दीपाली चव्हाण मामले में सरकार उठा रही उचित कदम
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पालकमंत्री ठाकुर ने जताया सीएम ठाकरे के प्रति आभार
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अपने द्वारा किये गये प्रयासों को बताया सफल
अमरावती/प्रतिनिधि दि.30 – मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत हरिसाल के वन परिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण ने अपने वरिष्ठाधिकारियों की प्रताडना से तंग आकर आत्महत्या की थी. यह बात पता चलते ही मैने तुरंत मामले की जांच करते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कडी कार्रवाई करने की मांग की थी और इस बारे में मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को पत्र भी लिखा था. साथ ही मेलघाट क्षेत्र का दो दिवसीय दौरा करते हुए मेलघाट वनविभाग में कार्यरत महिला वन अधिकारियों व कर्मचारियों से प्रत्यक्ष मुलाकात करते हुए चर्चा भी की थी. इसी के चलते आवश्यक जांच के बाद अब तत्कालीन अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एम. एस. रेड्डी को भी दोषी पाया गया और उन्हें सह आरोपी बनाते हुए इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. यह हमारे द्वारा किये गये प्रयासों की सफलता है. इस आशय की प्रतिक्रिया राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर द्वारा दी गई है.
यहां जारी प्रेस विज्ञप्ती में पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में वन परिक्षेत्र अधिकारी के रूप में तैनात दीपाली चव्हाण ने अपने वरिष्ठाधिकारियों की प्रताडना से तंग आकर अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद पर गोली चलाते हुए आत्महत्या कर ली थी. ऐसे में इस मामले में दोषी पाये गये अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई हो, ऐसी भूमिका शुरूआत से ही अपनायी गयी थी. साथ ही मैने मेलघाट का दो दिनों तक दौरा किया और वहां कार्यरत महिला अधिकारियों व कर्मचारियों से प्रत्यक्ष भेट करते हुए मामले की विस्तृत जानकारी ली. पश्चात इस मामले की निष्पक्ष जांच करने हेतु मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे से प्रत्यक्ष मुलाकात करते हुए उन्हें पत्र भी सौंपा. इसके अलावा दीपाली चव्हाण के मोरगांव स्थित निवास स्थान पर भेंट देते हुए उसके परिजनों को सांत्वना देने के साथ ही उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया था. इसी का परिणाम रहा कि, जहां एक ओर उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार को तुरंत ही निलंबित करने के साथ गिरफ्तार किया गया. वहीं इस मामले में निलंबित किये जा चुके अपर मुख्य वन संरक्षक श्रीनिवास रेड्डी को भी अब सहआरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया गया है. साथ ही सरकार द्वारा इस मामले की जांच अधिकारी के तौर पर महिला आयपीएस अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सरवदे की नियुक्ति की गई है.
पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने यह भी कहा कि, ये दुर्भाग्जजनक घटना घटित होने से पहले उनके पास कुछ ज्ञापन व निवेदन आये थे और उन्होंने इस बारे में आवश्यक कार्रवाई हेतु जिलाधीश नवाल को निर्देश दिये थे. पश्चात जिलाधीश नवाल ने इस मामले की किसी तटस्थ एजेंसी के जरिये जांच कराने और मामले में ध्यान देने का पत्र तत्कालीन अपर मुख्य वन संरक्षक श्रीनिवास रेड्डी को दिया था. किंतु रेड्डी ने जिलाधीश के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया. यदि इस पत्र पर उसी समय गंभीरतापूर्वक कदम उठाये जाते, तो शायद यह दुर्दैवी घटना की घटित नहीं होती. ऐसे में दीपाली चव्हाण को प्रताडित करते हुए आत्महत्या करने की मानसिकता तक पहुंचानेवाले विनोद शिवकुमार व श्रीनिवास रेड्डी के खिलाफ अब कडी से कडी कार्रवाई होनी चाहिए.