शिक्षा विभाग के खिलाफ दो करोड की मानहानी का दावा दाखिल करेंगे
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सेवानिवृत्त शिक्षा उपसंचालक राम पवार का कथन
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पत्रवार्ता में किया ऐलान, पूरा मामला बताया
अमरावती/प्रतिनिधि दि.24 – सेवानिवृत्ति के बाद तकरीबन 6 वर्ष अंतराल के बाद प्रशासन ने सभी दोषारोप रद्द कर जांच रोक दी है. जिससे मुझे न्याय मिला है, अब मैं शिक्षा विभाग के खिलाफ 2 करोड की मानहानी का दावा दाखिल करूंगा, इस आशय का ऐलान अमरावती के सेवानिवृत्त शिक्षा उपसंचालक राम पवार ने द्वारा यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में किया गया.
स्थानीय श्रमिक पत्रकार भवन में आहूत पत्र परिषद में सेवानिवृत्त शिक्षा उपसंचालक राम पवार ने बताया कि तत्कालीन शिक्षा सहसंचालक दिनकर पाटील, तत्कालीन आयुक्त पुरुषोत्तम भापकर, तत्कालीन प्रधान सचिव शालेय शिक्षा नंदकुमार व तत्कालीन निजी सचिव विद्याधर महाले ने उनपर नाहक दबाव डालकर उन्हें परेशान करने का प्रयास किया. साथ ही नागपुर, वर्धा, नांदेड, चंद्रपुर, अमरावती और विभागीय शिक्षा उपसंचालक पद पर कार्यरत रहते समय प्रशासकीय व आर्थिक और हेराफेरी किये जाने का भी आरोप उन पर लगाया गया. हर बार किसी न किसी वजह को लेकर लगाये जाते आरोपों के बाद उन्होंने न्यायालय में अपनी याचिका पेश कर न्याय दिलाने की मांग की थी. जिसके बाद अभी विगत 17 अगस्त को ही सरकार ने अंतिम आदेश पारित कर सभी उन पर लगाये गये सभी दोषारोप रद्द कर विभागीय जांच कार्रवाई को बंद कर दिया है. जिससे उन्हें सेवानिवृत्ति के छह वर्ष पश्चात न्याय मिला है. ऐसे में दोषमुक्त हो जाने के चलते वे अब सेवाकाल के दौरान खुद को लगातार परेशान करनेवाले और उन पर नाहक आरोप लगाते हुए उनकी बदनामी करनेवाले तत्कालीन सहसंचालक दिनकर पाटील, तत्कालीन आयुक्त पुरुषोत्तम भापकर, प्रधान सचिव नंदकुमार व तत्कालीन निजी सचिव विद्याधर महाले के खिलाफ 2 करोड की मानहानी का दावा करेंगे. इस पत्रकार परिषद में सेवानिवृत्त शिक्षा उपसंचालक राम पवार ने संबंधित अधिकारियों द्वारा उन पर अब तक लगाये गये सभी आरोपों की सिलसिलेवार जारी पेश करने के साथ ही राज्य शिक्षा विभाग की अप्पर मुख्य सचिव वंदना कृष्णा द्वारा उन्हें दोषमुक्त किये जाने के संदर्भ में जारी किये गये पत्र की प्रतिलिपी भी पेश की..