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शासनादेशों का पालन कर मनाये गणेशोत्सव

पुलिस आयुक्त ने जारी की मार्गदर्शक सूचना की पुस्तिका

  • सभी गणेश मंडलों को पुलिस करेगी वितरित

  • इस वर्ष अब तक 351 सार्वजनिक मंडलों ने मांगी अनुमति

अमरावती/प्रतिनिधि दि.८ – दस दिवसीय गणेशोत्सव अब केवल दो दिन पर आ पहुंचा है. शुक्रवार 10 सितंबर को सार्वजनिक मंडलों में और घर-घर में सभी के लाडले बाप्पा का आगमन होगा. इस वर्ष भी कोरोना प्रादुर्भाव की साये में गणेशोत्सव साधे तरीके से मनाने का आह्वान सरकार की ओर से किया गया है. इस गणेशोत्सव के दौरान सार्वजनिक गणेश मंडलों ने क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए, गणेश विसर्जन और स्थापना के समय कितने लोगों ने उपस्थित रहना चाहिए, विसर्जन कहा करना चाहिए, इस बाबत सभी टिप्स पुलिस आयुक्त डॉ.आरती सिंह ने ‘गणेशोत्सव 2021’ नाम से प्रकाशित इस पुस्तक में दिये है. पुलिस आयुक्तालय ने 4 हजार 500 प्रत में यह किताब प्रकाशित की हैं और इतनी ही संख्या में कैलेंडर भी प्रकाशित किये हैं. आयुक्तालय पुलिस की ओर से अपने अपने थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थापीत होने वाले सार्वजनिक गणेश मंडलों को यह किताब वितरित की जाएगी. अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय स्तर पर अब तक 351 सार्वजनिक गणेश मंडलों ने पंजीयन किया हैं.
पुलिस आयुक्तालय स्तर पर प्रकाशित गणेशोत्सव की मार्गदर्शक सूचना पुस्तिका की प्रस्तावना में पुलिस आयुक्त डॉ.आरती सिंह ने कहा है कि अब तक सभी लोगों में कोरोना के चलते जारी लॉकडाउन का सामना किया है. जनता ने सहयोग किया, उसी कारण कोरोना का सामना करने हम सफल हुए, फिलहाल सरकार ने अनेक निर्बंध शिथील किये है, किंतु डेल्टा प्लस वेरिअंट व म्युकरमायकोसिस जैसी दुर्धर बीमारी का धोका अभी टला नहीं है. इसी कारण हम सभी को सरकार व्दारा निर्गमित किये नियम व शर्तों का पालन कर गणेशोत्सव 2021 यह मनाना है.
इस सूचना पुस्तिका में सार्वजनिक मंडलों को मनपा व स्थानीक प्रशासन की अनुमति लेना आवश्यक किया है. कोरोना से निर्माण हुई संसर्गजन्य स्थिति का विचार कर प्रशासन व्दारा बनाई गई नीति के अनुसार गणेश मंडप बनाए. गणेश मूर्ति सार्वजनिक मंडलों के लिए 4 फीट व घरेलु गणेशोत्सव के लिए 2 फीट की मर्यादा रखी गई है. संभवत: साडू की मिट्टी की पर्यावरण पुरक मूर्ति स्थापित करना, और उत्सव के लिए स्वइच्छा से दिया गया चंदा भी स्वीकार करने के निर्देश दिये. गणेश आगमन व विसर्जन पर जुलूस न निकालने का आह्वान किया है. स्थापना के दौरान एक ही दिन मूर्ति विके्रता की दुकान में भीड न करेे, मूर्ति लाते समय मंडल के कम से कम सदस्य और घरेलु गणपति लाते समय केवल घर का एक ही सदस्य ने जाने का आह्वान किया. विसर्जन की पारंपारिक पध्दति विसर्जित स्थल पर होेने वाली आरती घर पर कर विसर्जन स्थल पर कम से कम समय रुकने और छोटे बच्चे तथा वरिष्ठ नागरिकों को विसर्जन स्थल पर ले जाना टालने का आह्वान किया. इसके साथ ही गणेशोत्सव मनाते समय विद्युत व्यवस्था कैेसी रखे, गणेश मंडप कैसे बनाए, धार्मिक कार्यक्रम करते समय ध्वनि प्रदुषण पर ध्यान देने का आह्वान किया है. साथ ही इस पुस्तिका के अंतिम पृष्ठ पर शहर के सभी पुलिस अधिकारी व संबंधित पुलिस कार्यालय के फोन व मोबाइल नंबर भी दिये गए है.

  • यहां होगा गणेश विसर्जन

– छत्री तालाब स्थित विसर्जन स्थल
– रेवसा नदी
– वडाली प्रथमेश तालाब
– जाफरजीन साहुबाग कुआ
– पेढी नदी
– कामुंजा नदी
– कौंडण्यपुर
– सातुर्णा (एमआईडीसी कुआ)

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