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7 लोगों को नवजीवन दे गया गणेश

नागपुर से गुरुग्राम और मुंबई गए फेफडे और दिल

* 27 साल के युवक के परिजनों की सर्वत्र सराहना
नागपुर/दि.24- सडक हादसे में बुरी तरह जख्मी होने के बाद होश में ही नहीं आए, कलमेश्वर के युवक गणेश मसराम ने मरते-मरते 7 लोगों की जीवन की लौ थोडी बेहतर कर दी. कोरोना महामारी पश्चात हुए सभी अवयव दान के प्रथम प्रकरण में चिकित्सकों की बडी मेहनत तथा तत्परता से हृदय मुंबई और फेफडे गुरुग्राम तक भेजे गए एवं सफल प्रत्यारोपण भी किया गया. 27 साल के गणेश के परिजनों की हिम्मत व समय पर दिल पर पत्थर रखकर किए गए निर्णय की हर कोई बढाई कर रहा है. उसी प्रकार झोनल अवयव दान समिति के डॉ. कोलते एवं सचिव डॉ. राहुल सक्सेना, संयोजक वीणा वाठोरे, दिनेश मंडपे व टीम की भी प्रशंसा हो रही है.
जानकारी के अनुसार 19 अप्रैल को गणेश का कलंबा के पास सडक हादसा हो गया. वह लडाई गांव में रहता था तथा प्राइवेट नौकरी करता था. उसे गंभीर हालत में औरियस अस्पताल में लाया गया. काफी उपचार के बाद भी रविवार तक वह होश में नहीं आया. डॉक्टर्स ने उसे ब्रेन डेड करार दिया. एमआरआई में उसके मस्तिष्क पर जबर्दस्त चोट आने की जानकारी दी गई. न्यूरो सर्जन डॉ. परिक्षित महाजन, डॉ. अनंतसिंह राजपूत, डॉ. आशीष गांजरे, डॉ. निनाद श्रीखंडे की टीम ने उपचार का प्रयास किया.
बे्रन डेड होने पर दिनेश मंडपे तथ अनिरुद्ध कोपरकर ने मसराम के पिता नामदेव तथा चचेरे भाई दिनेश एवं अशोक से चर्चा की. उन्हें गणेश के अवयव दान के लिए प्रोत्साहित किया. उनके राजी होने पर क्षेत्रिय प्रत्यारोपण समन्वय समिति हरकत में आई.
फौरन फेफडे, हृदय, यकृत, दोनों गुडदे, कॉर्निया, पेनक्रीयाज और अन्य अवयव दान करने के लिए तैयारी की गई. प्रतीक्षा सूची के हिसाब से राज्यस्तर की समिति (नोट्टो) से भी बात की गई. फेफडे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के 45 साल के मरीज को, दिल ठाणे के ज्यूपिटर अस्पताल में 64 साल के व्यक्ति को यकृत नागपुर के 7 स्टार अस्पताल में 63 वर्ष के व्यक्ति को, केयर तथा वोकहार्ट अस्पताल में दो मरीजों को दो गुडदे और पेनक्रीयाज माधव नेत्र पेढी को दी गई.
डॉक्टर्स सर्वश्री रजीनकांत पातचा, प्रसन्न गोपाल, गोपीकृष्ण, एलांगो एपी, शफी खान, संदीप नागमोते, पूनम सारडा, समीर चौबे, संजय कोलते, निशांत बावनकुले, पायल चौधरी, रवि देशमुख, अश्विनी कुमार खांडेकर, रितेश सातरदे, नितिन चोपडे, शुभांगी पोकले, शैलेंद्र मुंधडा, अनिद्या मुखर्जी, सिस्टर मधुरिका, सिस्टर अश्विनी तावडे, डॉ. प्रशांत रहाटे आदि का योगदान रहा.

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