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‘सरकार’ को सद्बुध्दि दो भगवान

भाजपा का मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर अनूठा आंदोलन

  • गाडगेबाबा समाधि मंदिर के सामने किया धरना प्रदर्शन

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२५ – राज्य की पूर्ववर्ती फडणवीस सरकार द्वारा अमरावती जिले में सरकारी मेडिकल अस्पताल शुरू करने को लेकर तमाम तैयारियां पूर्ण की गई थी. लेकिन राज्य की मौजूदा महाविकास आघाडी सरकार द्वारा अमरावती के प्राधान्यक्रम को बदलकर पश्चिम महाराष्ट्र व कोंकण के जिलोें में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे है. अत: अपने ही राज्य की जनता के साथ दूजाभाव करनेवाली आघाडी सरकार को भगवान सदबुध्दि प्रदान करने, इस आशय की प्रार्थना करते हुए भाजपा द्वारा सोमवार की दोपहर शहर में ‘सद्बुध्दि’ आंदोलन किया गया. जिसके तहत गाडगे नगर परिसर स्थित गाडगेबाबा समाधि मंदिर में सरकार के लिए सद्बुध्दि की प्रार्थना करने के साथ ही अपरान्ह 12 से 4 बजे तक धरना प्रदर्शन भी किया गया. जिसमें आघाडी सरकार की पक्षपातपूर्ण नीतियों का जमकर विरोध किया गया.
भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर के नेतृत्व में किये गये इस आंदोलन में पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख, विधायक प्रताप अडसड, पूर्व शहराध्यक्ष जयंत डेहनकर, महापौर चेतन गावंडे, उपमहापौर कुसुम साहू, स्थायी सभापति राधा कुरील, पूर्व उपमहापौर संध्या टिकले, भाजपा पदाधिकारी डॉ. अविनाश चौधरी, मंगेश खोंडे, दीपक खताडे, प्रा. रवि खांडेकर, डॉ. संजय तीरथकर, पार्षद विवेक कलोती, रिता मोकलकर, लता देशमुख, पद्मजा कौंडण्य, राजेंद्र मेटे, विवेक चुटके, प्रकाश डोफे, डॉ. बावनेर, वंदना मडघे, गजानन जाधव, राजेश गोयनका, जगदीश कांबे, डॉ. वीेरेंद्र ढोबले, प्रणित सोनी, दीपक पोहेकर, गजानन देशमुख, रविकिरण वाघमारे, गजानन जाधव, कौशिक अग्रवाल, राजेश किटुकले, श्याम पाध्ये, सचिन सूर्यवंशी, प्रकाश सरदार, सागर महल्ले, तुषार वानखडे, सचिन रासने, भारत चिखलकर, ओम चव्हाण, अमोल आगरकर, शिवाजी आवटे, सदु पुन्शी सुषमा कोठीकर, अलका सप्रे, अविनाश देउलकर, राजु कुरील, प्रवीण वैश्य आदि समेत अनेकों भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे.

  • … अन्यथा अमरावती बंद आंदोलन करेेंगे

इस समय भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने कहा कि, गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले भाजपा द्वारा राज्य सरकार के लिए सद्बुध्दि मांगने हेतु आंदोलन किया गया है. वहीं बुधवार 27 जनवरी को जिलाधीश कार्यालय के सामने मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया जायेगा. यदि इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है, तो जल्द ही अमरावती बंद आंदोलन भी किया जायेगा.

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