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बहुविध शुल्क के लिए काउंटर भी बढाये जायेंगे
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संस्थाध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने लिया मामले को गंभीरता से
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शिकायतकर्ता सलीम मिरावाले सहित पार्षद बबलु शेखावत व विलास इंगोले से की चर्चा
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१५ – गत रोज शहर कांग्रेस ब्लॉक प्रमुख व सोशल मीडिया प्रभारी सलीम मिरावाले द्वारा पीडीएमसी अस्पताल को लेकर शिकायत दर्ज करायी गई थी कि, इस अस्पताल में मरीजों से मिलने हेतु आनेवाले परिजनों व परिचितों से 100-100 रूपये का गेटपास शुल्क लिया जाता है. यह सीधे-सीधे एक तरह से आर्थिक लूट है. क्योंकि इस अस्पताल में आर्थिक रूप से कमजोर रहनेवाले लोगबाग ही इलाज करवाने के लिए आते है. साथ ही यहां पर गेटपास शुल्क सहित विविध उपचार शुल्क के लिए पैसा भरने हेतु केवल एक ही काउंटर खुला रहता है. जहां पर काफी लंबी कतार होती है और लंबे समय तक लोगों को कतार की भीडभाड में खडे रहना पडता है. जिसकी वजह से सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का भी उल्लंघन होता है.
इस शिकायत और इसे लेकर प्रकाशित खबर को श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री हर्षवर्धन देशमुख ने काफी गंभीरता से लिया और पूरे मामले की जानकारी प्राप्त करने हेतु सलीम मिरावाले सहित कांग्रेस के शहराध्यक्ष व मनपा के नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत तथा पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगोले को आमंत्रित किया. इस चर्चा के दौरान कांग्रेस के ब्लॉक प्रमुख सलीम मिरावाले ने पीडीएमसी अस्पताल में चलायी जा रही व्यवस्था की वजह से आम लोगों को हो रही तकलीफों की जानकारी देने के साथ ही इस व्यवस्था में आवश्यक बदलाव करने का निवेदन संस्थाध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख से किया. जिस पर सकारात्मक प्रतिसाद देते हुए संस्थाध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने अस्पताल में बिना वजह की भीडभाड को कम करने के लिए गेट पास की व्यवस्था को जरूरी बताया. साथ ही यह भी कहा कि, अब गेट पास शुल्क के तौर पर 100 रूपये की बजाय केवल 40 रूपये ही लिये जायेंगे और कैश काउंटर की संख्या को बढाते हुए सभी काउंटर पूरा समय खुले रखे जायेंगे, ताकि किसी भी कैश काउंटर के सामने कोई भीडभाड न हो. संस्थाध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख के मुताबिक यद्यपि पीडीएमसी अस्पताल में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा रक्षक तैनात किये गये है. किंतु बावजूद इसके मरीजों से मुलाकात के नाम पर कई अवांछित तत्व भी अस्पताल परिसर में घुस जाते है. इनके द्वारा मरीजों व उनके परिजनों के पास मौजूद सामान की चोरी भी की जाती है. ऐसी तमाम घटनाओं को टालने के लिए गेटपास की व्यवस्था को अमल में लाया गया है, जो आगे भी जारी रहेगी. किंतु अब इसके तहत लिये जानेवाले शुल्क की रकम को कम कर दिया जायेगा.