नागपुर/ दि. 3- विदर्भ मेंं राकांपा की अधिक ताकत नहीं है. फिर भी चार विधायकों ने अजीत पवार के साथ रहने की घोषणा की है. शरद पवार के बेहद खास बताए जाते प्रफुल्ल पटेल का साथ मिलने से राकांपा को तगडा झटका माना जा रहा. वही बुलढाणा के पूर्व मंत्री राजेंद्र शिंगणे एवं कॉटोल के अनिल देशमुख अभी भी साहेब अर्थात शरद पवार संग है.
अजीत पवार द्बारा समर्थक विधायकों की जो सूची दी गई. उसमेें पुसद के इंद्रनील नाइक का समावेश है. ऐसे ही अकोला जिले के विप सदस्य अमोल मेटकरी, भंडारा के राजू कारेमोरे, गोंदिया के मनोहर चंद्रिकापुरे भी अजीत पवार के साथ है. अमरावती जिले के राकांपा प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके मुंबई में अजीत पवार के साथ है. विजय देशमुख रविवार के शपथग्रहण समारोह में उपस्थित थे.
पवार घराना से निष्ठा रखनेवाले बुलढाणा जिले के विधायक डॉ. राजेंद्र शिंगणे ने फिलहाल निजी यात्रा पर हिमाचल प्रदेश गए हैं. उन्होंने संपर्क करने पर बताया कि उन्हें वर्तमान गतिविधियों के बारे में जानकारी नहीं. नागपुर जिले के पूर्व विधायक रमेश बंग भी अनिल देशमुख की तरह अजीत के विद्रोह मेें शामिल नहीं होंगेे.
उधर बारामती में अजीत पवार के फैसले का अधिकांश लोगों ने स्वागत किया. कहा कि विकास की दृष्टि से यह निर्णय उचित लगता है. बारामती के लोग कह रहे है कि उपमुख्यमंत्री बनने से उन्हें आश्चर्य का धक्का लगा. किंतु दादा जिस अंदाज में बारामती का विकास कर रहे है, उससे लगता है कि वे सत्ता में आने से फिर विकास को गति मिलेगी.