व्यापारियों से वसूली करने वाला नकली पुलिस गिरफ्तार
निर्धारित समय के बाद शुरु रहने वाले दुकानों को बनाता था निशाना
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राजापेठ पुलिस ने युनिफार्म के साथ लिया हिरासत में
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सबनीस प्लॉट परिसर की घटना
अमरावती/प्रतिनिधि दि. 21 – फिलहाल कोरोना की पृष्ठभूमि पर शाम 4 बजे के बाद संचारबंदी शुरु होती है और समूची बाजारपेठ बंद हो जाती है. इसी दौरान जो दुकानें शुरु दिखाई देती है, वह पुलिस की ओर से बंद की जाती हेै. इसी संधी का गैरफायदा लेकर एक 27 वर्षीय युवक ने पिछले कुछ दिनों से शहर में नकली पुलिस बनकर पैसे वसूलने का गोरखधंधा शुरु किया था. इस नकली पुलिस को राजापेठ पुलिस ने कल मंगलवार की शाम पुलिस गणवेश में रहते समय ही रंगेहाथों गिरफ्तार किया है. विनायक सुधाकर इंगले यह इस नकली पुलिस का नाम है. जो वाशिम जिले के विचोरी मानोरा गांव का मुल निवासी है और पिछले कुछ दिनों से वह पत्नी के साथ गाडगे नगर थाना क्षेत्र में किराये पर रहता है.
जानकारी के अनुसार एक कथित पुलिस पिछले दो दिनों से राजापेठ व फे्रजरपुरा क्षेत्र में पुलिस का ड्रेस परिधान कर दुकानदारों को धमकाकर तथा कार्रवाई करने की बात कहकर प्रति 1 हजार रुपए ले रहा है, इस तरह की जानकारी राजापेठ पुलिस को मिली थी. इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने उसकी तलाश शुरु की. इस बीच कल मंगलवार की शाम 6 से 7 बजे के दौरान पुलिस आयुक्त डॉ.आरती सिंह के मार्गदर्शन में राजापेठ के थानेदार मनीष ठाकरे, एपीआई योगेश इंगले, सागर सरदार, दिनेश भिसे, छोटेलाल यादव, निलेश गुल्हाने, पवन घोम, नरेश मोहरील और विकास गुडधे इस दल ने सबनीस प्लॉट परिसर की एक दुकान से इस नकली पुलिस को बाहर निकलते देख लिया. जिस दुकान से वह बाहर निकला, उस दुकान मालिक से पुलिस ने पूछताछ की. उसने दुकान मालिक को पुलिस का आईकार्ड दिखाकर दुकान क्यों खुला रखा, एक तो चालान लो, नहीं तो हजार रुपए दो ऐसा कहा. यह नकली पुलिस पिछले कुछ दिनों से शहर में वसूली कर रहा था. जिस दुकान से वह निकला वहां से कुछ ही दूरी पर पुलिस ने जाल बिछाकर उसे हिरासत में लिया. विनायक इंगले ने पहना हुआ युनिफार्म, अमरावती पुलिस का बनाया हुआ आईकार्ड जब्त किया है. आरोपी विनायक इंगले ने यह आईकार्ड कैसे बनाया और किससे बनवाया, इसकी जांच राजापेठ पुलिस कर रही है. वह शहर में कितने दिनों से इस तरह दुकानदारों को लूट रहा है, इस बारे में भी पुलिस उससे पूछताछ करेगी.
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ऐसी थी पैसे लूटने की पध्दत
जानकारी के अनुसार विनायक इंगले ने खाकी गणवेश पुणे में सिलाया. पुलिस की तरह ही वह काला जुता पहनता था तथा उसके घर से ‘पुलिस’ लिखा हुआ टी शर्ट, टोपी पुलिस ने जब्त की है. साथ ही वह अनेक पुलिस इस्तेमाल करते है वैसा ‘डी’ आकार का काला गॉगल लगाता था. काफी उंचा व शरीर से मजबूत रहने के कारण वह पुलिस कर्मचारी होगा, ऐसा अनेकों को लगता था. शाम 4 के बाद वह दुकानदारों के पास जाता था. समय खत्म हुआ फिर भी दुकान कैेसे शुुरु, तत्काल बंद करें, आप को अब 1 हजार रुपए चालान देनी होगी, ऐसा दुकानदारों को कहता था. साथ ही एक रजिस्टर में उसने कुछ नाम लिखे थे. उसके आगे चालान रकम लिखकर जिन दुकानदारों से रकम वसूल करनी है, उन्हें वह दिखाता था और कहता था कि देखों दुकानोंदारों ने मुझे इतनी रकम दी है, आप भी दो.
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पत्नी से कहा फिलहाल मैं निलंबित हूं
विनायक इंगले यह विवाहित है. वह पत्नी के साथ शहर में पिछले कुछ महिनों से किराये पर घर लेकर रहता है, लेकिन वह सही नहीं तो नकली पुलिस रहने की बात उसकी पत्नी को भी पता नहीं थी. पत्नी को उसके पुलिस रहने बाबत कुछ दिन पहले संदेह हुआ और उसने पूछा तब उसने कहा कि वह फिलहाल सस्पेंड है. साथ ही निलंबित रहने से पैसे नहीं इस कारण पिछले 5 से 6 दिनों से वह रंगरोगन के काम पर जाता था, ऐसा उसकी पत्नी ने पुलिस को बताया. इतना ही नहीं तो जालसाजी करने वाले इस महाठग के पास रहने वाली दुपहिया भी चोरी की है. वह 8 दिन पहले गाडगे नगर थाना क्षेत्र से चोरी गई है. विशेष यह कि वह जिस क्षेत्र में किराये से रहता था, उस क्षेत्र में भी वह सही पुलिस रहने का दिखावा करता था. क्योंकि उसे पुलिस व्दारा हिरासत में लेने के बाद जब पुलिस ने घर तलाशी के लिए उसके घर गए तब परिसर में चर्चा यह थी कि पुलिस वाले के घर पुलिस आती ही रहती है. इस कारण आज भी आये होेंगे.