शहर के सभी बडे अस्पतालों का हुआ है फायर ऑडिट, पुन: जांचेंगे
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जिलाधीश शैलेश नवाल ने दी जानकारी
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कोविड अस्पतालों में आग लगने के मामले
अमरावती/प्रतिनिधि दि.10 – गत रोज नागपुर के वाडी परिसर स्थित वेल ट्रीट हॉस्पिटल में आग लग जाने की वजह से इस अस्पताल में भरती चार कोविड संक्रमित मरीजों की मौत हो गयी. वहीं इससे पहले बीते दिनों मुंबई के भांडूप इलाके में स्थित मॉल में चलाये जा रहे निजी कोविड अस्पताल में भी आग लगने से पांच लोगों की मौत हुई थी. वहीं इससे पूर्व भंडारा के सरकारी अस्पताल के प्रीमैच्यूअर बेबी यूनिट में आग लगने से करीब 11 नवजात बच्चों की मौत हुई थी. ऐसे में अब सभी सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों सहित अन्य अस्पतालों की सुरक्षा और अग्नि प्रतिरोधक प्रबंधों को लेकर एक बार फिर जबर्दस्त चिंताएं व्यक्त की जा रही है. साथ ही जगह-जगह खोले गये निजी कोविड अस्पतालों की सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान उपस्थित किया जा रहा है. इन तमाम घटनाओें के बीच अमरावती के जिलाधीश शैलेश नवाल ने कहा है कि, अमरावती शहर सहित जिले में खोले गये सभी कोविड अस्पतालों का फायर ऑडिट पहले ही कराया जा चुका है तथा अब एक बार फिर सभी अस्पतालों में उपलब्ध अग्निरोधी प्रबंधों की जांच जायेगी.
इस बारे में जानकारी प्राप्त करने हेतु संपर्क किये जाने पर जिलाधीश शैलेश नवाल ने कहा कि, गत वर्ष सुपर स्पेशालीटी हॉस्पिटल की नई इमारत में सरकारी कोविड अस्पताल शुरू करने के साथ ही वहां तमाम अग्निरोधक इंतजाम कराये गये और दमकल विभाग से फायर ऑडिट की प्राथमिक रिपोर्ट भी विगत जनवरी माह में ही प्राप्त की गई. हालांकि अभी डिटेल्ड फायर ऑडिट रिपोर्ट मिलना बाकी है.
इसके अलावा जिलाधीश नवाल ने यह भी बताया कि, किसी भी निजी कोविड अस्पताल को बिना फायर ऑडिट के कोविड अस्पताल शुरू करने की अनुमति ही नहीं दी जाती. साथ ही सभी निजी कोविड अस्पतालों के लिए यह नियम भी आवश्यक किया गया है कि, उनके यहां प्रवेश व निकास के दरवाजे अलग-अलग हो. इसके तहत महेश भवन, दयासागर, एक्झॉन व रिम्स् (रेन्बो) जैसे सभी कोविड अस्पतालों में प्रवेश व निकास हेतु अलग-अलग दरवाजों की व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में वहां भरती मरीजों को आसानी के साथ बाहर निकाला जा सके. इसके साथ ही शहर में जिला व मनपा प्रशासन द्वारा समय-समय पर सभी निजी कोविड अस्पतालों की तमाम आवश्यक जांच की जाती है और मरीजों की सुरक्षा को लेेकर किये गये प्रबंधों का जायजा लिया जाता है. साथ ही सुपर स्पेशालीटी, सुपर कोविड, इर्विन व डफरीन अस्पताल सहित एनआयसीयू में तमाम अग्नि प्रतिबंधक उपाय किये गये है. जिसके लिए इन अस्पतालों के सुरक्षा कर्मियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित भी किया गया है.
जिलाधीश नवाल ने यह भी कहा कि, अमरावती जिले में ज्यादातर निजी कोविड अस्पताल स्वास्थ्य सेवा देनेवाले व आयपीडी की सुविधा रहनेवाले अस्पतालों में ही शुरू किये गये है. केवल महेश भवन ही एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां निजी कोविड अस्पताल चल रहा है. किंतु वहां पर मरीजों के स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं सुरक्षा के लिए तमाम आवश्यक प्रबंध किये गये है. इसके साथ ही एक्झॉन हॉस्पिटल में प्रवेश व निकास के अलग-अलग प्रवेश द्वार की समस्या को देखते हुए उन्हें अपना कोविड वॉर्ड वनिता समाज में स्थलांतरित करने के लिए कहा गया है.
इस बातचीत में जिलाधीश नवाल ने कहा कि, हमने भंडारा की घटना को सबक के तौर पर लिया था और उस समय से ही कोविड अस्पतालों सहित अन्य सभी अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिये थे. साथ ही हाल-फिलहाल राज्य के मुंबई व नागपुर शहर स्थित निजी कोविड अस्पतालों में लगी आग की घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा एक बार फिर अमरावती शहर सहित जिले के सभी सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में अग्नि प्रतिबंधात्मक प्रबंधों की जांच की जायेगी, ताकि अमरावती में ऐसी किसी घटना की कोई पुनरावृत्ति न हो.