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1 अगस्त से सभी बिल्डरों को विज्ञापन में छापना होगा क्यूआर कोड, अन्यथा 50 हजार रुपए दंड

महारेरा ने जारी किए आदेश, गलती की दुरुस्ती हेतु मिलेगा 10 दिन का समय

मुंबई ./दि.27- गृहनिर्माण प्रकल्प से संबंधित सभी तरह के विज्ञापनों के साथ महारेरा क्रमांक व वेबसाइट के पते के बगल में 1 अगस्त से क्यूआर कोड छापना भी अनिवार्य रहने की घोषणा महारेरा द्बारा विगत मई माह में की गई थी. वहीं अब कहा गया है कि, 1 अगस्त से इस आदेश पर अमल नहीं करने वाले भूविकासकों व बिल्डरों पर 50 हजार रुपए तक दंड लगाया जाएगा. साथ ही इसके बाद भी अगले 10 दिनों में गलती की दुरुस्ती करते हुए यदि विज्ञापन में स्पष्ट रुप से क्यूआर कोड नहीं छापा जाता है, तो ‘निर्देशों का सतत उल्लंघन’ ग्राह्य मानते हुए नियमानुसार यथोचित कार्रवाई की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि, इससे पहले रेरा क्रमांक को ध्यान में रखकर महारेरा की वेबसाइट पर जाकर इच्छित प्रकल्प का ब्यौरा खोजना पडता था. वहीं अब कुछ भी ध्यान में रखे बिना केवल क्यूआर कोड को स्कैन करते हुए एक क्लीक पर संबंधित प्रकल्प की जानकारी उपलब्ध हो जाएगी. ऐसे में ग्राहकों के लिए बेहद दुर्गामी रहने वाले इस निर्णय को अमल में लाने हेतु महारेरा ने सभी भूविकासकों व बिल्डरों से सहयोग करने का आवाहन किया है.
बता दें कि, महारेरा ने मार्च माह में ही नये सिरे से पंजीयन कराने वाले गृहनिर्माण प्रकल्पों को क्यूआर कोड देने की शुरुआत की थी. जिसके बाद महारेरा ने विशेष प्रयास करते हुए सभी तरह के नये व पुराने प्रकल्पों को भी क्यूआर कोड उपलब्ध करवा दिया. वहीं अब आगामी 1 अगस्त से महारेरा द्बारा अपने निर्णय पर प्रभावी रुप से अमल करने का फैसला किया गया है.
ज्ञात रहे कि, अपने गृहनिर्माण प्रकल्प में अधिक से अधिक लोग जल्द से जल्द निवेश करें, इस हेतु भूविकासकों व बिल्डरों द्बारा समाचार पत्रों व इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों तथा इंस्टाग्राम, ट्विटर व वॉट्सएप जैसे सोशल मीडिया साइड्स सहित विविध माध्यमों के जरिए अपने प्रकल्पों की जानकारी देने हेतु विज्ञापन जारी करते है. किसी भी माध्यम का प्रयोग करते हुए जारी किए जाने वाले विज्ञापनों में महारेरा क्रमांक व महारेरा की बेवसाइट को अंकित करना अनिवार्य है. वहीं अब आगामी 1 अगस्त से ऐसे विज्ञापनों में संबंधित गृहनिर्माण प्रकल्प हेतु आवंटित क्यूआर कोड भी स्पष्ट रुप से दर्शाना व छापना अनिवार्य किया गया है. क्यूआर कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य किए जाने के चलते उस गृहनिर्माण प्रकल्प में निवेश करने के इच्छूक लोगों को प्रकल्प से संबंधित सभी तरह की महत्वपूर्ण एवं प्राथमिक जानकारी एक ही क्लीप पर उपलब्ध हो जाएगी.
घर अथवा किसी भी तरह की स्थायी संपत्ति में निवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति को संबंधित प्रकल्प से जुडी हर तरह की जानकारी अपेक्षित होती है. जिसमें प्रकल्प का नाम, विकासक का नाम, प्रकल्प कब तक पूरा होगा, प्रकल्प का पंजीयन कब हुआ है, प्रकल्प के खिलाफ कोई शिकायत है क्या, प्रकल्प हेतु प्राप्त विविध अनुमति व मंजूरी, प्रकल्प शुरु होने के बाद प्रकल्प के मंजूर प्रारुप में किए गए बदलाव, प्रकल्प के पंजीकरण का नुतनीकरण आदि से संबंधित सभी तरह का ब्यौरा क्यूआर कोड के चलते अब एक क्लीक पर सहज तरीके से उपलब्ध हो जाएगा. जिसके चलते ग्राहक को निर्णय लेने में आसानी होगी. ऐसी जानकारी महारेरा (मुंबई) के मीडिया सलाहकार राम दोतोंडे द्बारा दी गई है.

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