अमरावती/प्रतिनिधि दि.16 – यवतमाल जिले की दिग्रस तहसील के कलगांव निवासी किसान भाई बहन ने आज विभागीय आयुक्त कार्यालय परिसर में आत्मदाह करने की कोशिश की गई . हालाकि पुलिस ने तुरंत समय सूचकता दिखाते हुए दोनों किसान भाई बहन को एनटी करप्शन विभाग कार्यालय के सामने से हिरासत में लिया. मिली जानकारी के अनुसार कलगांव निवासी नितेश जवादे और उसकी बहन कल्पना जवादे ने आज विभागीय आयुक्त कार्यालय परिसर में आत्मदाह करने का प्रयास किया. इससे पूर्व भी दोनों भाई बहन ने 10 जून को जिलाधिकारी को निवेदन देकर न्याय नहीं मिलने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी.
कल्पना और नितेश जवादे का कहना रहा कि वे अपने पुश्तैनी जमीन मशक्कत कर रहे है. वारिसाना हक्क से मिली यह जमीन अब उनके कब्जे में है. साल 1972 से उनके पिता जमीन पर खेती बाडी कर रहे थे. पहले यह सरकारी जमीन थी. लेकिन सरकार ने 1978 में जमीन नियमानुकूल कर जमीन का मालिकाना पट्टा पिता और दादी को बहाल किया गया है. इस जमीन का खेत सर्वे दर्ज करते समय जानबूझकर गलती की गई है. इस संदर्भ में साल 1985-86 में उनके पिता द्बारा शिकायत दाखिल कर खेत सर्वे नं. में दुरूस्ती की मांग की गई थी. लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद गांव के कुछ लोगों का मालिकाना हक्क वन जमीन पर दिखाये जाने के बाद उन जमीनों को वन विभाग ने अपने कब्जे में लिया. इसके बाद उपविभाग के अधिकारी से जमीन नियमानुकूल व मालिकाना पट्टा मिलने से खेत सर्वे नं. की दुरूस्ती कर जमीनों की सुरक्षा करने का निवेदन दिया. जिस पर पुसद के उपविभागीय अधिकारी ने स्थगनादेश दिया व जमीन के संदर्भ में अगला आदेश आने तक जमीन पर मालिकाना हक्क बरकरार रखने का स्थगनादेश दिया गया. बावजूद इसके नियमों को ताक पर रखते हुए 7 जून को नायब तहसीलदार विजय इंगोले, पटवारी नारायण हगवणे, मंडल अधिकारी ने अनाधिकृत तरीके से खेत पर कब्जा करने के लिए ट्रैक्टर घुमाकर खेत की फसलों का नुकसान किया. इतना ही नहीं तो पुलिस बल का उपयोग कर फर्जी मामले भी दर्ज कराए. इस संबंध में शिकायत दर्ज करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके चलते दोनों भाई बहनों ने आत्मदाह करने का प्रयास किया.