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आखिर स्मशान भूमि के प्रिमाईसेस में जमीन पर करना पडा अंत्यविधि
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कुछ शव कोरोना बाधितों के भी थे
अमरावती प्रतिनिधि/दि.18 – स्थानीय हिंदू मोक्षधाम में कई बार ऐसा समय आता है कि एक ही दिन अनेकों शवों पर यहां अंत्यसंस्कार करने पडते हैं. कल शहर के विविध इलाकों से कुल 24 अंत्ययात्रा अंतिम संस्कार के लिए स्मशान भूमि में पहुंची. इन 24 शवों में कुछ शव कोरोना बाधितों के भी थे. स्मशान भूमि में शवों पर अंत्यसंस्कार करने के लिए चबुतरे बनाए गए है, लेकिन इन चबुतरों की संख्या केवल एक दर्जन है. उसी में स्मशान भूमि की गैस दाहिनी भी बंद पडी थी. इस कारण कुछ शवों को स्मशान भूमि के प्रिमाईसेस में जमीन पर ही अंत्यसंस्कार करना पडा. इनमें कुछ शव कोरोना बाधित मरीजों के भी थे. इस तरह की जानकारी हिंदू स्मशान संस्था के अध्यक्ष एड.आर.बी.अटल ने अमरावती मंडल को दी.उल्लेखनीय है कि कल कोरोना के चलते 6 लोगों की मौत हो चुकी है.
स्थानीय हिंदू स्मशान भूमि में अंत्यसंस्कार के लिए बनाई गई गैस दाहिनी पिछले एक सप्ताह से बंद पडी थी. इस गैस दाहिनी के बर्नर में खराबी आने के कारण वह बंद पडा था. आखिर परसो इस गैस दाहिनी का काम किया गया और आज से गैस दाहिनी में अंत्यसंस्कार किये जायेंगे. ऐसा कही बार होता है कि हिंदू मोक्षधाम में एक ही दिन 12 से ज्यादा लोगों पर अंत्यसंस्कार किये जाते है. स्मशानभूमि में अंत्यसंस्कार के लिए केवल 12 चबुतरे बनाए गए है. यह चबुतरे कई बार फुल हो जाते है, ऐसे में स्मशान भूमि के भीतरी हिस्से में ही जमीन पर शव पर अंत्यसंस्कार करना पडता है. इसी तरह कल शहर के विविध इलाकों में 24 लोगों की मौत हो गई. इनमें कुछ शव कोरोना बाधितों के थे. हालांकि हिंदू स्मशान भूमि में अब तक कोरोना बाधितों के शव पर गैस दाहिनी में ही अंत्यसंस्कार किये जा रहे थे, लेकिन यह गैस दाहिनी नादूरुस्त रहने से कोरोना बाधित मृतकों के शव पर लकडी से अंत्यसंस्कार करने पडे. कल हिंदू स्मशानभूमि में 24 के करीब लोगों के शव अंत्यसंस्कार के लिए पहुंचे. इसमें 4 शव कोरोना बाधित मृतकों के थे. जब स्मशान भूमि के चबुतरे फुल हो जाने के बाद शवों पर अंत्यविधि की समस्या निर्माण हुई तो स्मशान भूमि के कर्मचारियों ने इसकी जानकारी संस्था के अध्यक्ष एड.आर.बी.अटल को दी. वे स्वयं स्मशान भूमि में पहुंचे और उन्होंने इन शवों पर अंत्यसंस्कार की व्यवस्था स्मशान भूमि के प्रिमाईसेस में जमिन पर करने की व्यवस्था करवाई.
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शहर के दुरदराज के इलाकों से आते है शव
हालांकि अमरावती शहर में जेवड नगर, शंकर नगर, न्यू कॉटन मार्केट, अकोली आदि परिसर में भी स्मशान भूमि बनाई गई है, लेकिन यहां की मुख्य स्मशान भूमि में अंत्यदाह के लिए लकडियों से लेकर तो सभी व्यवस्था रहने के कारण अधिकांश लोग इस स्मशान भूमि में अंत्यदाह करना पसंद करते है. इस कारण शहर के उपरोक्त इलाकों में स्मशान भूमि रहते हुए भी उन इलाकों के शव अंत्यदाह के लिए इसी मुख्य स्मशान भूमि में लाये जाते है. इस कारण कई बार यहां अंत्यविधि के लिए चबुतरों की कमी निर्माण होती है.