लोगों से डरकर रेड्डी के मुख्यालय का प्रवेश व्दार बंद
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रेड्डी के खिलाफ वन विभाग कर्मचारियों में भी रोष
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आज काली फिते लगाकर किया काम
अमरावती/प्रतिनिधि दि.31 – जिले के हरिसाल वनपरिक्षेत्र की अधिकारी दीपाली चव्हाण की आत्महत्या के मामले को लेकर गुगामल वन्य जीव विभाग के उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार बाला और निलंबित अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक श्रीनिवासी रेड्डी के बारे में आज भी लोगों में रोष दिखाई दें रहा है. इसी कारण स्थानीय अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक विभाग के कैम्प रोड स्थित कार्यालय के कर्मचारियों में भी भय का माहौल देखा जा रहा है. लोगों के डर से इस कार्यालय के कर्मचारी मुख्य प्रवेश व्दार को ताला लगाकर भितर काम कर रहे है. वहीं दीपाली की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार उपवन संरक्षक शिवकुमार बाला को बचाने में अहम भूमिका रखने वाले श्रीनिवासन रेड्डी के विरोध में भी वन कर्मचारियों में रोष देखा जा रहा है. आज वन विभाग के सभी कार्यालय के कर्मचारियों ने काली फितें लगाकर काम करते हुए दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले पर निषेध जाहीर किया.
उल्लेखनीय है कि दीपाली चव्हाण की आत्महत्या के मामले में अपर मुख्य वनसंरक्षक श्रीनिवासन रेड्डी को राज्य की महिला व बालविकास मंत्री व्दारा मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को सौंपे निवेदन के बाद राज्य सरकार की ओर से रेड्डी के निलंबन के आदेश कल दोपहर दिये गए है. इसी बीच आज जिले के मुख्य वन अधिकारी प्रवीण चव्हाण ने रेड्डी के पद का प्रभारी कार्यभार संभाला. हालांकि पदभार संभालने के बाद प्रवीण चव्हाण ने व्याघ्र प्रकल्प कार्यालय में आकर कोई कामकाज तो नहीं किया, वे स्थानीय जिला परिषद को लगकर रहने वाले वन विभाग के कार्यालय में स्थित अपने कक्ष में बैठकर व्याघ्र प्रकल्प का कामकाज संभाल रहे है.
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अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक कार्यालय में सन्नाटा
स्थानीय कैम्प रोड पर बि एन्ड सी कार्यालय से पहले निलंबित वन अधिकारी श्रीनिवासन रेड्डी का अपर क्षेत्रिय वन कार्यालय का मुख्यालय है. इसी कार्यालय के मुख्य प्रवेश व्दार पर ताला लगाया गया है. वहीं इस कार्यालय को लगकर रहने वाले गली से अपर वर्धा कार्यालय की ओर जाने वाले मार्ग पर इसी कार्यालय का एक अन्य प्रवेश व्दार है. फिलहाल रेड्डी के मुख्यालय में कार्यरत कर्मचारी इसी मार्ग से भितर प्रवेश कर कामकाज संभाल रहे हेै. आज प्रस्तुत प्रतिनिधि ने जब इस कार्यालय को भेंट दी तब कार्यालय में चहु और सन्नाआ देखा गया. केवल रेड्डी के स्टेनो से लेकर तो छह कर्मचारी कार्यालय में थे, लेकिन वे भी दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले में अपने अधिकारी के निलंबन को लेकर मुंह पर ताला लगाए बैठे है.