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छह माह के कोरोना काल में पहली बार आमने-सामने हुए पालकमंत्री, प्रशासन व डॉक्टर

पालकमंत्री व प्रशासन ने पहली बार जानी कोरोना योध्दा डॉक्टरों की समस्याएं

  • ऑक्सीजन तथा दवाईयों की किल्लत को दूर करने पर हुई चर्चा

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२१ – समूचे देश की तरह अमरावती जिले में भी २३ मार्च से कोरोना संक्रमण (Corona infection) के चलते लॉकडाउन घोषित किया गया है और अमरावती शहर में कोरोना का पहला संक्रमित मरीज ३ अप्रैल को पाया गया था. तब से यह सिलसिला लगातार चल रहा है और अब अमरावती में कोरोना संक्रमितों की संख्या ११ हजार के स्तर को पार कर गयी है. शुरूआती दौर में अमरावती में केवल सुपर स्पेशालीटी अस्पताल में ही सरकारी कोविड हॉस्पिटल चल रहा था. वहीं आज ८ निजी कोविड अस्पताल काम कर रहे है. जहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इसके अलावा शहर के कई अस्पतालों में कोरोना सदृश्य लक्षण रहनेवाली सारी नामक बीमारी का भी इलाज किया जा रहा है. दिनोंदिन बढती संक्रमित मरीजों की संख्या के चलते जहां एक ओर मरीजों का इलाज करनेवाले डॉक्टरों पर काम का बोझ लगातार बढता जा रहा है, वहीं अब संक्रमित मरीजों हेतु आवश्यक कृत्रिम ऑक्सीजन गैस और जीवनरक्षक दवाईयों की किल्लत महसूस होने लगी है. जिसकी वजह से कोरोना संक्रमण शुरू होने के करीब छह माह बाद पहली बार जिला पालकमंत्री एवं जिला प्रशासन को इस बात का भान हुआ कि, इस संदर्भ में शहर के डॉक्टरों एवं केमिस्टों से चर्चा एवं विचारविमर्श करते हुए कोई रास्ता निकाला जाये. जिसके चलते सोमवार को जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर (Foster Minister Ed. Yashomati Thakur) एवं जिलाधीश शैलेश नवाल (Collector Shailesh Naval) की प्रमुख उपस्थिति में एक संयुक्त बैठक बुलायी गयी है और इस बैठक में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज से संबंधित विभिन्न बातों पर चर्चा की गई. उल्लेखनीय है कि, विगत अनेक दिनों से निजी कोविड अस्पताल संचालक डॉक्टरों सहित अन्य बडे अस्पतालों के संचालकोें को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड रहा था. जिसकी ओर चिकित्सकों द्वारा प्रशासन का बार-बार ध्यान दिलाया जा रहा था. इसमें से सबसे प्रमुख समस्या रॅमीडेसिविर नामक इंजे्नशन सहित ऑक्सीजन सिलेंडरों के कमी की थी. जिनका अभाव रहने के चलते मरीजों के इलाज में काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा था. इस बात के मद्देनजर प्रशासन ने पहली बार मरीजों का इलाज करनेवाले डॉक्टरों और इलाज हेतु आवश्यक दवाईयों की आपूर्ति करनेवाले केमिस्टों की एक साथ बैठक बुलायी और विगत पांच-छह माह से चले आ रहे कोरोना काल के दौरान पहली बार इस विषय को लेकर साझा तौर पर चर्चा की गई. इस बैठक में उपस्थित डॉक्टरों एवं केमिस्टों की समस्याओें व दिक्कतों को सुनने के बाद जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने कहा कि, इस समय अमरावती शहर सहित जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढती जा रही है. जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा कोरोना संक्रमितों के इलाज हेतु स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार बढाया जा रहा है. जिसमें डॉक्टरों की ओर से सरकार एवं प्रशासन को महत्वपूर्ण योगदान भी मिल रहा है. हालांकि इस दौरान कृत्रिम ऑक्सीजन गैस सहित कुछ जीवनरक्षक दवाईयों की किल्लत महसूस की जा रही है. जिसे दूर करने के तमाम प्रयास किये जा रहे है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, सभी डॉक्टर एवं केमिस्ट इस आडे वक्त में प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करे और आपसी समन्वय के साथ काम करते हुए मौजूदा चुनौतियों व हालात से निपटा जा सके. इस बैठक में जिलाधीश शैलेश नवाल, जिप मुख्याधिकारी अमोल येडगे, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले, इंडियन मेडिकल एसो. के अध्यक्ष डॉ. अनिल रोहणकर, सचिव डॉ. आशिष साबू, डॉ. साहेल बारी, डॉ. विजय बख्तार तथा जिला केमिस्ट एन्ड ड्रगीस्ट एसो. के अध्यक्ष सौरभ मालाणी प्रमुख तौर पर उपस्थित थे.

पालकमंत्री ने की डॉक्टरों की प्रशंसा
इस बैठक के दौरान जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने शहर सहित जिले के सभी सरकारी व निजी डॉक्टरों द्वारा कोरोना काल के दौरान किये जा रहे कामों की मुक्तकंठ से सराहना करने के साथ ही कहा कि, कोरोना के खिलाफ चल रहे अभियान में केमिस्ट एन्ड ड्रगिस्ट एसो. के पदाधिकारी व सदस्यों की भुमिका भी बेहद महत्वपूर्ण है और भविष्य में भी सभी घटकों के बीच सांमजस्यपूर्ण स्थिति बनी रहनी चाहिए.

आयएमए ने सौंपा पालकमंत्री को ज्ञापन
– प्रशासन से कोरोना के खिलाफ मांगा जरूरी सहयोग वहीं इस बैठक के दौरान इंडियन मेडिकल एसो. की स्थानीय ईकाई की ओर से अध्यक्ष डॉ. अनिल रोहणकर व सचिव डॉ. आशिष साबू ने जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर को ज्ञापन सौंपकर बताया कि, यदि प्रशासन द्वारा शहर के निजी चिकित्सकों को आवश्यक सहयोग व सहायता प्रदान की जाती है, तो कई अस्पताल संचालक शहर में निजी कोविड हॉस्पिटल खोलने हेतु तैयार हो सकते है. लेकिन इसके लिए प्रशासन को चाहिए कि, निजी कोविड अस्पताल खोलने हेतु डॉक्टरों को तमाम जरूरी उपकरण व साहित्य उपलब्ध कराये जाये तथा मुलभूत सुविधाओं के साथ ही साफसफाई से संबंधित सुविधाओं के लिए भी प्रशासन की ओर से जरूरी सहयोग मिले. यह ज्ञापन सौंपते समय डॉ. दिनेश ठाकरे, डॉ. पद्माकर सोमवंशी, डॉ. शुभांगी मूंधडा, डॉ. समीर चौधरी, डॉ. निलीमा ठाकरे, डॉ. भूपेश भोंड, डॉ. विजय बख्तार, डॉ. अरूण हरवाणी, डॉ. रोहित चोरडिया, डॉ. सोहेल बारी, डॉ. नितीन सोनोने, डॉ. सिकंदर अडवाणी, डॉ. श्रीगोपाल राठी, डॉ. सप्तेश शिरभाते, डॉ. दिनेश वाघाडे, डॉ. अद्वैत महल्ले, डॉ. स्वप्नील दूधाट, डॉ. ऋषिकेश नागलकर, डॉ. संदीप दानखेडे, डॉ. उल्हास संघई, डॉ. ओ. जी. मूंधडा आदि उपस्थित थे.

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