कातिलाना हमला करने वालों को पांच वर्ष सश्रम कारावास
दूसरे आरोपी को एक वर्ष की सजा
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* शिराला में कुल्हाडी व लोहे की राड से हत्या करने का प्रयास किया था
अमरावती/ दि.13- वलगांव पुलिस थाना क्षेत्र के ग्राम शिराला में प्रदीप गोपालराव मुंदाने नामक व्यक्ति पर कुल्हाडी व लोहे की राड से हत्या करने के इरादे से कातिलाना हमला किया गया था. इस मामले में जिला व सत्र न्यायालय के न्यायमूर्ति निखिल मेहता की अदालत ने आरोपी अमोल मुरलीधर जवंजाल को पांच वर्ष सश्रम व योगेश रामराव पाखरे को एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई. जबकि इसमें से आरोपी मुरलीधर जवंजाल को बाईज्जत बरी कर दिया है.
जानकारी के अनुसार 18 नवंबर 2014 की शाम 4.30 बजे आरोपी योगेश आखरे ने शिकायतकर्ता प्रदीप मुंदाने की लडकी के मोबाइल पर मिस कॉल किया. लडकी ने आरोपी से पूछा तब आरोपी ने कहा कि आरोपी अमोल जवंजाल को उसके साथ बोलना है. तब शिकायतकर्ता की पत्नी ने आरोपी योगेश से पूछताछ की तब उसनेे तुमसे जो बन पडे कहना है कहकर धमकाया. जोर जोर से गालीगलौज सुनकर शिकायतकर्ता प्रदीप मुंदाने वहां पहुंचा तब अमोल ने सिर पर कुल्हाडी से हमला किया. आरोपी योगेश ने उनकी बेटी के सिर पर कुल्हाडी मारी और आरोपी मुरलीधर ने लोहे की राड से हमला कर घायल कर दिया. इसकी वलगांव पुलिस थाने में शिकायत दी गई. पुलिस ने प्रतिक मुंदाने के सिर में कुल्हाडी के गहरे जख्म देखते हुए उसे नागपुर में भर्ती किया गया.
पुलिस ने हत्या करने के प्रयास का अपराध दर्ज कर मामले की तहकीकात करते हुए दोषारोपपत्र अदालत में दायर किया. इस मामले में सहायक सरकारी वकील मंगेश भगत ने 11 गवाहों के बयान लिये. मामला अदालत के विचाराधिन रहते समय शिकायतकर्ता प्रदीप मुंदाने की मौत हो गई. सरकारी गवाहों के बयान और सहायक सरकारी वकील मंगेश भगत की दलीलों को सुनने के बाद जिला व सत्र न्यायालय क्रमांक तीन के न्यायमूर्ति निखिल मेहता की अदालत ने आरोपी अमोल जवंजाल को दफा 307 के तहत दोषी करार देते हुए पांच वर्ष सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना न भरने पर 6 माह अतिरिक्त कडी सजा सुनाई. इसी तरह आरोपी योगेश आखरे को दफा 324 के तहत दोषी करार देते हुए 1 वर्ष सश्रम कारावास व 5 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर एक माह अतिरिक्त कडे कारावास की सजा सुनाई. जुर्माने की रकम घायल प्रतिक व प्रिया मुंदाने को नुकसान भरपाई के रुप में देने के आदेश दिये. सरकारी पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील मंगेश भागवत को पैरवी अधिकारी के रुप में पीएचसी सुधाकर माहुरे व एनपीसी अरुण हटवार ने सहयोग किया.