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बाघ के हमले में किसान की मौत

हतरु गांव के जंगल की घटना

* जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे विधायक पटेल
* मृतक के परिजनों को तुरंत दिलायी सरकारी सहायता
अमरावती /दि.18– आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र की चिखलदरा तहसील अंतर्गत हतरु गांव के पास स्थित जंगल में बाघ द्वारा 48 वर्षीय किसान पर हमला कर उसे जान से मार दिये जाने का मामला सामने आया है. इस घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल तुरंत ही हतरु गांव पहुंचे तथा उन्होंने अपनी देखरेख के तहत वनविभाग एवं पुलिस विभाग के जरिए पंचनामे की प्रक्रिया पूर्ण करवाई. जिसके उपरान्त मृतक के शव को पोस्टमार्टम हेतु चुर्णी स्थित उपजिला अस्पताल भिजवाया गया. साथ ही इसी दौरान विधायक राजकुमार पटेल ने अमरावती की मुख्य वनसंरक्षक तथा मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की क्षेत्र संचालक जयोति बैनर्जी से संपर्क करते हुए मृतक के परिवार को 1 लाख रुपए की तत्कालिक सहायता राशि का धनादेश दिलवाया. साथ ही आगे भी वनविभाग के नियमानुसार संबंधित परिवार को आवश्यक सानुग्रह अनुदान राशि देने का निर्देश दिया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक हतरु गांव निवासी नंदा जाजू कास्देकर नामक 48 वर्षीय किसान एवं मवेशी पालक गत रोज दोपहर अपने मवेशियों को देखने हेतु जंगल की ओर गया था. लेकिन वहां से वापिस ही नहीं लौटा. ऐसे में आज सुबह उसके परिजनों एवं गांववालों ने जंगल में जाकर उसकी खोजबीन करनी शुरु की, तो एक स्थान पर उसका रक्तरंजित शव पडा दिखाई दिया. जिसे देखते ही यह अनुमान हो गया कि, उस पर किसी जंगली जानवर द्वारा हमला किया गया था तथा शरीर पर रहने वाले जख्मों को देखते हुए अनुमान लगाया गया कि, हमला करने वाला जंगली जानवर निश्चित तौर पर बाघ ही रहा होगा. यह सूचना तुरंत ही धारणी पुलिस सहित वनविभाग को दी गई. जिसके बाद दोनों महकमों के अधिकारी दल-बल सहित मौके पर पहुंचे और पंचनामे की प्रक्रिया शुरु की गई.
विशेष उल्लेखनीय है कि, क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल गत रोज मुंबई में थे और आज सुबह ही अमरावती पहुंचे. जिन्हें अमरावती में कुछ पूर्व नियोजित काम भी थे. परंतु उन्हें जैसे ही हतरु गांव की घटना के बारे में पता चला, तो वे तुरंत ही अमरावती से हतरु गांव के लिए रवाना हुए और हतरु पहुंचकर उन्होंने संबंधित परिवार को सांत्वना दी. साथ ही पंचनामे की प्रक्रिया के बाद शव को पोस्टमार्टम हेतु चुर्णी स्थित उपजिला अस्पताल भिजवाया. जहां पर समाचार लिखे जाने तक पोस्टमार्टम की प्रक्रिया चल रही थी. इसी दौरान विधायक पटेल ने संबंधित परिवार को वनविभाग की ओर से 1 लाख रुपए की तत्कालिक सहायता राशि का चेक दिलवाया और पूरे मामले की जांच के बाद संबंधित परिवार को आवश्यक अनुदान राशि दिये जाने का निर्देश भी दिया.

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