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स्वेच्छा निधी को लेकर तपी मनपा की आमसभा

सभी पार्षदों ने प्रशासन के खिलाफ जताई नाराजगी

  • शहर का विकास अवरूध्द होने का लगाया आरोप

अमरावती/प्रतिनिधि दि.20 – सरकार की ओर से पार्षदों के लिए 50 लाख रूपये की स्वेच्छा निधी दिये जाने की घोषणा की गई है. किंतु मनपा द्वारा स्वेच्छा निधी के तौर पर केवल 15 लाख रूपये की ही स्वेच्छा निधी दी गई है. जिसकी वजह से अनेकों विकास काम अवरूध्द हुए है और कई विकास काम प्रलंबित पडे है. इस आशय का आरोप विपक्षी पार्षदों द्वारा मनपा की आमसभा में लगाते हुए स्वेच्छा निधी के तहत मिलनेवाली रकम को बढाये जाने की मांग को लेकर जमकर हंगामा मचाया गया.
मंगलवार 20 जुलाई को आहूत मनपा की आमसभा में सर्वप्रथम पिछली सभा के कार्यवृत्तांत सहित अन्य विशेष समितियों के कार्यवृत्तांत को कायम किया गया. साथ ही आयुक्त की ओर से पेश किये गये विषय क्रमांक 47, 48, 49 व 50 को सर्वसम्मति से मंजुर किया गया. इसके तहत विषय क्रमांक 47 अंतर्गत मतिमंद, कुष्ठरोगी, वयोवृध्द व दिव्यांगों को दी जानेवाली वार्षिक आर्थिक मदद की रकम को 6 हजार से बढाकर 9 हजार करने को मंजूरी प्रदान की गई. इसके साथ ही अमरावती मनपा क्षेत्र में प्लास्टर ऑफ पैरिस के मूर्तियों के निर्माण, प्रयोग व बिक्री को प्रतिबंधित करने, मनपा क्षेत्र में मूर्तिकारों के पंजीयन हेतु तय किये गये पंजीयन शुल्क, डीपॉजीट रकम व लाईसेन्स नूतनीकरण शुल्क में से डीपॉजीटी रकम को दो चरणों में भरने हेतु छूट व सहूलियत दिये जाने की निती बनाना तय किया गया. साथ ही अमरावती शहर की पर्यावरण संबंधी रिपोर्ट को मंजुरी प्रदान की गई. इसके पश्चात विषय क्रमांक 51 के तहत जैसे ही स्वेच्छा निधी को लेकर चर्चा शुरू हुई, वैसे ही विपक्षी पार्षदों ने सत्ता पक्ष एवं मनपा प्रशासन को जमकर आडे हाथ लेना शुरू किया. जिसके तहत विपक्षी पार्षदों का कहना रहा कि, महज 15 लाख रूपयों की स्वेच्छा निधी के चलते वार्डविकास से संबधित काम सही ढंग से नहीं हो सकते है और वॉर्ड विकास के कामों हेतु पैसा कम पडने की वजह से कई काम अधर में लटके हुए है. ऐसे में वार्ड सहित शहर के विकास को ध्यान में रखते हुए पार्षदों को दी जानेवाली स्वेच्छा निधी की राशि को बढाया जाना चाहिए.
इस विषय को लेकर हुई चर्चा में एमआईएम पार्षद व गुटनेता अब्दुल नाजीम ने कहा कि, इन दिनों उनके वार्ड सहित शहर के विभिन्न इलाकों में पर्याप्त निधी का अभाव रहने के चलते साफ-सफाई का काम सही ढंग से नहीं हो रहा है. जिसकी वजह से डेंग्यू, चिकनगुनिया व मलेरिया जैसी बीमारियां पांव पसार रही है. इसके अलावा सभी वॉर्ड व प्रभागों में तमाम तरह के विकास कार्य रूखे पडे है. जिसके लिए पूरी तरह से सत्ता पक्ष की नाकामी जिम्मेदार है. इसके अलावा शहर की कई बस्तियों में न तो मजीप्रा की ओर से जलापूर्ति की जा रही है और न ही वहां बोअरिंग करने की अनुमति दी जा रही है. ऐसे में पेयजल की किल्लत बनी हुई है.
वहीं पार्षद अजय गोंडाणे ने स्वेच्छा निधी की रकम बढाने के साथ ही एकमुश्त राशि दिये जाने की मांग करते हुए कहा कि, इस समय खुद सत्ताधारी दल के सदस्यों को प्रशासन के सामने खडे रहकर हाथ जोडते हुए निवेदन करना पड रहा है. इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि, सत्ताधारी दल की प्रशासन पर कोई पकड नहीं है और प्रशासन मनमाने ढंग से काम कर रहा है. पार्षद गोंडाणे ने चुनौती देनेवाले अंदाज में कहा कि, यदि पिछडी बस्तियोंवाले प्रभागों में घुमा जाये और जमिनी स्तर पर मुआयना किया जाये, तब पता चलेगा कि, 15 लाख रूपये में क्या काम हो सकते है. अगर मनपा के पास निधी उपलब्ध नहीं है, तो मनपा ने अपनी कर वसूली को अब तक चुस्त-दुरूस्त क्यों नहीं किया, ऐसा भी पार्षद गोंडाणे का कहना रहा.
वहीं सेना पार्षद प्रशांत वानखडे, कांग्रेस पार्षद सलीम बेग ने भी स्वेच्छा निधी के मामले को लेकर प्रशासन को जमकर घेरने का प्रयास किया.

  • टेंडर की गोपनीय बातें सीधे मीडिया तक कैसे

इस समय मनपा के नेता प्रतिपक्ष बबलु शेखावत तथा पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगोले ने कहा कि, विगत कुछ अरसे से अमरावती मनपा में एक बेहद गलत परंपरा शुरू हो गई है. इसके तहत निविदा प्रक्रिया से जुडी कई गोपनीय प्रशासनिक बाते मीडिया तक पहुंच जाती है और मनपा के कई पदाधिकारी व अधिकारी अपने निजी फायदे के लिए इन गोपनीय बातों को मीडिया के जरिये ‘प्लांट’ व उजागर करते है. किंतु इसका असर मनपा के कामकाज पर पडता है और कई बार इसकी वजह से मनपा की प्रतिमा भी मलीन होती है. ऐसे में प्रशासन द्वारा इसे लेकर संबंधितों से जवाब तलबी की जानी चाहिए और कडा रूख अपना जाना चाहिए.

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