महाराष्ट्रमुख्य समाचार

कल से गांव-गांव में अनशन

मनोज जरांगे का एलान, मराठा आरक्षण की मांग

* अजीत और रोहित पवार के कार्यक्रम स्थगित
* नांदेड में एसटी बस जलाई, केंद्रीय मंत्री का काफिला अडाया
मुंबई/दि.28– मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जालना के आंतरवालीसराटी में भूख हडताल पर बैठे मनोज जरांगे ने कल 29 अक्तूबर से पूरे प्रदेश के गांव-गांव में आंदोलन का आहवान करते हुए आर-पार की लडाई की भाषा की. इस बीच केंद्रीय मंत्री भागवत कराड का नांदेड में काफिला रोकने का प्रयास मराठा कार्यकर्ताओं ने किया. आंदोलन के कारण उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बारामती तहसील के मालेगांव में चीनी कारखाने का कार्यक्रम टाल गए तो रोहित पवार ने अपनी युवा संघर्ष यात्रा कुछ दिनों के लिए रोक दी. अनेक ्रग्रामों में कार्यकर्ताओं ने नेताओं को ग्राम बंदी का ऐलान कर रखा है.
* अनशन का चौथा दिन
आंतरवालीसराटी में जरांगे के अनशन का चौथा दिन रहा. जरांगे ने कहा कि प्रत्येक गांव में आमरण अनशन शुरु किया जाए. किसी भी दल या राजनेता को अपने व्दार पर आने नहीं देना, मराठा समाज भी दलों के दरवाजे पर न जाएं. शाम तक उन्होंने सरकार की तरफ से कोई घोषणा का इंतजार करने कहा.
* मोबाइल टॉवर पर चढे युवक
कन्नड तहसील के धनगरवाडी के चार युवक रमेश पवार, प्रवीण वारे, सोमनाथ वाघचौरे, समाधान जीवरख ने अवसाला में श्री लक्ष्मीदेवी के मंदिर के सामने मोबाइल टॉवर पर चढकर शोले स्टाइल आंदोलन शुरु किया है. देवगांव रंगारी के थानेदार अमोल मोरे टॉवर पर चढे मराठा युवकों से बात कर रहे हैं. उन्हें रोक रहे हैं. नायब तहसीलदार मोनाली सोनोवने भी पहुंची है.
* पवार-फडणवीस को चेतावनी
सोलापुर जिले से मराठा समाज के कार्यकर्ताओं ने कार्तिकी एकादशी पर भगवान पांडुरंग की शासकीय पूजा हेतु आने पर उपमुख्यमंत्री फडणवीस और अजीत पवार को कालिख पोतने की चेतावनी दी है. यह पूजा किसान के हस्ते करवाने की मांग भी उन्होंने की. बता दें कि अनेक कार्यक्रम रद्द किए जा रहे हैं. आंदोलन का व्याप बढ रहा है. यवतमाल जिले में भी मराठा कार्यकर्ताओं ने नेताओं को गांवबंदी करने का ऐलान किया. कुछ जगहों पर प्रदर्शन के समाचार मिल रहे हैं.
* नांदेड में जलाई बस
नांदेड में गत रात नागपुर आ रही एसटी बस अचानक रोककर पूरे यात्रियों को सामान सहित बाहर उतारकर जला दी गई. इस आंदोलन की समाचार लिखे जाने तक किसे ने जिम्मेदारी नहीं ली थी, मगर मराठा समाज के कार्यकर्ताओं व्दारा आंदोलन के तहत यह कृत्य किए जाने की चर्चा है.

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