अमरावती/प्रतिनिधि दि.२७ – स्थानीय जिला सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एस.एस.अडकर ने लूटपाट करने वाले चार आरोपियों को आठ साल के सख्त कारावास व 15-15 हजार रुपए दंड तथा दंड नहीं भरने पर हर एक को 6 महिने की साधे कारावास की सजा सुनाई है.
इस्तेगासे के अनुसार खराला निवासी पंकज पेठे और उसकी सहेली 3 दिसंबर 2016 में दुपहिया से चांदूर रेलवे तहसील के मालखेड तालाब परिसर में जन्म दिन मनाने के लिए गए थे. वहां से लौटते समय पंकज पेठे की सहेली की तबीयत बिगड जाने से सावंगा विठोबा रास्ते के किनारे बैठे हुए थे. इस समय पोहरा निवासी विष्णु राठोड और विलास आडे वहां आये. इसके बाद पोहरा निवासी विजय पवार और नरेश उर्फ नरेंद्र चव्हाण भी वहां पहुंचे. इसके बाद आरोपियों ने पंकज पेठे और उसकी सहेली को लाठियों से पीटकर घायल कर दिया. इसके बाद उनके पास रखे नगद व सोने के आभूषण लूट लिये. पंकज पेठे व उनकी सहेली घबराते हुए जख्मी हालात में फे्रजरपुरा पुलिस थाने में पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने संदिग्ध आरोपियों के मोबाइल में तस्वीरे खींच ली थी. यह तस्वीरे पुलिस को दिखाने के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों को पहचान लिया. इसके बाद पंकज पेठे को फ्रेजरपुरा पुलिस ने घटनास्थल चांदूर रेलवे होने से वहां पर शिकायत दर्ज कराने के लिए भेजा. इसके बाद पंकज पेठे ने चांदूर रेलवे पुलिस थाने में जाकर आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की. जिसके आधार पर धारा 394 के तहत अपराध दर्ज किया गया. चांदूर रेलवे पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लूटे गए सोने के आभूषण, लाठियां जब्त की. आरोपी की पहचान परेड लेकर की गई. इसके बाद आरोपी के खिलाफ धारा 394 व मकोका अंतर्गत दोषारोप पत्र दाखिल कर मामला न्यायप्रविष्ठ किया गया. इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से एड.सुनील देशमुख ने 10 गवाहों के बयान जांचे. इस दौरान कोई भी गवाह बयान से नहीं पलटा. मामले में पंकज पेठे व उसकी सहेली की गवाही महत्वपूर्ण साबित हुई. इस मामले की जांच सहायक पुलिस निरीक्षक नागेश चतरकर, सहायक पुलिस निरीक्षक निशांत फुलेकर और उपविभागीय पुलिस अधिकारी अविनाश पालवे ने की थी. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ धारा 394 के तहत अपराध सिध्द होने पर न्यायाधीश एस.एस.अडकर ने चारों आरोपियों को आठ साल के सख्त कारावास व प्रत्येक को 15-15 हजार रुपए का दंड तथा दंड नहीं भरने पर प्रत्येक को 6 माह के साधे कारावास की सजा सुनाई. इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से सहायक सरकारी वकील एड.सुनील देशमुख ने युक्तिवाद किया.