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मराठा आरक्षण के लिए सरकार ने ‘अध्यादेश’ नहीं ‘अधिसूचना’ निकाली

कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत का दावा

छत्रपति संभाजीनगर/दि. 27– मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन करनेवाले मनोज जरांगे पाटिल ने आजाद मैदान के अनशन का निर्णय शनिवार 27 जनवरी को पीछे ले लिया. इसके लिए सरकार व्दारा जारी किया गया अध्यादेश मुख्य कारण है. जिसमें जरांगे की सभी मांगे मंजूर होने का दावा किया गया है. लेकिन अब सरकार व्दारा जारी किया गया वह अध्यादेश नहीं बल्कि केवल अधिसूचना रहने का दावा कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने किया है.
विशेष यानी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सरकार के मंत्री छगन भुजबल ने भी आज सरकार व्दारा जारी किया गया अध्यादेश नहीं बल्कि वह केवल अधिसूचना (मसूदा) रहने की बात कही है. कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि अध्यादेश और अधिसूचना में काफी अंतर रहता है. अध्यादेश यह विधिमंडल का अधिवेशन होने तक कानून रहता है. वह तत्काल लागू किया जाता है. इसकी नियमावली और सूचना तत्काल लागू की जाती है. अब मनोज जरांगे को दिया गया वह अध्यादेश नहीं बल्कि अधिसूचना है. उसमें नियम में थोडा बदलाव करने की बात कही गई है. वह किस तरह रहेगी, इस बाबत की जानकारी है. 16 फरवरी तक आपत्ति मंगवाने के बाद उसे लागू करने का उनका मानस है. अब उन आपत्ति पर भी सरकार को सुनवाई करनी पडेगी, ऐसा कहते हुए सचिन सावंत न जनता की आंखों में धूल झोंकने का आरोप किया है.

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