मनपा के डीपीआर में गोलमाल
नगर रचना विभाग ने 25 मामलों उठाई आपत्ति, जमीन का आरक्षण का गायब
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बिल्डर को दिया गया लाभ
अमरावती/प्रतिनिधि दि.24 – महानगर पालिका का नया विकास प्रारूप जमीन के कम आरक्षण तथा बिल्डरों के फायदे पर केंद्रीत रहने के चलते राज्य के नगरविकास विभाग ने 25 मामलों पर आक्षेप उठाते हुए त्रृटी निकाली है. जिसके चलते गत रोज निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने इससे संबंधित फाईल अपने पास मंगायी है.
बता दें कि, महानगरपालिका ने 19 नवंबर 2019 को पुणे स्थित नगर रचना विभाग के पास नये विकास प्रारूप को मंजूरी के लिए भेजा था. किंतु नगर विकास विभाग ने पुराने और नये विकास प्रारूप में जमीन-आसमान का अंतर रहने की बात कही. पुराने डीपीआर में 514 आरक्षित भूखंड (डीपी) थे, वहीं नये विकास प्रारूप में केवल 210 भूखंडों को आरक्षित रखा गया है. जिसका सीधा मतलब है कि, इस नये डीपीआर के तहत बिल्डर लॉबी के फायदे को ध्यान में रखा गया. जिसे लेकर नगर विकास विभाग ने अपनी आपत्तियों के साथ मनपा प्रशासन को एक पत्र लिखा है. यह पत्र विगत 22 अगस्त को प्राप्त होते ही मनपा प्रशासन की नींद उड गयी.
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इन 25 मुद्दों पर नगर रचना विभाग ने लिया आक्षेप
– नियोजन समिती की रिपोर्ट के मुद्दे गायब.
– नई व पुरानी जमीनों के उपयोग में बदलाव.
– मंजूर विकास योजना के आरक्षण की अनदेखी.
– रहाटगांव सर्वे क्रमांक 194/1 में प्राथमिक शाला व हाईस्कूल का आरक्षण हटाया.
– शेगांव में रास्ते की चौडाई कम की.
– रहाटगांव में दफन भूमि की जमीन गायब.
– नवसारी में बगीचा आरक्षण व्यपगत यानी निरस्त.
– तारखेडा में रास्ते की जमीन गायब.
– मौजा कैम्प में प्राथमिक शाला का आरक्षण हटाया.
– बाढ नियंत्रण रेखा भी सीमित.
– झोननिहाय पार्किंग के लिए आरक्षण क्षेत्र.
– मौजे रहाटगांव में सर्वे क्रमांक 98.99 टीडीआर जमीन गायब.
– वडाली सर्वे क्रमांक 94 में शाला का आरक्षण व्यपगत.
– रहाटगांव में घुमावदार रास्ते की जगह में बदल.
– बिल्डर व भूमाफियाओं का आरक्षण किया रद्द.
– रहाटगांव में पत्रकार संघ की जगह निवासी क्षेत्र में शामिल.
– तारखेडा में जोड रास्ता गायब.
– राजापेठ में खेल का मैदान गायब.
– मौजे पेठ अमरावती में बाजार समिती की जगह का आरक्षण खारिज.
– मौजा राजापेठ सर्वे क्रमांक 56/1 में बगीचे का आरक्षण हटाया.
– मौजा बेनोडा में सर्वे क्रमांक 18/2 में जमीन का आरक्षण हटाया.
– मौजे जेवड में भाजीबाजार, शॉपिंग सेंटर व स्कूल का आरक्षण हटाया.
– मौजे जेवड के सर्वे क्रमांक 15 में बगीचे का आरक्षण हटाया.
– मौजे सातूर्णा सर्वे क्रमांक 5/2 तथा 3/1 में पार्क व खेल के मैदान का आरक्षण हटाया.
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शहर सुधार समिती में धारा 37 की कार्रवाई का सत्र शुरू
नये विकास प्रारूप को मंजूरी के लिए भेजते ही स्थानीय बिल्डरों व भूमाफियाओं द्वारा मनपा की शहर सुधार समिती में धारा 37 का आधार लेते हुए आरक्षण रद्द करने का सिलसिला शुरू किया गया है. ऐसी जानकारी सामने आयी है. जमीन पर रहनेवाले पुराने आरक्षण को हटाकर उसे निवासी क्षेत्र बनाते हुए ले-आउट के लिए मंजूर किया गया है. जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक डेढ वर्ष के दौरान कितने पुराने आरक्षण हटाये गये, इसकी जानकारी सामने आने पर सभी की आंखे फटी की फटी रह जायेंगी. आरक्षण हटाने के काम में मनपा के ही कुछ अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहने की जानकारी है. जिनके जरिये इस क्षेत्र में आरक्षण को व्यपगत किया जा सकता है. इसकी जानकारी भूमाफियाओं को मिलती है.
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नगर विकास की अवर सचिव मोरे का दौरा
मनपा के डीपीआर पर नगर रचना विभाग द्वारा आक्षेप लिये जाने के चलते नगर विकास विभाग की अवर सचिव वीणा मोरे ने विगत सप्ताह अमरावती मनपा का दौरा किया. आरक्षित जमीनों को लेकर सरकार के पास शिकायतेें प्राप्त होने के चलते मोरे का दौरा होने की जानकारी है. अपने इस दौरे के तहत मोरे ने कुछ आरक्षित जमीनों का भी प्रत्यक्ष मुआयना किया, ऐसा पता चला है.
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आरक्षण हटाने की वजह खोजी जायेगी
शहर में आरक्षित रहनेवाली जमीनों का आरक्षण बदलने के पीछे काफी कुछ छिपा हुआ है. जिसमें कई बिल्डरों व भूमाफियाओं का भी हाथ है. ऐसे में किन-किन जगहों के आरक्षण को व्यपगत किया गया और उसके पीछे क्या वजह दिखाई गई, इसकी जांच-पडताल नगर विकास विभाग द्वारा की जायेगी. साथ ही इसमें शहर सुधार समिती की भूमिका को भी जांचा जायेगा.