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पुणे गॉट टैलेंट में गौरी बेहेरे ने मारी बाजी

स्कूल ऑफ स्कालर्स अमरावती की है छात्रा

अमरावती/ दि.9- अभी हाल ही में हुई पुणे गॉट टैलेंट व्दारा ऑनलाइन मोरया गणेशा थीम कॉन्टेस्ट स्पर्धा में अमरावती की गौरी भवनेश बेहेरे ने बाजी मारी. गौरी बेहेरे स्कूल ऑफ स्कॉलर्स अमरावती के कक्षा 9 वीं की छात्रा है. पुणे गॉट टैलेंट इस स्पर्धा में गणेशा थीम को लेकर कोई भी अपना एक टैलेंट पेश करना था. गौरी बेहेरे ने शाडू मिट्टी के बहुत सुंदर गणेशा बनाने का टैलेंट पेश किया था. गौरी बेहेरे इस प्रतियोगिता में विजयी रही पुणे गॉट टैलेंट की ओर से गौरी बेहरे को एक ट्रॉफी और सर्टिफिकेट मिला है.
इस स्पर्धा में राज्य के बहोत से बच्चों ने अपना टैलेंट पेश किया था. किसी ने डांस, तो किसी ने रंगोली, अलग-अलग प्रकार के टैलेंट इस प्रतियोगिता में देखने को मिले. गौरी बेहेरे ने ना तो सिर्फ शाडू मिट्टी की गणेशा की मूर्ति बनायी बल्कि विसर्जन के बाद उस मिट्टी का पुन: उपयोग कैसे करना है उसका भी सामाजिक संदेश दिया है. पर्यावरण के अनुकूल मिट्टी की मूर्तियों का विसर्जन के बाद पौधे लगाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. हर साल गणेश चतुर्थी के दौरान पर्यावरण को सुरक्षित रखने और पर्यावरण के अनुकूल होने के उद्देश्य से गौरी बेहेरे ने अपनी रचनात्मकता के माध्यम से अनूठी अवधारणा को लागू किया.
हर साल वह स्वयं इको फ्रैंडली मिट्टी की गणेश मूर्ति बनाती है और गणेश विसर्जन के बाद वह पौधों के लिए उस मिट्टी का उपयोग करती है. अधिकांश गणेश मूर्तियां प्लॉस्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी होती है जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है. उन्होंने गणेशोत्सव पर एक पौधा लगाने और पीओपी के बजाए मिट्टी की मूर्तियों का उपयोग करने को लेकर जनजागृती करने का निर्णय लिया है. इस पहल का उद्देश्य प्रदूषण स्तर और पर्यावरण पर पीओपी के हानिकारक प्रभावों को कम करना है. जब हम त्यौहार मनाते है तो यह अवधारणा पर्यावरण में योगदान करने में मदद करती है.

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