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लडकी का वस्तु जैसा सौदा करना दुर्भाग्यपूर्ण

हाईकोर्ट की टिप्पणी

* कर्ज के लिए 1 साल की बेटी की विक्री
मुंबई/दि.16- बंबई उच्च न्यायालय ने 21वें शतक मेें बच्ची को वस्तु मानकर उसका आर्थिक फायदे के लिए सौदा करने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. 1 हजार रुपए के बदले में 1 वर्ष की बेटी को खरीदी करने के आरोप में महिला की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए न्यायालय ने उपरोक्त मत व्यक्त किया.
45 साल की अश्विनी बाबर को सातारा पुलिस ने पिछले वर्ष गिरफ्तार किया था. उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश न्या. श्रीराम मोडक की एकलपीठ ने दिया. उसी समय न्यायालय ने उपरोक्त आशय के विचार भी व्यक्त किए. कोर्ट ने कहा कि इस प्रकरण में मुकदमे की सुनवाई शीघ्र आरंभ होने की संभावना नहीं है. याचिकाकर्ता का पति और सहआरोपी भी जमानत पर बाहर है. संबंधित बच्ची उसके पालकों के पास है. याचिकाकर्ता को ही दो अल्पवयीन बच्चे है. उनका भी भला सोचना होगा.
* क्या है प्रकरण
आरोपी अश्विनी बाबर और उनके पति पर शिकायतकर्ता महिला की एक वर्ष की बच्ची खरीदने का यह मामला है. बच्ची की मां को पैसों की नितांत आवश्यकता थी. उसने आरोपी के पास पैसे की मांग की. आरोपी ने उसे कर्ज की रकम देने से पहले बच्ची को उन्हें सौंपने की शर्त रखी. शिकायतकर्ता महिला ने अपनी 1 वर्ष की बच्ची को कर्ज के बदले में आरोपी दंपति के हवाले किया. जब शिकायतकर्ता ने आरोपी के कर्ज की रकम लौटा दी फिर भी आरोपी दंपति ने बेटी को वापस करने से मना कर दिया. तब पीडित महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने आरोपी दंपति को गिरफ्तार कर बेटी को उसकी मां के हवाले किया.

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