शहर में अब भी चल रहा कोविड इन्शुरन्स के नाम पर फर्जीवाडा
कोरोना के फर्जी रोगी के नाम पर निकाले जा रहे बीमा राशि के क्लेम
* एक सजग महिला की ईमानदारी से सामने आया मामला
* सीपी के पास पहुंची शिकायत, अपराध शाखा को सौंपी गई जांच
अमरावती/दि.2- फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स करवाने के नाम पर शहर के एक निजी अस्पताल में पॉलीसीधारक की स्वास्थ्य जांच कराते हुए बाद में उसे कोविड संक्रमित मरीज बताकर इन्शुरन्स कंपनी से ढाई लाख रूपये का क्लेम जारी करवाने का गोरखधंधा एक सजग महिला की ईमानदारी के चलते सामने आया है. जब इस सजग महिला ने अपने खाते में आयी ढाई लाख रूपये की रकम का लालच किये बिना वह रकम बीमा कंपनी को वापिस लौटायी. साथ ही पूरे फर्जीवाडे की जानकारी शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह से मुलाकात करते हुए उन्हें बतायी. जिसके बाद इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी गई.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक स्थानीय बोहरा गली परिसर निवासी एक प्रतिष्ठित परिवार की महिला से उसके परिचय में रहनेवाली और बीमा एजेंट के तौर पर काम करनेवाली एक महिला ने हेल्थ इन्शुरन्स पॉलीसी निकालने का निवेदन किया और इस संभ्रांत महिला द्वारा फैमिली हेल्थ पॉलीसी लेने पर हामी भरते ही उसे मेडिकल चेकअप् के लिए श्रीकृष्ण पेठ परिसर स्थित निजी अस्पताल में ले जाया गया. जहां पर करीब तीन-चार दिनों तक रोजाना चक्कर काटने के बावजूद उनका कोई मेडिकल चेकअप् नहीं हुआ. किंतु इसके करीब चार माह बाद उन्हें रिलायन्स इंशुरन्स कंपनी से एक वेरिफिकेशन कॉल आयी. जिसमें पूछा गया कि, क्या आप लोग श्रीकृष्णपेठ स्थित निजी कोविड अस्पताल में बतौर कोविड पॉजीटीव मरीज भरती थे और क्या आपने इसके लिए इन्शुरन्स क्लेम किया है. तो इस परिवार के लोगों को काफी आश्चर्य हुआ, क्योंकि उनमें से कोई भी कभी कोविड संक्रमित नहीं हुआ और उन्होंने कोई इन्शुरन्स क्लेम भी नहीं किया था. लेकिन इसके बावजूद रिलायन्स इन्शुरन्स कंपनीवालों के पास उनके पूरे दस्तावेज थे, जिसके आधार पर रिलायन्स इन्शुरन्स कंपनी उन्हें ढाई लाख रूपये देने के लिए तैयार थी. किंतु इस परिवार ने वह पैसा लेने से मना कर दिया. वहीं इसके बाद उन्हें लिबर्टी इन्शुरन्स, इफ्को टोकियो इन्शुरन्स व स्टार हेल्थ इन्शुरन्स से भी कोविड बीमा क्लेम के लिए फोन आने लगे और लिबर्टी इन्शुरन्स ने तो इस संभ्रांत महिला के बचत खाते में ढाई लाख रूपये भी जमा करा दिये. इस रकम को भी उन्होंने वापिस लौटाने की तैयारी दर्शाते हुए इस बारे में शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह से मुलाकात करते हुए उन्हें जानकारी दी और पूरे मामले से अवगत होने के बाद सीपी डॉ. आरती सिंह ने मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा के पीआई शिवाजी बचाटे को सौंपी.
* महिला एजेंट की बजाय उसका पति पहुंचा पुलिस के समक्ष
इस बारे में जानकारी मिलते ही आर्थिक अपराध शाखा द्वारा फैमिली इन्शुरन्स प्लान बेचने के नाम पर फर्जी तरीके से कोविड मरीज खडे करते हुए कोविड क्लेम का दावा पेश करनेवाली महिला बीमा एजेंट को पुलिस ने पूछताछ हेतु पुलिस आयुक्तालय बुलवाया. किंतु इस महिला की बजाय उसका पति आर्थिक अपराध शाखा के समक्ष उपस्थित हुआ. जिसने पुलिस को बताया कि, फिलहाल उसकी पत्नी की तबियत ठीक नहीं और वह बाद में बयान देने हेतु आयेगी.
* इससे पहले भी उछला था ‘उस’ अस्पताल का नाम
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इससे पहले भी कोविड इन्शुरन्स क्लेम के नाम पर शहर में जमकर फर्जीवाडा होने की खबरें सामने आयी थी और सर्वाधिक खास बात यह है कि, उस समय भी श्रीकृष्ण पेठ परिसर स्थित निजी कोविड अस्पताल का नाम इस फर्जीवाडे में शामिल रहने को लेकर जमकर उछला था. उस समय कई निजी इन्शुरन्स कंपनियों द्वारा कोविड की महामारी के मद्देनजर लोगों को आर्थिक सुरक्षा कवच देने हेतु अलग-अलग तरह की पॉलीसियां तैयार की गई थी. जिनकी बीमा एजेंटों के जरिये जमकर बिक्री भी की गई. बाद में दबी जुबान में यह चर्चा सामने आयी थी कि, कई बीमा एजेंटों ने अपने ग्राहकों का ब्यौरा इस अस्पताल के साथ साझा किया था और कई बीमा धारकों की कोविड टेस्ट रिपोर्ट को जानबूझकर पॉझीटीव दिखाते हुए इन्शुरन्स क्लेम किया गया. जिसे आपस में बांट लिया गया. वहीं कई सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा कोविड संक्रमण काल के दौरान सवैतनिक अवकाश का लाभ लेने हेतु भी फर्जी तरीके से पॉजीटीव रिपोर्ट दिखाये जाने का मामला सामने आया था. इसे लेकर भी जमकर हंगामा मचा था. ऐसे में अब यह देखनेवाली बात है कि, आखिर पुलिस महकमे व प्रशासन द्वारा उक्त अस्पताल के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है.