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सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी पुरानी पेंशन

वर्ष 2005 से पहले सेवा में आये कर्मियों को मिलेगा लाभ

* मंत्रिमंडल की बैठक में हुआ बडा फैसला
* दूध उत्पादक किसानों को भी दी गई राहत
मुंबई./दि.4 – राज्य मंत्रिमंडल की आज हुई बैठक में वर्ष 2005 से पहले सरकारी सेवा में आये सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. जिसके तहत नवंबर 2005 में जारी विज्ञापन के अनुसार नवंबर 2005 के बाद सरकारी सेवा में आये सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का पर्याय देने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है. उल्लेखनीय है कि, पुरानी पेंशन की मांग को लेकर विगत कुछ माह से राज्य में सरकारी कर्मचारियों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है. जिसे ध्यान में रखते हुए अब राज्य सरकार ने वर्ष 2005 से पहले सरकारी सेवा में आये कर्मचारियों को काफी बडी राहत दी है.
इसके साथ ही विगत कई दिनों से दूध के लिए भी 5 रुपए का अनुदान दिये जाने की मांग की जा रही है. जिसमें दूध के लिए किसानां को 5 रुपए का अनुसार देने का निर्णय लिया गया. साथ ही विदर्भ क्षेत्र के सिंचाई अनुशेष को दूर करने हेतु वैंनगंगा-नलगंगा प्रकल्प के लिए पानी की उपलब्धता से संबंधित शर्त को शिथिल करने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 10 बेहद महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये. जिसके तहत शिवडी से न्हावाशैवा के बीच बनाये गये अटल सागर सेतू के लिए 250 रुपए का टोल टैक्स निश्चित किया गया तथा मंत्रालयीन लिपिक व टंकलेखकों को प्रतिमाह 5 हजार रुपए का निश्चित भत्ता देने का फैसला लिया गया. वहीं पॉवरलूम उद्योग को प्रोत्साहन देने हेतु इचलकरंजी पॉवरलूम मेगा क्लस्टर को निवेश अनुदान देने का निर्णय लिया गया. जिससे 400 उद्योगों को फायदा होगा. साथ ही रेशम उद्योग के विकास हेतु ‘सिल्क समग्र-2’ योजना चलाने का निर्णय लिया गया, जिसे रेशम उत्पादक किसानों को काफी फायदा होगा. इसके अलावा अंगूर उत्पादक किसानों के लिए वाइन उद्योग की प्रोत्साहन योजना को 7 वर्ष तक चलाने का निर्णय लेेने के साथ ही नांदेड-बिदर नये ब्राडगेज प्रकल्प को गतिमान करने हेतु 750 करोड रुपए के खर्च को मान्यता दी गई. इसके साथ ही सहकारी संस्थाओं के अधिकारियों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव हेतु कालावधि को बढाये जाने का निर्णय लिया गया.

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