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शिक्षक विधायक चुनाव में पांच हजार फर्जी मतदाताओं ने किया मतदान

पत्रवार्ता में शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष व प्रत्याशी शेखर भोयर ने लगाया आरोप

  • अदालत में रिट पिटीशन भी दाखिल करने की भी जानकारी दी

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२६ – हाल ही में संपन्न हुए शिक्षक विधायक पद के चुनाव में प्रत्याशी रहे शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष शेखर भोयर ने स्थानीय श्रमिक पत्रकार भवन में बुलायी गयी पत्रवार्ता में आरोप लगाया कि, इस बार शिक्षक विधायक पद के चुनाव में पांच हजार फर्जी मतदाताओं ने मतदान किया है. जिनमें शालाओें के लिपीक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के साथ प्रयोगशाला परिचर व अस्पताल की नर्सों का भी समावेश रहा. साथ ही इस चुनाव में बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार भी हुआ है. ऐसे में उन्होंने निर्वाचन आयोग से बोगस मतदान की जांच करने, इस हेतु जिम्मेदार व्यक्ति पर अपराध दर्ज करने एवं इस चुनाव व चुनावी नतीजों को खारिज करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने इस विषय को लेकर अदालत में रिट पिटीशन भी दाखिल किये जाने की भी जानकारी दी है.
इस पत्रवार्ता में शेखर भोयर ने कहा कि, शिक्षक विधायक पद के चुनाव हेतु सरकार एवं निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं की योग्यता तय की गई है. जिसके मुताबिक डीएड व बीएड की पदवी प्राप्त तथा माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय में न्यूनतम तीन साल का सेवाकाल पूर्ण करनेवाले व्यक्ति को ही शिक्षक मतदाता के तौर पर मतदान करने का अधिकार होता है. लेकिन इस बार के चुनाव में प्राथमिक शिक्षकों द्वारा भी मतदान किया गया. साथ ही शालाओें के लिपीक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के साथ-साथ प्रयोगशाला परिचर व अस्पताल की नर्सों द्वारा भी मतदान की योग्यता नहीं रहने के बावजूद मताधिकार का प्रयोग किया गया. अपने पास उपलब्ध आंकडों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि, समूचे संभाग में ऐसे बोगस मतदाताओं की संख्या पांच हजार से अधिक रही. जिसकी वजह से चुनाव के नतीजे बेहद अनपेक्षित रहे. शेखर भोयर ने बताया कि, राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा 12 अक्तूबर 2020 को जारी पत्रानुसार अमरावती संभाग में बोगस मतदाताओं के नामों को मतदाता सूची से हटाने का निर्देश संभागीय राजस्व आयुक्त को दिया गया था. किंतु अंजनगांव सूर्जी को छोडकर अन्य किसी तहसील क्षेत्र की मतदाता सूची से फर्जी मतदाताओं के नाम नहीं हटाये गये. जिसके संदर्भ में शिक्षक महासंघ द्वारा बार-बार प्रशासन का ध्यान दिलाये जाने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया.
शेखर भोयर के मुताबिक संबंधित चुनाव अधिकारी व तहसीलदारों सहित मुख्याध्यापकों द्वारा जानबूझकर फर्जी मतदाताओं के नामों को मतदाता सूची में शामिल किया गया है. इन मतदाता सूची का निरीक्षण करने पर यह गडबडी उजागर हुई है. क्योंकि इस मतदाता सूची में जिला परिषद व नगर परिषद सहित निजी कॉन्व्हेंट के प्राथमिक शिक्षकों को भी मतदाता बनाया गया है, जो कि पूरी तरह से गलत है. ऐसे में चुनावी प्रक्रिया को रद्द करने के लिए चुनाव आयोग के साथ ही अदालत में भी याचिका दाखिल की गई है. जिसमें मांग की गई है कि, इस गडबडी के लिए जिम्मेदार मुख्याध्यापकों और निर्वाचन अधिकारियों के खिलाफ अपराध दर्ज किये जाये. साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि, यदि निर्वाचन आयोग द्वारा इस मामले को गंभीरतापूर्वक नहीं लिया गया, तो इस संदर्भ में सडक पर उतरकर तीव्र आंदोलन किया जायेगा. शेखर भोयर द्वारा लगाये गये आरोप से इस समय समूचे शिक्षा क्षेत्र में जबर्दस्त खलबली मची हुई है.
इस पत्रकार परिषद में शेखर भोयर के साथ ही प्रा. नितीन टाले, संदीप इंगोले, किशोर माहुले व मोहन ढोके आदि उपस्थित थे.

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