अंतत: परमानंद अग्रवाल का नामांकन खारिज
सेस नहीं भरने के चलते मंडी ने नहीं दी थी एनओसी
* नामांकन के साथ एनओसी नहीं रहने से खारिज हुआ पर्चा
अमरावती/दि.5 – स्थानीय फसल मंडी के चुनाव में अडत-व्यापारी निर्वाचन क्षेत्र से दावेदारी पेश करने वाले परमानंद अग्रवाल का नामांकन पर्चा आज चुनाव निर्णय अधिकारी द्बारा नामांकन पत्र के साथ दाखिल दस्तावेजों की जांच पडताल के बाद खारिज कर दिया गया. जिसके चलते परमानंद अग्रवाल इस पडताल राउंड में ही चुनावी मैदान से बाहर हो गए.
मंडी चुनाव के लिए सभी प्रत्याशियों की ओर से मिले नामांकनों की आज सुबह 10 बजे से जांच पडताल करनी शुरु की गई. जिसमें सबसे पहला पर्चा परमानंद अग्रवाल का ही था. चुनाव अधिकारी सचिन पतींगे द्बारा दी गई जानकारी के मुताबिक अडत-व्यापारी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लडने वाले प्रत्याशियों के लिए नियमानुसार अपने नामांकन के साथ फसल मंडी की ओर से दी जाने वाली एनओसी को जोडा जाना आवश्यक होता है. परंतु परमानंद अग्रवाल ने अपने नामांकन के साथ इस महत्वपूर्ण दस्तावेज को ही नहीं जोडा था. जिसकी वजह से उनका नामांकन खारिज कर दिया गया.
* क्यों एनओसी नहीं जोड पाए परमानंद अग्रवाल
बता दें कि, अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति ने सिंघानिया ट्रेडर्स तथा सिंघानिया ऑईल एण्ड दालमिल नामक दो फर्मों के जरिए कृषि उपज की खरीदी-विक्री का काम करने वाले परमानंद अग्रवाल की ओर फसल मंडी का करीब 66.50 लाख रुपए का सेस बकाया है. जिस पर फसल मंडी ने करीब 48 लाख रुपए का विलंब शुल्क व ब्याज भी लगाया है. इस राशि की वसूली परमानंद अग्रवाल से होना बाकी है. जिसे टालने हेतु परमानंद अग्रवाल ने कानूनी लडाई का सहारा भी लिया था. परंतु विगत दिनों ही नागपुर हाईकोर्ट में इस रकम की वसूली के अधिकार मंडी प्रशासन के पास रहने की बात कहते हुए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए थे. चूंकि इस समय तक फसल मंडी के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरु हो गई थी. जो 3 अप्रैल तक चलने वाली ऐसे में मंडी संचालक पद का चुनाव लडने के इच्छूक परमानंद अग्रवाल के पास मंडी प्रशासन की ओर से जारी नोटीस का पालन करते हुए 66.50 लाख रुपए के बकाया सेस का भुगतान करते हुए एनओसी प्राप्त करने का पर्याय बचा हुआ था. लेकिन परमानंद अग्रवाल ने इस रकम का तय समय के भीतर भुगतान नहीं किया. जिसके चलते उन्हें मंडी प्रशासन की ओर से एनओसी भी नहीं मिली और इसके बावजूद परमानंद अग्रवाल ने बिना एनओसी जोडे अडत व्यापारी निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया. जिसका खारिज होना पहले से तय माना जा रहा था.
* क्या नामांकन का महज दिखावा किया परमानंद अग्रवाल ने
नामांकन पत्रों की पडताल के बाद आज जैसे ही परमानंद अग्रवाल का नामांकन खारिज हुआ, तो मंडी स्तर पर यह सवाल पूछा जाने लगा कि, जब परमानंद अग्रवाल को यह पहले से पता था कि, बकाया सेस का भुगतान किए बिना उन्हें मंडी प्रशासन की ओर से एनओसी नहीं मिलेगी और बिना एनओसी के उनका नामांकन स्वीकार नहीं हो पाएगा. जिसके चलते वे चुनाव नहीं लड जाएंगे, तो यह पता रहने पर भी परमानंद अग्रवाल ने अपना नामांकन दाखिल करते हुए बिना वजह का दिखावा क्यों किया. जिस समय परमानंद अग्रवाल ने नामांकन की अंतिम तिथि यानि 3 अप्रैल को अपना नामांकन पेश किया. तब यह माना जा रहा था कि, चूंकि उनके पास बीच में आए सरकार अवकाशों की वजह से बकाया सेस का भुगतान करने का समय ही नहीं था. ऐसे में संभवत: वे नामांकन दाखिल करने के बाद बकाया सेस का भुगतान करते हुए एनओसी प्राप्त कर लेंगे. जिसे नामांकन पत्रों की पडताल के वक्त आपत्ति उठने पर नामांकन के साथ जोड दिया जाएगा. लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ. जिसका सीधा मतलब है कि, परमानंद अग्रवाल बकाया सेस का भुगतान करने के मुड में बिल्कूल भी नहीं थे और सेस का भुगतान बकाया रहने पर उन्हें मंडी प्रशासन की ओर से एनओसी नहीं मिलने वाली थी. ऐसे में बिना एनओसी के परमानंद अग्रवाल ने अपना नामांकन क्यों दाखिल किया. यह सवाल मंडी से जुडे लोगों द्बारा पूछा जा रहा है.
* कल घोषित होगी प्रत्याशियों की सूची
विगत 3 अप्रैल को नामांकन दाखिल करने का समय समाप्त होने के बाद आज 5 अप्रैल को सभी नामांकनों की पडताल करनी शुरु की गई. जिसके पश्चात कल 6 अप्रैल को वैध नामांकनों वाले प्रत्याशियों के नामों की सूची घोषित की जाएगी. साथ ही नामांकन वापिस लेने की अवधि भी शुरु हो जाएगी. जिसके खत्म हो जाने के उपरान्त मैदान में रहने वाले प्रत्याशियों के नामों की अंतिम सूची घोषित होगी. पश्चात 28 अप्रैल को अमरावती फसल मंडी में 18 सदस्यीय संचालक मंडल के चुनाव हेतु मतदान कराया जाएगा.