अंतत: ‘उस’ अपहृत बच्चे की घर के कुएं से मिली लाश
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कल दोपहर डेढ बजे लापता हुआ था डेढ माह का धैर्य परमार
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आज सुबह घर के ही कुएं में लाश हुई बरामद
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चौहान व परमार परिवार पर टूटा दुखों का पहाड
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किलकारीवाले आंगन में अब शोकाकुल परिजनों की सीत्कार
अमरावती/प्रतिनिधि दि.30 – स्थानीय राजापेठ पुलिस थानांतर्गत न्यु प्रभात कालोनी निवासी ग्रामीण पुलिस दल के एएसआई दिलीप चौहान के घर से कल उनके डेढ माह आयुवाले नाती (बेटी के बेटे) धैर्य परमार को किसी ने अपहृत कर लिया था. जिसकी वजह से चौहान परिवार के घर सहित पूरे परिसर में जबर्दस्त सनसनी व्याप्त हो गयी थी और इस बच्चे की हर ओर खोजबीन की जा रही थी. लेकिन घटना के दूसरे दिन यानी सोमवार 30 नवंबर की सुबह घर के आंगन में मौजूद कुएं के पानी में डेढ माह के धैर्य का शव दिखाई दिया. जिसके बाद मानो पूरे शहर में हडकंप मच गया है और पुलिस अब इस जघन्य वारदात को अंजाम देनेवाले व्यक्ति की सरगर्मी से तलाश कर रही है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक प्रभात कालोनी परिसर में एएसआई दिलीप चौहान अपनी पत्नी जयश्री चौहान व पुत्र प्रणव चौहान के साथ रहते है. वहीं उनकी बेटी नम्रता का विवाह कुछ समय पूर्व बिहार के छपरा जिले के सारसपुर निवासी कमलेशसिंह परमार के साथ हुआ था, जो पुणे में किसी प्राईवेट कंपनी में नौकरी करते है. वहीं दिलीप चौहान की एक अन्य विवाहित पुत्री प्रियंका भी है, जो फिलहाल अपने ससुराल में ही है. दो माह पूर्व नम्रता अपनी प्रसूति के लिए अपने पिता के यहां आयी थी और डेढ माह पूर्व ही उसकी प्रसूति हुई थी तथा उसने एक प्यारे से बच्चे को जन्म दिया था. जिसका नाम सभी ने बडे प्यार से धैर्य रखा था. गत रोज धैर्य के नाना दिलीप चौहान अपनी पत्नी के साथ किसी विवाह समारोह में शामिल होने हेतु गये थे और घर पर प्रणव तथा नम्रता के अलावा डेढ माह का बालक धैर्य थे. इस समय दोपहर डेढ बजे के दौरान नम्रता ने धैर्य को दूध पिलाया और उसे पलंग पर रखकर वॉशरूम में गयी. इस वक्त प्रणव चौहान घर के दूसरे कमरे में बैठकर टीवी देख रहा था.
पलक झपकते ही गायब हुआ धैर्य
नम्रता जब महज तीन-चार मिनट के भीतर वॉशरूम से बाहर आयी, तो उसे अपने कमरे के बेडरूम में धैर्य दिखाई नहीं दिया, तब उसे लगा कि शायद धैर्य को प्रणव अपने कमरे में ले गया होगा और वह प्रणव के कमरे में पहुंची, लेकिन धैर्य वहां पर भी नहीं था. जिसके बाद किसी अनिष्ट की आशंका से घबराकर दोनों भाई-बहन के हाथ-पांव फुल गये और उन्होेंने पूरे मामले से अपने पिता दिलीप चौहान को अवगत कराते हुए आस-पडोस में धैर्य की खोजबीन करनी शुरू की. लेकिन चारों तरफ देख लेने के बावजूद धैर्य का कहीं कोई पता नहीं चला. इस समय तक दिलीप चौहान भी अपनी पत्नी के साथ घर लौट आये और पूरा माजरा समझते हुए उन्होंने इस मामले की सूचना राजापेठ पुलिस को दी. पश्चात शहर पुलिस उपायुक्त शशीकांत सातव, सहायक आयुक्त सुहास भोसले एवं राजापेठ थाने के प्रभारी पुलिस निरीक्षक किशोर शेलके सहित पुलिस बल न्यु प्रभात कालोनी परिसर में चौहान परिवार के निवास पर पहुंचा और अडोस-पडोस के लोगोें से पूछताछ करते हुए मामले की जांच शुरू की गई. इस समय किसी व्यक्ति ने बताया कि, रविवार की दोपहर डेढ बजे के दरम्यान तीन लोग चौहान परिवार के घर से बाहर बडी हडबडी में जाते दिखे और वे घर का मुख्य गेट भी खुला हुआ छोडकर चले गये. यह जानकारी पता चलते ही पुलिस ने चौहान के घर के आसपास करीब आठ से दस मकानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले और रविवार की सुबह से दोपहर तक जितने भी लोग एकनाथ विहार व न्यू प्रभात कालोनी परिसर में आये थे, ऐसे करीब 30 संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया. जिनमें फेरीवाले, कबाडवाले तथा साग-सब्जी व दूधवाले लोगों का भी समावेश था. इसके साथ ही पुलिस ने धैर्य की खोज के लिए पुलिस डॉग लूसी की भी सहायता ली, जो नम्रता के बेडरूम से गेट तक पहुंची और वहां से करीब 300 मीटर रेल पटरी तक दौडी. लेकिन यहां से आगे लूसी भी कोई मदद नहीं कर पायी.
कल भी झांका गया था कुएं में
यहां यह उल्लेखनीय है कि, चौहान परिवार के आंगन में स्थित कुएं को लोहे की बेहद मजबूत व वजनी जाली से ढांका गया है. जिसके ढक्कन को आसानी से खोला नहीं जा सकता और यह जाली हमेशा पूरी तरह से बंद रहती है. लेकिन गत रोत धैर्य के लापता होने के बाद जब उसकी खोजबीन शुरू की गई तक कुएं की जाली का ढक्कन खुला हुआ पाया गया था. जिसकी वजह से कल दोपहर से शाम तक सभी ने किसी आशंका के चलते कुएं में झांका था. साथ ही पुलिस ने भी आसपास स्थित नालों में जाकर तलाशी की थी, लेकिन लाख प्रयासों के बावजूद धैर्य का कहीं कोई पता नहीं चल पाया था.
ऐसे उजागर हुआ मामला
जानकारी के मुताबिक गत रोज धैर्य के लापता होने की खबर मिलते ही वडाली परिसर में रहनेवाली उनकी भानजी न्यू प्रभात कालोनी परिसर स्थित चौहान परिवार के घर पहुंची, जो आज सुबह 8.30 बजे वडाली स्थित अपने घर जाने के लिए निकल रही थी. इस समय जब उसने यूं ही कुएं में झांक कर देखा तो कुएं के भीतर पानी में उसे बच्चे का शव दिखाई दिया. जिसकी जानकारी उसने तुरंत दिलीप चौहान को दी और इसके बाद तो मानों चौहान परिवार में हडकंप ही मच गया. साथ ही मामले से तुरंत राजापेठ थाना पुलिस को अवगत कराया गया. जिसके बाद एक बार फिर शहर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियोें का यहां पर तांता लगना शुरू हुआ.
धैर्य को जिंदा ही कुएं के पानी में फेंका गया था
गत रोज धैर्य के लापता होने के बाद राजापेठ थाना पुलिस ने धारा 363 के तहत अपहरण का मामला दर्ज किया था. वहीं अब धैर्य की लाश बरामद होने के बाद पुलिस ने धारा 302 के तहत हत्या का अपराध दर्ज करने की तैयारी शुरू की है. साथ ही धैर्य के शव को पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि, धैर्य को जीवित ही कुएं के पानी में फेंक दिया गया था और कुएं के पानी में डूबने की वजह से उसकी मौत हो गयी.
न कोई आया, न कोई गया, फिर कैसे लापता हुआ धैर्य
इस पूरे मामले को लेकर की गई तहकीकात में पता चला है कि, चौहान परिवार में इन दिनों धैर्य के अलावा केवल चार लोग ही रहते थे. जिनमें धैर्य के नाना दिलीप चौहान, नानी जयश्री चौहान, मामा प्रणव चौहान तथा मां नम्रता परमार का समावेश है. इसके अलावा घर में एक कामवाली बाई और एक मालीशवाली बाई का आना-जाना है. रविवार को मालीशवाली बाई आयी ही नहीं थी और कामवाली बाई सुबह 11.30 बजे अपना काम निपटाकर चली गयी थी. साथ ही कुछ देर बाद दिलीप चौहान भी अपनी पत्नी के साथ किसी विवाह समारोह में शामिल होने हेतु अपने घर से बाहर चले गये. इसके पश्चात घर में न तो कोई बाहर से आया, और न घर से बाहर गया, ऐसे में सबसे बडा सवाल ये है कि, घर के भीतर बेडरूम से अपने पलंग पर खेल रहे डेढ माह के धैर्य को कौन उठाकर बाहर ले गया और किसने कुएं की जाली को हटाकर उस मासूम बच्चे को कुएं के गहरे पानी में फेंक दिया. ऐसे में पूरा मामला अपने आप में बेहद संदिग्ध दिखाई दे रहा है. जिसकी पुलिस बडे गहन तरीके से जांच कर रही है.
साईबर सेल की मदद भी ली जा रही
जहां एक ओर राजापेठ थाना पुलिस इस मामले की बडे सघन तरीके से जांच कर रही है, वहीं दूसरी ओर इस मामले में साईबर सेल पुलिस की भी मदद ली जा रही है. जिसके तहत घटना के समय मौका ए वारदात पर किन-किन मोबाईल नंबरों की लोकेशन थी, इस बात की जांच की जा रही है. इसके अलावा इस दौरान इस परिसर में मौजूद मोबाईल नंबरोें से किन-किन नंबरों पर बात हुई है, इसकी भी डिटेल्स को खंगालना शुरू किया गया है.
समूचे शहर में जबर्दस्त हडकंप व सनसनी
समाचार लिखे जाने तक धैर्य के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया था. साथ ही मामले की सघन जांच शुरू कर दी गई थी. लेकिन अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि, इस मामले में किसका हाथ है. वहीं दूसरी ओर समूचे शहर में इस घटना को लेकर जबर्दस्त हडकंप और सनसनी व्याप्त है. एक पुलिस अधिकारी के घर से डेढ वर्षीय बच्चे का अपहरण कर उसकी घर के ही कुएं में फेंककर हत्या कर दिये जाने के मामले की वजह से लोगों में काफी हद तक असुरक्षा का भाव देखा जा रहा है.