगे ड्राईविंग लाईसेन्स के लिए आवश्यक फिटनेस सर्टिफिकेट तीन से चार हजार रूपये में बेचने का व्यवसाय करता था. यह बात यशोदानगर निवासी नितीन भगवंत गाडे नामक व्यक्ति के निदर्शन में आयी. उसने गाडगेनगर पुलिस थाने में जाकर शिकायत दर्ज की. इस शिकायत पर आज गाडगेनगर थाने के पीएसआई राजू लेवटकर अपने दल-बल के साथ ज्ञानेश्वर ड्राईविंग स्कुल में पहुंचे. पहले कुछ देर तक उन्होंने दुकान भीतर से बंद कर वहां की छानबीन की. पुलिस के अनुसार इस ड्राईविंग स्कुल में डॉ. वैभव गरकड के नाम का एक सिक्का तथा ढोले ड्राईविंग स्कुल (वरूड) व महाराष्ट्र ड्राईविंग स्कुल के सिक्के मिले. इसके अलावा पुलिस ने इस ड्राईविंग स्कुल से फिटनेस सर्टिफिकेट, कंप्यूटर, प्रिंटर व झेरॉक्स मशीन जप्त कर इस ऑफिस को सिल किया. यह कार्रवाई जब चल रही थी, तब गाडगेनगर के थानेदार आसाराम चोरमले ने भी घटनास्थल को भेट दी थी. दोपहर खबर लिखे जाने तक पुलिस ज्ञानेश्वर मोटर ड्राईविंग स्कुल के संचालक योगेश प्रभुदास घोगे को हिरासत में लेकर थाने में ले गयी थी. खबर है कि, योगेश घोगे ने यह ड्राईविंग स्कुल नवंबर 2020 में खोली थी और यहां से बेचे जानेवाले बोगस सर्टिफिकेट के बल पर अनेकोें ने ड्राईविंग लाईसेन्स भी निकाले है.

 क्या आरटीओ अधिकारियों का दुर्लक्ष रहा

पिछले कुछ वर्षों से ड्राईविंग लाईसेन्स का आवेदन ऑनलाईन किया गया है. ऑनलाईन आवेदन और लाईसेन्स शुल्क भरने के बाद आरटीओ की ओर से ड्राईविंग लाईसेन्स निकालने इच्छुकोें को परीक्षा की तारीख दी जाती है. वहां आरटीओ ऑफिस में उसकी परीक्षा ली जाती है. लेकिन इस परीक्षा से पहले सभी ऑनलाईन कागजातों की खानापूर्ति आरटीओ के संबंधित निरीक्षक करता है, जब अनेकों आवेदनों को जोडे गये फिटनेस सर्टिफिकेट पर एक ही डॉक्टर का सिक्का व हस्ताक्षर देखे जाने के बाद भी वह फर्जी हो सकते है. इसका अंदाजा आरटीओ अधिकारियों को कैसे नहीं आया. यह प्रश्न भी उपस्थित किया जा रहा है. इस कारण पुलिस अगर इस मामले के जड तक गयी, तो आरटीओ के कुछ कर्मचारी व एजेेंट इस मामले में फंस सकते है.

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