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मानव-तेंदुआ संघर्ष रोकने सरकार ने बनाई समिति

मुंबई/दि.22 – प्रदेश सरकार ने मानव और तेंदूए के बीच संघर्ष का अध्ययन करने के लिए 11 सदस्यों की समिति का गठन किया है. गुरुवार को प्रदेश के वन मंत्री संजय राठोड ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वनसंरक्षण (वन्यजीव-मुंबई) के सुनील लिमये की अध्यक्षता में 11 सदस्यों की समिति बनाई गई है. यह समिति अगले तीन महीनों में सरकार को रिपोर्ट देगी.
यह समिति तेंदूए के मृत्यु के कारणों और उसके मौत का प्रमाण कम करने के लिए भी सुझाव देगी. इसके साथ ही तेंदूओं के कारण जनहानी की घटनाएं बढने के संघर्ष में अध्ययन करेगी. इस समिति में सदस्य के रुप में वन्य प्राणी विशेषज्ञ डॉ. विद्या अत्रेय, देहरादून के भारतीय वन्यजीव संस्थान के डॉ. बिलाह हबीब, राज्य वन्यजीव मंडल के सदस्य डॉ. अनीष अंधेरिया, राज्य वन्यजीव मंडल के सदस्य बंडू धोत्रे, राज्य वन्यजीव मंडल के सदस्य अनूज खरे, विभागीय वन अधिकारी (सेवानिवृत्त) शिवाजी फटांगरे, वन्यजीव बचाओ केंद्र प्रबंधन के विशेषज्ञ डॉ. नेहा पंचमिया, राज्य वन्यजीव मंडल के सदस्य विश्वास काटदरे, वन्यप्राणी बचाओ विशेषज्ञ डॉ. स्वप्निल सोनावने को शामिल किया गया है. जबकि अहमदनगर के उप वनसंरक्षक (प्रादेशिक) एम आदर्श रेट्टी को समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है. वन मंत्री ने कहा कि, पिछले कुछ वर्षों में मानव और तेंदूओं के बीच संघर्ष में वृद्धि हुई है. इसके साथ ही तेंदूओं की मौत की घटनाएं भी बढी हैं. इनके कारणों के अध्ययन के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य वन्यजीव मंडल की बैठक में एक तकनीकी समिति के गठन का निर्देश दिया था.

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