* अब निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की ओर
मुंबई/दि.24- राज्य की पूर्ववर्ती महाविकास आघाडी सरकार ने मुंबई मनपा छोडकर अन्य सभी महानगर पालिकाओें के चुनाव तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति से लेने और स्थानीय निकायों की सदस्य संख्या को बढाने का फैसला लिया था. पश्चात सत्ता में आयी शिंदे-फडणवीस सरकार ने इस फैसले को पलटते हुए राज्य की महानगरपालिकाओं के चुनाव वर्ष 2017 में हुए चुनाव की तर्ज पर चार सदस्यीय प्रभाग पध्दति व पुरानी सदस्य संख्या के आधार पर लेने का निर्णय लिया था. जिसे लेकर विधानसभा में विधेयक पारित किया गया था. इस विधेयक को आज विधानसभा सचिवालय द्वारा बिल के तौर पर मान्यता दे दी गई है.
वही दूसरी ओर शिंदे-फडणवीस सरकार द्वारा प्रभाग पध्दति व सदस्य संख्या को लेकर लिये गये फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नये विधेयक पर स्थगिती देते हुए फिलहाल हालात को ‘जैसे थे’ रखने का आदेश दिया गया है. परंतु सुप्रीम कोर्ट ने विधेयक को बिल में रूपांतरित करने की प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं लगायी थी. जिसके चलते विधानसभा में इस विधेयक को बिल के तौर पर पारित करने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली. हालांकि अब भी गेंद सुप्रीम कोर्ट के पाले में ही है और अगली सुनवाई के समय सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रभाग की सदस्य संख्या को लेकर क्या फैसला सुनाया जाता है, इस पर इस बिल का भविष्य निर्भर करेगा.