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घोटालेबाजों की बजाय घोटाला उजागर करनेवालों को पकड रही सरकार

भाजपा नेता किरीट सोमय्या ने साधा ठाकरे सरकार पर निशाना

  • मंत्री हसन मुश्रीफ पर लगाया एक और घोटाले का आरोप

कराड/दि.२० – राज्य सरकार में मंत्री रहनेवाले हसन मुश्रीफ के खिलाफ मेरे पास 2700 पन्नों के सबूत है. जिसे लेकर मुझे पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करानी है, किंतु घोटालेबाज को पकडने की बजाय राज्य की ठाकरे सरकार द्वारा घोटाला उजागर करनेवाले शिकायतकर्ता को ही गिरफ्तार करने का अजब-गजब कारनामा किया गया है और मुझे गैरकानूनी ढंग से स्थानबध्द करते हुए कोल्हापुर जाने से रोका जा रहा है. इस आशय का आरोप भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमय्या द्वारा लगाया गया.
मुंबई से कोल्हापुर जाते समय भाजपा नेता सोमय्या को पुलिस द्वारा कराड में ही रोक लिया गया और उनके कोल्हापुर जिले में प्रवेश करने पर पाबंदी भी लगायी गयी. जिसके बाद कराड में पत्रकारोें के साथ चर्चा करते हुए भाजपा नेता किरीट सोमय्या ने कहा कि, कल उन्हें राज्य की पुलिस द्वारा गणेश विसर्जन से भी वंचित रखा गया और करीब 4 से 6 घंटे तक घर में स्थानबध्द किया गया. इस समय उन्होंने पुलिस से इस स्थानबध्दता की कार्रवाई को लेकर आदेश दिखाने हेतु कहा. किंतु पुलिस के पास ऐसा कोई आदेश ही नहीं था. पश्चात उनके वकील द्वारा पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत दर्ज कराने पर उन्हें विसर्जन हेतु जाने दिया गया. इसके बाद सीएसएमटी रेल्वे स्टेशन के बाहर भी पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, ताकि उनकी ट्रेन छूट जाये. इस समय भी पुलिस के पास इस बात का कोई भी जवाब नहीं था कि, उन्हें किस आदेश से रोका जा रहा है, बल्कि उन्हें केवल इतना बताया गया कि, उनके मुंबई से बाहर निकलने पर पाबंदी लगायी गई है. वहीं कराड पहुंचने पर उन्हें कोल्हापुर के जिलाधीश का आदेश दिखाया गया. किंतु इसमें उन्हें मुंबई से बाहर नहीं निकलने देने और घर में स्थानबध्द करने का कोई उल्लेख नहीं था. जिसका सीधा मतलब है कि, उन्हें मुंबई में पुलिस द्वारा फर्जी ऑर्डर दिखाई गई थी. इसके साथ ही उन्हें कोल्हापुर में अंबाबाई के दर्शन भी नहीं करने दिये गये. यह कुल मिलाकर उध्दव ठाकरे सरकार की दादागिरी है. किंतु इसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, बल्कि इसके खिलाफ अदालत से इन्साफ मांगा जायेगा.
इसके साथ ही भाजपा नेता किरीट सोमय्या ने कोल्हापुर के जिलाधीश द्वारा जारी आदेश में कही गई बातों का मजाक उडाते हुए कहा कि, कोल्हापुर के जिलाधीश द्वारा जारी आदेश के मुताबिक 20 सितंबर को हसन मुश्रीफ भी कागल आ रहे है. जिनके स्वागत हेतु काफी बडा जनसमुदाय इकठ्ठा हो सकता है. ऐसे में किरीट सोमय्या की जान के लिए खतरा हो सकता है. इस पर सोमय्या ने जानना चाहा कि, यदि आप अधिकृत रूप से यह स्वीकार कर रहे है कि, सोमय्या की जान को खतरा हो सकता है, तो यह बात सुरक्षा यंत्रणाओं को क्यों नहीं बतायी गई. साथ ही सोमय्या ने यह भी जानना चाहा कि, यदि हसन मुश्रीफ के स्वागत हेतु आनेवाले लोगों से उनकी जान को खतरा है, तो सबसे बडा सवाल यह है कि, स्वागत के लिए हसन मुश्रीफ के गुंडे आनेवाले है, या राकांपा के कार्यकर्ता आ रहे है, या फिर कहीं ऐसा तो नहीं कि, राकांपा के कार्यकर्ता ही गुंडे है.
मंत्री हसन मुश्रीफ पर इससे पहले भ्रष्टाचार व अवैध धनउगाही के आरोप लगा चुके किरीट सोमय्या ने मुश्रीफ पर घोटाले का एक और आरोप लगाते हुए कहा कि, आप्पासाहब नलावडे गडहिंग्लज सहकारी शक्कर कारखाने में 100 करोड रूपयों का घोटाला मुश्रीफ परिवार द्वारा किया गया है और फर्जी कंपनियों के जरिये इस कारखाने का पैसा लिया गया है. वर्ष 2020 में किसी भी तरह की पारदर्शी बीडिंग प्रक्रिया के बिना यह कारखाना ब्रिक्स इंडिया प्रा.ली. नामक कंपनी को दे दिया गया. जबकि ब्रिक्स इंडिया के पास शक्कर कारखाना चलाने का कोई अनुभव नहीं है. ब्रिक्स इंडिया मतीन हासीन मंगोली नामक व्यक्ति की है, जो हसन मुश्रीफ के दामाद है. अत: इस मामले की भी जांच की जानी चाहिए.

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  • सोमय्या पर कार्रवाई गृह मंत्रालय से, सीएमओ का कोई संबंध नहीं

भाजपा नेता किरीट सोमय्या को कराड में रोके जाने के बाद भाजपा द्वारा महाविकास आघाडी सरकार की जबर्दस्त आलोचना की जा रही है. वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत द्वारा अब इस मामले को लेकर शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सांसद संजय राउत द्वारा एक अलग ही खुलासा करते हुए कहा गया कि, किरीट सोमय्या पर गृह मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार कार्रवाई हो रही है और इस कार्रवाई से मुख्यमंत्री कार्यालय का कोई संबंध नहीं है. यह जानकारी खुद उन्होंने सीएम उध्दव ठाकरे से बातचीत करते हुए प्राप्त की है.
मुंंबई में आयोजीत पत्रकार परिषद में सांसद संजय राउत ने कहा कि, देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत हर एक के पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. अत: कोई भी किस पर भी किसी भी तरह का आरोप लगा सकता है. इससे पहले भी ऐसा कई बार हुआ है. किंतु यदि किसी व्यक्ति की कृति के चलते कानून व व्यवस्था की स्थिति खतरे में पडती है, तो प्रशासन के पास भी प्रतिबंधात्मक उपाय योजना करने का अधिकार है. जिसके अनुसार गृह मंत्रालय द्वारा यह कार्रवाई की गई होगी. किंतु इस मामले से मुख्यमंत्री कार्यालय का कोई संबंध नहीं है. वैसे भी मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ऐसी छोटी-मोटी बातों पर ध्यान ही नहीं देते. अत: मुख्यमंत्री पर बेवजह के आरोप करने की जरूरत भी नहीं है. साथ ही यदि कोई झूठे आरोप लगाता भी है, तो उससे सरकार पर कोई फर्क भी नहीं पडता.

  • सोमय्या को धक्का भी लगा, तो सरकार हो जायेगी बर्खास्त

वहीं रयत क्रांति संगठन के अध्यक्ष तथा विधान परिषद सदस्य सदाभाउ खोत ने भाजपा नेता किरीट सोमय्या को बीच रास्ते में अडाये जाने का निषेध करते हुए कहा कि, यदि सोमय्या को जरासा भी धक्का लगा, तो यह सरकार बर्खास्त हो जायेगी. राज्य सरकार को गुंडों की टोली निरूपित करते हुए विधायक सदाभाउ खोत ने कहा कि, सरकार एक तरह से गुंडा तत्वों को प्रोत्साहन दे रही है और अपने खिलाफ उठनेवाली हर आवाज को दबाना चाहती है. लेकिन इसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और यदि सोमय्या के बालों को भी धक्का लगता है, तो इस सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया जायेगा.

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