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पेट्रोल व डीजल सहित गैस के दाम फिर भड़के

  •  पेट्रोल 99 रूपये व डीजल 90 रूपये के मुहाने पर

  •  सिलेंडर के दामों में 25 रूपयों का उछाल, अब 819 रूपये अदा करने होंगे

अमरावती/प्रतिनिधि दि. 25 – पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल व डीजल सहित घरेलू गैस सिलेंडरों के दामों में लगातार वृद्धि जारी हैय जिससे आम लोगों का मासिक बजट गड़बड़ा रहा है. इस समय जहां एक ओर सभी लोग पहले ही कोरोना की महामारी के चलते तमाम तरह के प्रतिबंधों की वजह से आर्थिक दिक्कतों से घिरे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ ईंधन व पेट्रोलियम पदार्थों की लगातार बढ़ती कीमतें अब दुश्वारियों को बढ़ाने लगी है.
बता दें इस समय पेट्रोल 98.65 रूपये प्रतिलीटर तथा डीजल 89.78 रूपये प्रतिलीटर की दर पर पहुंच गया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि अब पेट्रोल किसी भी वक्त सौ रूपये के और डीजल नब्बे रूपये के स्तर को पार कर सकता है. वहीं दूसरी ओर कल तक 794 रूपये की दर पर बिकनेवाले घरेलू गैस सिलेंडरों के दामों में 25 रूपये प्रति सिलेंडर की बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है और अब सिलेंडर 819 रूपये की दर पहुंच गया है. पेट्रोलियम पदार्थों में लगातार हो रही बेतहाशा वृद्धि की वजह से आम नागरिकों की अब कमर टूटने लगी है और लोगों, विशेषकर गृहणियों का मासिक बजट गड़बड़ाने लगा है. उल्लेखनीय है कि बीते पूरे साल भर के दौरान कोरोना की संक्रामक महामारी का खतरा फैला रहा और लॉकडाऊन व अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान लोग-बाद कई तरह के प्रतिबंधों को झेलते रहे. इस दौरान कई लोगों का कामकाज और रोजगार बुरी तरह से प्रभावित हुआ, जिसका सीधा असर लोगों की आय पर पड़ा है. ऐसे हालात में पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में हो रही बेतहाशा वृद्धि से अब जीवनावश्यक वस्तुओं के दामों में भी बढ़ोत्तरी होनी शुरू हो गई है, क्योंकि अब मालढुलाई की लागत बढ़ गई है. यानि कोरोना की मार से जूझ रहे लोगों पर इस दरवृद्धि की वजह से दोहरी मार पड़ रही है.

 

  • विगत दस दिनों में ऐसे हुई दरवृद्धि

तारीख           पेट्रोल       डीजल

16 फरवरी        96.77      87.69
17 फरवरी        97.06      88.06
18 फरवरी        97.30      88.32
19 फरवरी        97.63      88.66
20 फरवरी        97.93      89.01
21 फरवरी        98.31      89.41
22 फरवरी        98.31      89.41
23 फरवरी        98.31      89.41
24 फरवरी        98.65      89.78
24 फरवरी        98.65      89.78

 

  • अब 100 रुपये लीटर पेट्रोल की आदत डालनी पड़ेगी, अब शायद ही नीचे आएगी कीमत

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि इस समय देश के कई राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है. जिन राज्यों में वैट और सेस की दरें अधिक हैं, वहां यह कीमत अब न्यू नॉर्मल हो सकती है, यानी वहां कीमतों में किसी भी तरह की कमी की कोई गुंजाइश नहीं है. ज्ञात रहे कि केंद्र पहले ही एक्साइज ड्यूटी में कमी से इन्कार कर चुका है. ऐसे में अगर दरों में कटौती नहीं होती है या तेल उत्पादक देश अप्रैल से उत्पादन में भारी बढ़ोतरी नहीं करते हैं, तो आम उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. अत: अब सभी लोगों ने 100 रुपये लीटर पेट्रोल की आदत डाल लेनी चाहिए, क्योंकि कीमतें अब शायद ही नीचे आएगी.

  • 65 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा क्रूड

बुधवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई, जबकि मंगलवार को भारत की क्रूड परचेज कॉस्ट बढ़कर 63.90 डॉलर हो गई. सोमवार को यह 62 डॉलर प्रति बैरल थी. अमेरिका की तीन बैंकों गोल्डमैन सैच, मॉर्गन स्टेनली और यू बैंक ऑफ अमरीकाके ताजा अनुमानों के मुताबिक अगले कुछ महीनों में कच्चे तेल की कीमत 75 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है। गोल्डमैन का तो यहां तक कहना है कि अगर ओपेक प्लस देश उत्पादन बढ़ाने का फैसला करते हैं, तब भी कीमतों में कमी नहीं आएगी क्योंकि सप्लाई तब भी मांग से कम रहेगी.

  •  क्या होगा अगर कच्चा तेल एक डॉलर बढ़ा तो?

अमूमन भारतीय रिफाइनर्स ब्रेंट की कीमत से 2-3 डॉलर कम कीमत पर कच्चा तेल खरीदते हैं. अगर कच्चा तेल 70 डॉलर प्रति बैरल पहुंचता है, तो भारतीय रिफाइनर्स को यह करीब 68 डॉलर का मिलेगा. जानकारों का कहना है कि कच्चे तेल की कीमत में एक डॉलर का इजाफा होने से दिल्ली में पेट्रोल प्रति लीटर 55 पैसे और डीजल 60 पैसे बढ़ता है. ऐसे में अगर कच्चे तेल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल पहुंचती है, तो दिल्ली में पेट्रोल 3.30 रुपये लीटर महंगा हो जाएगा. इसी तरह डीजल की कीमत में 3.60 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी होगी. महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कीमत ज्यादा बढ़ेगी, क्योंकि इन राज्यों में वैट और सेस अधिक है. इस बढ़ोतरी से मुंबई में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के पार पहुंच जाएगी, जबकि देश के कई अन्य शहरों में यह 95 रुपये से ऊपर चली जाएगी. इसी तरह डीजल की कीमत भी 90 रुपये के ऊपर पहुंच जाएगी.

  •  कैसे मिलेगी राहत

आम उपभोक्ताओं को राहत तभी मिल सकती है जब केंद्र और राज्य सरकारें तेल पर टैक्स में कमी करें या ओपेक प्लस देश अपनी अगली बैठक में उत्पादन बढ़ाने का फैसला करें. अब तक केवल पांच राज्यों असम, पश्चिम बंगाल, मेघालय, नगालैंड और राजस्थान ने ही वैट या सेस में कुछ कटौती की है. यह कटौती 1 रुपये से 7 रुपये तक की गई है.

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