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मराठवाडा के विकास हेतु 60 हजार करोड की भेंट

सीएम शिंदे ने की विकास कामों को लेकर घोषणा

* कैबिनेट की बैठक को लेकर 35 सिंचाई प्रकल्पों को संशोधित मान्यता
छ. संभाजी नगर./दि.16– करीब 7 वर्ष के अंतराल पश्चात मराठवाडा में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई. जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा दोनो उपमुख्यमंत्रियों सहित करीब 29 मंत्रियों ने हाजरी लगाई. इस बैठक में मराठवाडा के विकास हेतु 60 हजार करोड रुपयों के प्रस्ताव पेश किए गए. जिन्हें कैबिनेट द्बारा प्राथमिक स्तर पर तत्वत: मंजूरी दी गई. कैबिनेट की बैठक पश्चात इसकी जानकारी देते हुए सीएम शिंदे ने बताया कि, मराठवाडा क्षेत्र में 60 हजार करोड रुपयों के विकास कार्य शुरु करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही 35 सिंचाई प्रकल्पों को संशोधित मान्यता देते हुए 14 हजार करोड रुपए के खर्च को मंजूरी दी गई है. इस जरिए मराठवाडा के विकास हेतु राज्य सरकार द्बारा 60 हजार करोड रुपयों की निधि दी जाएगी. साथ ही इन 35 सिंचाई प्रकल्पों के जरिए 8 लाख हेक्टेअर कृषि क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी.
इसके साथ ही सीएम शिंदे ने यह भी कहा कि, बारिश में पडे 21 दिनों के खंड को लेकर फसल बीमा कंपनियों से बातचीत की जा रही है और नियमों में संशोधन करते हुए नुकसान का सामना करने वाले किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी.
इसके अलावा कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, छत्रपति संभाजी नगर में मंत्रिमंडल की बैठक न हो, इस हेतु विपक्षियों ने काफी प्रयास किए. विपक्ष खुद तो कुछ करता नहीं और दूसरों के काम में अडंगा डालता है. फडणवीस ने यह भी बताया कि, 7 वर्ष पहले 4 अक्तूबर 2016 को छत्रपति संभाजी नगर (तत्कालीन औरंगाबाद) में कैबिनेट की बैठक हुई थी, जिसमें 31 निर्णय लिए गए थे और वर्ष 2017 में समीक्षा भी की गई थी. उस समय 10 विषय पूर्ण हो चुके थे. 12 विषय प्रगतीपथ पर थे और 6 विषय अपूर्ण थे. वहीं आज 31 में से 13 निर्णय पूर्ण हो चुके है और 7 प्रगतीपथ पर है. वहीं एक निर्णय उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में कही गायब हो गया है. इसके अलावा हमने जालना वॉटर ग्रीड के संदर्भ में टेंडर जारी किया था. परंतु उद्धव ठाकरे की सरकार ने उस योजना की लगभग हत्या ही कर दी और आज भी हमसे इस बारे में सवाल-जवाब कर रहे है.

 

 

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