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होम आयसोलेशन उल्लंघन मामले में पहली एफआईआर दर्ज

 होम कोरोंटाईन के बावजूद घर से बाहर घूम रहा था मरीज

  •  शंकर नगर में मनपा पथक की जांच के दौरान मामला आया पकड में

  •  डॉ. सचिन बोंद्रे ने राजापेठ थाने में दर्ज करायी शिकायत

  •  सभी होम कोरोंटाईन मरीजों की जिलाधीश व निगमायुक्त के आदेश पर की जा रही जांच

अमरावती/प्रतिनिधि दि.2 – इस समय अमरावती मनपा क्षेत्र में 577 कोविड एसिम्टोमैटिक मरीजों को होम आयसोलेशन के तहत उनके घरों पर ही कोरोंटाईन रखा गया है. साथ ही ऐसा करते समय उनसे आयसोलेशन की अवधि के दौरान पूरा समय अपने घर पर रहने और प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों का पालन करने का बंध पत्र भी लिखवाया गया है. किंतु बावजूद इसके कई मरीजों द्वारा इन नियमों की अवहेलना व उल्लंघन किये जाते है. ऐसे में जिलाधीश शैलेश नवाल व मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे के निर्देश पर होम आयसोलेशन किये गये मरीजों की ओर मनपा पथक द्वारा नजर रखी जाती है. इसके तहत अब तक करीब 12 से 13 लोगों पर होम आयसोलेशन की शर्तों का उल्लंघन करने को लेकर 25-25 हजार रूपयों का दंड लगाया जा चुका है. वहीं पहली बार ऐसे किसी मामले में नियमों का उल्लंघन करनेवाले व्यक्ति के खिलाफ बाकायदा पुलिस में शिकायत दर्ज करायी गयी है.
इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक मनपा कोविड कक्ष के नोडल अधिकारी डॉ. सचिन बोंद्रे को होम आयसोलेशन में रहनेवाले करीब 10-11 मरीजों के बारे में जानकारी मिली थी कि, वे होम आयसोलेशन से जुडी शर्तों का उल्लंघन कर रहे है. ऐसे में मनपा के पथकों द्वारा इन सभी लोगों के यहां अचानक ही भेंट दी गई. इस समय शंकर नगर परिसर निवासी एक होमआयसोलेटेड मरीज अपने घर पर मौजूद नहीं था. इस समय संबंधित व्यक्ति के परिजनों ने मनपा पथक को यह कहते हुए गुमराह करने का प्रयास किया कि, वह व्यक्ति घर में ही है और आराम कर रहा है. किंतु मनपा पथक द्वारा की गई जांच के दौरान वह व्यक्ति घर पर मौजूद नहीं पाया गया, बल्कि जांच जारी रहने के दौरान ही कहीं बाहर से अपने घर लौटा. जिसके बाद मनपा के नोडल अधिकारी डॉ. सचिन बोंद्रे द्वारा संबंधित व्यक्ति के खिलाफ राजापेठ पुलिस थाने में बाकायदा प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. जिसके आधार पर राजापेठ पुलिस ने उस व्यक्ति के खिलाफ भादंवि की धारा 188 के तहत अपराध दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी.
सुत्रों के मुताबिक जांच पूरी होने के बाद इस मामले में आपत्ति व्यवस्थापन अधिनियम व संक्रामक महामारी प्रतिबंधात्मक अधिनियम की धाराएं भी जोडी जा सकती है.

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