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पहले अपने गिरेबान में झांके पातुरकर

पूर्व पार्षद रतन डेंडुले ने दी सलाह

  • खोडके समर्थन में आगे आये डेंडूले

अमरावती प्रतिनिधि/दि.११ – विगत दिनों अमरावती के प्रस्तावित सरकारी मेडिकल कॉलेज के मुद्दे को लेकर भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने स्थानीय विधायक सुलभा खोडके से इस्तीफा दिये जाने की मांग की थी. जिसके बाद पातुरकर के खिलाफ खोडके समर्थकों द्वारा लगातार बयान जारी किये जा रहे है. इसी के तहत पूर्व पार्षद रतन डेंडूले ने भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर को पहले अपने गिरेबान में झांकने की सलाह दी है.
इस संदर्भ में पूर्व पार्षद रतन डेंडूले ने कहा कि, इससे पहले जब कोरोना एवं लॉकडाउन जैसे संकटकाल में चारों ओर हाहाकार मचा हुआ था और लोगों के सामने भूखमरी की नौबत आन पडी थी, तब विधायक सुलभा खोडके एवं राकांपा प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके द्वारा जरूरतमंद लोगों के लिए सहायता का हाथ आगे बढाया गया था. उस समय भाजपा के शहराध्यक्ष किरण पातुरकर कहां थे. साथ ही पातुरकर द्वारा विधायक खोडके से इस्तीफा मांगना एक तरह से जनादेश का अपमान करने की तरह है, क्योेंकि विधायक सुलभा खोडके को अमरावती की जनता ने प्रचंड बहुमत से विजयी बनाया था. साथ ही विधायक निर्वाचित होने के बाद सुलभा खोडके ने महज डेढ वर्ष के कार्यकाल में अमरावती जिले के विकास कार्यों हेतु बडे पैमाने पर निधी उपलब्ध करायी है. ऐसा करना भाजपा सरकार के कार्यकाल में कभी संभव नहीं हुआ. अत: ज्यादा बेहतर यहीं रहेगा कि, भाजपा शहराध्यक्ष पातुरकर मेडिकल कॉलेज को राजनीति का मुद्दा न बनाये और बेवजह के आरोप भी न लगाये.

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