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अंतत: अग्निशमन विभाग की नींद खुली

लॉज व होटल का शुरू हुआ मुआयना

  • फायर ऑडिट के लिए दिया अल्टीमेटम

अमरावती/दि.3- स्थानीय राजापेठ पुलिस थाने के सामने स्थित होटल इम्पिरिया में लगी आग के चलते नागपुर निवासी एक व्यक्ति को नींद में ही दम घुट जाने की वजह से अपनी जान से हाथ धोना पडा था. जिसके बाद अब मनपा प्रशासन व दमकल विभाग की फायर ऑडिट को लेकर नींद खुलती नजर आ रही है, क्योंकि अब मनपा के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शहर के सभी होटलों व लॉज का मुआयना किया जा रहा है और 15 दिन के भीतर फायर ऑडिट करवाते हुए दमकल विभाग से ना-हरकत प्रमाणपत्र प्राप्त करने को लेकर अल्टीमेटम भी दिया जा रहा है.
बता दें कि, गत रोज दैनिक अमरावती मंडल द्वारा ‘लाक्षागृह बन सकते है शहर के होटल व लॉज’ शीर्षक तले एक खबर प्रकाशित की गई थी. जिसमें शहर में फायर ऑडिट को लेकर वस्तुस्थिति सामने रखी गई थी. जिसके चलते मनपा के उपायुक्त सुरेश पाटील ने अग्निशमन विभाग के फायरमैन संतोष केंद्रे, गौरव दंदे, अमित ददगाल तथा जनसंपर्क अधिक भूषण पुसदकर के साथ राजापेठ-बडनेरा मार्ग पर स्थित कई होटल व लॉज का मुआयना करते हुए वहां पर अग्निशमन व्यवस्था का जायजा लिया. साथ ही 15 दिन के भीतर फायर ऑडिट करते हुए इसकी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. साथ ही सभी होटलों में आपातकालीन निकासी व्यवस्था भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये. इस समय यह भी बताया गया कि, होटल इम्पिरिया में वर्ष 2018 में फायर ऑडिट किया गया था.

  • सांप निकल जाने पर लाठी पीटने की आदत क्यों?

बता दें कि, 24 मई 2019 को सूरत स्थित एक चार मंजिला इमारत में आग लगी थी. जिसकी वजह से इमारत में चल रही कोचिंग क्लास के 23 विद्यार्थियों की मौत हुई थी. जिसे देखते हुए अमरावती महानगरपालिका द्वारा शहर में सभी कोचिंग क्लासेस में फायर ऑडिट अनिवार्य किया गया. पश्चात 16 कोचिंग क्लासेस द्वारा फायर ऑडिट करवाये जाने का दावा मनपा के अग्निशमन विभाग द्वारा किया गया. लेकिन अन्य कोचिंग क्लासेस का फायर ऑडिट कब होगा, इसका जवाब मनपा प्रशासन के पास नहीं है. वहीं शहर के एक होटल में लगी आग में एक व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद मनपा प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर अनिवार्य रूप से फायर ऑडिट हेतु कदम नहीं उठाये जा रहे है. बल्कि होटल एवं लॉज के संचालकों से हाथ जोडकर फायर ऑडिट करवाने की प्रार्थना की जा रही है, जबकि इस मामले में प्रशासन द्वारा पहले से ही कडे कदम उठाते हुए नियमों का पालन करवाया जाना था.

  • केवल नोटीस की कागजी कार्रवाई

मनपा प्रशासन की ओर से बताया गया है कि, फायर ऑडिट नहीं रहनेवाले होटल व लॉज को नोटीस दिये गये है. लेकिन सवाल यह है कि, कोई घटना घटित होने अथवा किसी की जान जाने के बाद ही मनपा प्रशासन की नींद क्यों खुलती है. कहना अतिशयोक्ती नहीं होगा कि, कुछ समय बीतने के बाद ऐसी तमाम नोटीसे किसी कोने में धुल खाती पडी रहेगी और इम्पिरिया की आग व दिलीप ठक्कर की मौत भी कुछ दिनों बाद भुला दी जायेगी.

  • राजापेठ थाने ने मंगायी जानकारी

वहीं राजापेठ पुलिस स्टेशन के थानेदार मनीष ठाकरे ने मनपा प्रशासन से जानकारी मांगी है कि, होटल इम्पिरिया में फायर ऑडिट हुआ था अथवा नहीं, होटल में किस तरह की अग्निशमन व्यवस्था होनी चाहिए थी, होटल के प्रस्तावित नक्शे एवं प्रत्यक्ष काम में क्या फर्क है तथा इस अग्निकांड के लिए क्या वजहें कारगर रही.

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