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मंत्रालय के प्रवेशद्वार पर दुबारा लगायी जाये गाडगेबाबा की दशसूत्री

पूर्व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने की राज्य सरकार से मांग

अमरावती-/दि.29  कर्मयोगी कहे जाते संत गाडगेबाबा के आदर्शों को सामने रखते हुए महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने मंत्रालय के प्रवेश द्वार पर संत गाडगेबाबा की दशसूत्री वाला संगमरमरी फलक स्थापित किया था. जिसे मौजूदा सरकार द्वारा हटा दिये जाने की जानकारी प्राप्त हुई है, जो काफी ठेंस पहुंचानेवाली है. अत: राज्य सरकार द्वारा तुरंत ही संत गाडगेबाबा की दशसुत्री को एक बार फिर मंत्रालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर लगाया जाये. इस आशय की मांग राज्य की पूर्व महिला व बालविकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नाम लिखे पत्र में की है.
इस पत्र में पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, महाराष्ट्र समूचे देश सहित दुनिया में एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पर संत महात्माओं की अपनी एक परंपरा रही है और हमारे संत-महात्माओं ने अपने प्रेरक व प्रबोधनात्मक विचारों से पूरी दुनिया को रास्ता दिखाया है. इन्हीं संत-महात्माओं के विचारों पर महाराष्ट्र टिका हुआ है और संत परंपरा का हिस्सा रहनेवाले संत गाडगेबाबा द्वारा दशसूत्री के तहत व्यक्त किये गये मार्गदर्शक विचारों को राज्य की महाविकास आघाडी सरकार ने मंत्रालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर अंकित किया था, ताकि मंत्रालय में समूचे राज्यभर से आनेवाले लोगों को इन विचारों से प्रेरणा मिले. परंतु राज्य सरकार ने बिना किसी वजह के संत श्रेष्ठ गाडगेबाबा के विचारों को मंत्रालय के प्रवेश द्वार से हटा दिया गया है, जो अपने आप में निंदनीय कृत्य है.

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