अमरावतीमुख्य समाचारविदर्भ

अंतत: ‘उस‘ मां ने अपनी बच्ची का किया स्वीकार

  • समाज कल्याण विभाग को दान कर दी थी बच्ची

  • पुलिस की मध्यस्थता आयी काम

  • उपायुक्त सालवे ने पीडिता को दिया लिखित आश्वासन

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२१ – गत रोज समाज कल्याण वसतीगृह में ठेका पध्दति पर काम करनेवाली एक महिला ने समाज कल्याण विभाग पहुंचकर एक अनूठा आंदोलन करते हुए अपनी ६ माह की बच्ची समाज कल्याण विभाग को दान कर दी थी. इस महिला का कहना था कि, वह पुणे स्थित ब्र्निस इंडिया प्रा.ली. के मार्फत पिछडावर्गीय लडकियों के सरकारी छात्रावास में नौकरी करती है और संबंधित कंपनी द्वारा उसके पीएफ व राज्य स्वास्थ्य बीमा (ईएसआयसी) की रकम में अफरातफरी की गई है. जिसकी वजह से उसे प्रसूति के समय कोई आर्थिक लाभ नहीं मिला.
कंपनी द्वारा की गई इस जालसाजी में समाजकल्याण विभाग के कुछ अधिकारियों की भी मिलीभगत रहने का आरोप लगाते हुए इस महिला ने खुद को अपनी नवजात बच्ची का पालनपोषण करने में असमर्थ बताकर अपनी बच्ची समाजकल्याण विभाग को दान कर दी थी और यह महिला अपनी बच्ची को समाज कल्याण विभाग के प्रादेशिक उपायुक्त विजय सालवे के टेबल पर छोडकर चली गयी थी. शिवसेना के नेतृत्व में किये गये इस आंदोलन का पता चलते ही पूरे प्रशासनिक स्तर पर जबर्दस्त हडकंप व्याप्त हो गया और पुलिस तुरंत ही समाजकल्याण विभाग पहुंची. जहां पर इस महिला को मनाने का काफी प्रयास किया गया. लेकिन यह महिला अपनी मांगे पूरी होने तक टस से मस होने को तैयार नहीं थी. पश्चात यहां प्रादेशिक उपायुक्त विजय सालवे को बुलाया गया और उपायुक्त सालवे ने शाम ७ बजे पीडिता सहित शिवसेना पदाधिकारियों को एक लिखित पत्र देते हुए कहा कि, संबंधित कंपनी को काली सूची में डालने हेतु पुणे स्थित समाज कल्याण आयुक्त को पत्र लिखा जायेगा. साथ ही पीडिता सहित सभी संबंधित कर्मचारियों को उनके आर्थिक लाभ दिलाये जायेंगे. जिसके बाद इस महिला ने अपनी छह माह की बच्ची को पुन: स्वीकारा. इसे साथ ही यह आंदोलन खत्म हुआ है और सभी ने राहत की सांस ली.

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