पिता ने कोर्ट का आदेश न मानते हुए घर पर कब्जा किया
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मेरी जान को खतरा है, मुझे न्याय दिलाएं
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रासेगांव के निवृत्ति महाराज नवलकर की पत्रकार वार्ता में मांग
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२२ – माता-पिता को घर से बाहर निकालने की झूठी खबर फैलाकर बदनाम किया जा रहा है. जबकि खूद के बल पर बनाए मकान पर पिता ने कब्जा कर लिया. अदालत के आदेश को भी वे नहीं मान रहे है. पुलिस थाने में भी शिकायत दी है, मेरी जान को खतरा है, मुझे न्याय दिया जाए, ऐसी मांग को लेकर रासेगांव के विदर्भ भुषण गायनाचार्य निवृत्ति महाराज नवलकर ने आज पत्रकार वार्ता ली. पत्रकार वार्ता में निवृत्ति महाराज के साथ उनकी पत्नी शितल नवलकर, निलेश घुरडे उपस्थित थे. इस समय निवृत्ति महाराज ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि वे जब ७ वर्ष की आयु के थे तब व्यसन में लिप्त रहने वाले उनके पिता ने विरासत में मिली १५ एकड खेती बेचकर उन्हें भूमिहीन कर दिया तब से वे संत गुलाबराव महाराज भक्तिधाम चांदुर बाजार में संस्थापक गुरुवर्य नानाजी इंगोले के सानिध्य में बडे हुए.
२१ वर्ष की आयु में उन्हें गुणवान कलाकार बनाया और वे प्रबोधनकार बनकर वापस घर लौटे. वे धार्मिक कार्य करने लगे. परंतु परिवार की हालत खराब थी. उनके पिता, चाचा, चचेरे भाई हमेशा शराब पिकर उनसे विवाद करने लगे. यह सबकुछ देखकर निवृत्ति महाराज ने गांव के बाहर दो गुंटे जमीन वर्ष २०१२ में खरीदी. प्रबोधन के काम करते हुए रुपए इकट्ठा कर उन्होंने घर का निर्माणकार्य किया. उन्होंने खूद का विवाह भी अपने भरोसे ही किया. इस समय निवृत्ति महाराज ने सोचा की नया घर बनाया है माता, पिता व भाई को अपने नए घर में लेकर आये. निवृत्ति महाराज ने स्पष्ट आरोप लगाते हुए बताया कि कुछ दिन बाद उनके पिता की निवृत्ति महाराज की पत्नी पर गलत नजर और भाई की गलत करतूतों को देखकर निवृत्ति महाराज ने उन्हें उनके पूराने घर वापस भेजा. इस दौरान अवसर देखकर वे लोग निवृत्ति महाराज के घर में जा धमके और धमकी देते हुए कहा कि घर छोडकर नहीं जाएंगे, जो बनता है वो कर लेना. इसपर निवृत्ति महाराज के साथ गलत व्यवहार करने लगे. इतना ही नहीं तो निवृत्ति महाराज, उनकी पत्नी, उनकी बेटी को भी जान से मारने की धमकी देने लगे तब उन्हें जान से मारने का प्रयास किया गया. परंतु वे जैसे तैसे अपने प्राण बचाने में सफल रहे. उनकी पत्नी को भी मारने गए थे. उनके पास उन सभी बातों के सबूत है. अब वे किराये के मकान में रहते है. उन्होंने इस बारे में पुलिस थाने में शिकायत दी और उसके बाद अदालत की शरण भी ली. अदालत ने आदेश जारी कर निवृत्ति महाराज का घर खाली करने और कोई भी रिश्तेदार आसपास भी नहीं फटके ऐसे आदेश भी जारी किए. इसके बाद भी निवृत्ति महाराज के पिता घर छोडने को राजी नहीं. निवृत्ति महाराज ने पत्रकार वार्ता में स्पष्ट कहा कि उनकी जान को खतरा है. इसलिए वे पत्रकार वार्ता के माध्यम से न्याय पाना चाहते है.