सागर ठाकरे के पार्थिव पर हुआ अंतिम संस्कार
राजापेठ थाने के लॉकअप् में खुदकुशी करनेवाले
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खंबीत गांववासियोें में जबर्दस्त रोष व आक्रोश
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अंतिम संस्कार के समय था कडा पुलिस बंदोबस्त
अमरावती/प्रतिनिधि दि.21 – दो दिन पूर्व यानी 19 अगस्त की सुबह करीब 6.30 बजे वर्धा जिले की आष्टी तहसील अंतर्गत खंबीत गांव निवासी सागर श्रीपतराव ठाकरे नामक 24 वर्षीय युवक ने राजापेठ पुलिस स्टेशन के लॉकअप् में अपनी शर्ट से फांसी का फंदा बनाते हुए आत्महत्या कर ली थी. पश्चात उसके शव का अकोला के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया और शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया. जिसके बाद गत रोज शुक्रवार 20 अगस्त की दोपहर खंबीत गांव में वर्धा नदी के किनारे सागर ठाकरे के पार्थिव पर अंतिम संस्कार किये गये. इस समय खंबीत गांव सहित आसपास के अन्य गांवों के लोग भी बडी संख्या में उपस्थित थे, जो काफी संतप्त भी थे. ऐसे में कानून व व्यवस्था की स्थिति को बनाये रखने हेतु खुद वर्धा जिले के पुलिस उपअधीक्षक यशवंत सोलंके मौके पर उपस्थित थे और यहां पर कडा पुलिस बंदोबस्त भी लगाया गया था. इसके अलावा अंतिम संस्कार के समय आष्टी तहसील क्षेत्र के विधायक दादाराव केचे सहित राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र से वास्ता रखनेवाले अन्य कई लोग भी उपस्थित थे.
बता दें कि, बता दें कि, वर्धा जिले के आष्टी तहसील अंतर्गत खंबीत गांव निवासी सागर ठाकरे का अपने रिश्ते में रहनेवाली 17 वर्षीय नाबालिग युवती के साथ विगत कुछ समय से प्रेम संबंध चल रहा था और यह युवती विगत माह जब अमरावती के बिच्छू टेकडी परिसर स्थित ननिहाल में रहने आयी थी, तब सागर ठाकरे उसे अपने साथ पुणे भगा ले गया था. जहां पर उन दोनों ने विवाह कर लिया था. इधर नाबालिग युवती की मां ने 3 अगस्त को अपनी बेटी के अपहरण की शिकायत फ्रेजरपुरा पुलिस थाने में दर्ज करायी थी. जिसके आधार पर फ्रेजरपुरा पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 363 के तहत अपहरण का मामला दर्ज किया था और परिविक्षाधीन पीएसआय भारती मामनकर ने मामले की जांच शुरू की थी. वहीं दूसरी ओर अपने खिलाफ पुलिस में शिकायत एवं मामला दर्ज होने की जानकारी मिलते ही सागर ठाकरे उस नाबालिग युवती को लेकर अमरावती वापिस लौटा और सीधे फ्रेजरपुरा पुलिस स्टेशन पहुंचा. जहां पर पुलिस ने युवती से काफी देर तक पूछताछ की और सागर के साथ अपने शारीरिक संबंध रहने की बात भी स्वीकार की. लेकिन मेडिकल चेकअप् कराने से इन्कार किया. चूंकि युवती की आयु 18 वर्ष से कम है, ऐसे में पुलिस ने सागर ठाकरे के खिलाफ दर्ज मामले में धारा 363 के साथ ही धारा 376 (एन) तथा पोक्सो अधिनियम की धाराएं भी जोडी और उसे अदालत के सामने पेश किया गया. जहां से अदालत ने उसे तीन दिन तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश दिया. चूंकि फ्रेजरपुरा पुलिस थाने में आरोपी को हवालात में रखने हेतु लॉकअप् की सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में फ्रेजरपुरा पुलिस ने आरोपी सागर ठाकरे को राजापेठ पुलिस थाने के लॉकअप में लाकर रखा. जहां पर उसने 19 अगस्त की सुबह करीब 6.30 बजे अपनी शर्ट से फांसी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली.
पता चला है कि, अपने खिलाफ पुलिस में अपहरण का मामला दर्ज होने की जानकारी मिलने के बाद खुद पुलिस स्टेशन पहुंचकर उस युवती को पेश करनेवाला सागर ठाकरे इसके बाद अपने खिलाफ अपहरण सहित बलात्कार का मामला दर्ज किये जाने और खुद को लॉकअप् में रखे जाने की वजह से अपने आप को आहत व अपमानित महसूस कर रहा था. जिसकी वजह से पीसीआर की अवधि खत्म होने से महज एक दिन पहले उसने लॉकअप् के दरवाजे से अपनी शर्ट का फंदा बनाते हुए खुद को फांसी लगा ली. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि, गत रोज जिस समय सागर ठाकरे के शव पर अंतिम संस्कार किया जा रहा था, यदि वह लॉकअप् में आत्महत्या नहीं करता, तो लगभग उसी समय के आसपास उसके पीसीआर की अवधि खत्म हो जाती और उसे एक बार फिर कोर्ट में पेश किया जाता. जहां से उसे जमानत भी मिल सकती थी. किंतु इससे पहले ही सागर ने आत्मघाती कदम उठा लिया.
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रात 2 बजे खंबीत लाया गया सागर का शव
अकोला के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम होने के बाद सागर ठाकरे का मृतदेह आधी रात पश्चात 2 बजे खंबीत गांव लाया गया. इस समय गांव में 30 पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की गई थी और पूरे गांव को पुलिस छावणी में तब्दील कर दिया गया था. पश्चात शुक्रवार की दोपहर 12 बजे सागर की अंतिम यात्रा निकाली गई और वर्धा नदी के किनारे बेहद शोकाकुल वातावरण के बीच उसके पार्थिव पर अंतिम संस्कार किया गया. इस समय विधायक दादाराव केचे सहित पुलगांव के उपविभागीय पुलिस अधिकारी गोकुलसिंह पाटील, आर्वी के उपविभागीय पुुलिस अधिकारी सुनील सालुंके, तलेगांव व आष्टी के थानेदार आशीष गजभिये, कारंजा के थानेदार दारासिंह राजपुत, महाराष्ट्र राज्य चर्मोद्योग महामंडल के पूर्व अध्यक्ष अशोक विजयकर, पूर्व उपसभापति विजय वांगे, उपसरपंच निरंजन कोहले, योगेंद्र मतले, पंजाब कोहले, छत्रपति रावलकर सहित खंबीत गांव एवं आसपास के विभिन्न गांवों के नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे. वहीं आष्टी, कारंजा व तलेगांव पुलिस थानों के लगभग 30 पुलिस कर्मचारियों द्वारा आधी रात से पूरे गांव में कडा पहरा दिया जा रहा था.
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विधानसभा में उठायेंगे मामला
सागर ठाकरे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के साथ ही क्षेत्र के विधायक दादाराव केचे ने ठाकरे परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. इस समय सागर के परिजनों ने विधायक केचे के सामने अपना संताप व्यक्त करते हुए सागर की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठायी. जिसे पूरा करने का आश्वासन विधायक दादाराव केचे ने दिया. साथ ही कहा कि वे इस मामले को लेकर विधानसभा में भी आवाज उठायेंगे.
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और भी कुछ पुलिस कर्मचारियों पर गिरेगी गाज
ज्ञात रहे कि, सागर ठाकरे आत्महत्या मामले में पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने तुरंत ही लॉकअप् ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारी प्रशांत इंगोले के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की. वहीं अब भी कुछ पुलिस कर्मचारी कार्रवाई के निशाने पर है. जिस सुबह यह घटना घटित हुई, उस रात पुलिस थाने में ड्यूटी ऑफिसर गजानन काठेवाले, उनके राईटर दिपक सराटे, जांच सहायक धर्मेश बारापात्रे, राईटर अमोल ढोके, कंप्यूटर पर महिला सिपाही स्वाती टेंभुर्णे तथा स्टेशन डायरी पर महिला कर्मचारी संगीता फुसे की ड्यूटी थी. इसके अलावा गार्ड ड्युटी पर राजापेठ थाने के प्रशांत इंगोले सहित बडनेरा थाने के शशिकांत शेलके, नांदगांव पेठ के मनोहर केवटकर को बतौर संतरी तैनात किया गया था. इनमें से एक का भी ध्यान सागर द्वारा उठाये गये आत्मघाती कदम की ओर नहीं गया. ऐसे में अब इन सभी लोगों के बयान दर्ज करने के साथ-साथ उनकी जांच भी की जा रही है.