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अगले वर्ष से अमरावती में शुरू होगा सरकारी मेडिकल कॉलेज

  •  विधायक सुलभा खोडके ने दी पत्रकार परिषद में जानकारी

  •  कहा : चुनकर आते ही चार माह में दिलायी मेडिकल कॉलेज को मंजूरी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.९ – इस समय भाजपा पदाधिकारियों द्वारा स्थापित की गई कृति समिती की ओर से बडे जोर-शोर से यह खबर फैलायी जा रही है कि, अमरावती के प्रस्तावित सरकारी मेडिकल कॉलेज को सिंधुदूर्ग ट्रान्सफर कर दिया गया है. जिसकी वजह से आम लोगोें में जबर्दस्त संभ्रम व असंमजस्य व्याप्त है. जबकि हकीकत यह है कि, अमरावती का प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज अमरावती में ही बनेगा और इसे कही अन्यत्र स्थलांतरित नहीं किया गया है. साथ ही आगामी शैक्षणिक सत्र 2021-22 से अमरावती में सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू करने का नियोजन भी किया जा रहा है. इस आशय का प्रतिपादन स्थानीय विधायक सुलभा खोडके द्वारा यहां बुलायी गयी पत्रकार परिषद में किया गया है.
विगत दो-तीन दिनों से सरकारी मेडिकल कॉलेज को लेकर मचे हंगामे की वजह से पूरी स्थिति साफ करने हेतु बुलायी गयी पत्रकार परिषद में विधायक सुलभा खोडके ने कहा कि, अमरावती में सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापित करने को लेकर वर्ष 2015-16 में भाजपा पदाधिकारियोें द्वारा एक कृति समिती स्थापित की गई. जिसके जरिये तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को निवेदन सौंपा गया. जिसके आधार पर महाराष्ट्र वैद्यकीय शिक्षा संचालनालय द्वारा एक समिती को अमरावती भेजा गया. यह सब एक तरह से राजनीतिक प्रोपोगंडा ही था. वर्ष 2016 से 2019 तक देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे. और इस दौरान वे बडी आसानी के साथ अमरावती को सरकारी मेडिकल कॉलेज दिला सकते थे, किंतु उस समय कृति समिती के किरण पातुरकर को छोडकर अन्य किसी जनप्रतिनिधि द्वारा इस हेतु प्रयास ही नहीं किये गये. पश्चात अक्तूबर 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अमरावती की विधायकी और राज्य की सत्ता में फेरबदल हुआ तथा राज्य की महाविकास आघाडी सरकार का पहला अधिवेशन दिसंबर माह के दौरान नागपुर में हुआ. जिसमें सीएम उध्दव ठाकरे ने विदर्भ क्षेत्र के सभी जिलों के जनप्रतिनिधियों की बैठक बुलायी थी. जिसमें 16 दिसंबर को अमरावती जिले के लिए हुई बैठक में उन्होेंने (खोडके) अमरावती में सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू करने के संदर्भ में सीएम ठाकरे को पत्र लिखा था. साथ ही इसी अधिवेशन में 21 दिसंबर को विधानसभा में औचित्य का मसला प्रस्तुत करते हुए इस विषय से सदन को अवगत कराया था. इसके बाद राज्य विधान मंडल का बजट अधिवेशन 24 फरवरी 2020 से शुरू हुआ और 25 फरवरी को राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजीत पवार को पत्र देकर निवेदन दिया गया कि, वे अपने 6 मार्च को होनेवाले बजट भाषण के तहत अमरावती में सरकारी मेडिकल कॉलेज बनाने के संदर्भ में घोषणा करे. जिसे मान्य करते हुए वित्तमंत्री अजीत पवार ने अमरावती के मेडिकल कॉलेज का उल्लेख अपने बजट भाषण में करते हुए कहा था कि, वर्ष 2021-22 से अमरावती सहित सातारा व अलिबाग में सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू किये जायेंगे. वहीं वर्ष 2020-21 से नंदुरबार में सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू होगा.
इसका सीधा मतलब है कि, बजेट भाषण में कही गयी बात केवल घोषणा नहीं, बल्कि मंजूरी की प्रक्रिया है. क्योंकि बजट भाषण में शामिल किये गये मुद्दों को मंत्रिमंडल की मंजूरी प्राप्त होती है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, अमरावती में वर्ष 2021-22 से सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू करने के संदर्भ में मंत्रिमंडल द्वारा मान्यता दी जा चुकी है. अत: अन्य किसी भी तरह की बेसिर-पैर की बातों और अफवाहोें पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए.
इस पत्रकार परिषद में विधायक सुलभा खोडके ने बताया कि, राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार स्थापित होने के मात्र चार माह के भीतर ही अमरावती में सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू करने को मान्यता मिल गयी, और प्रवेश हेतु मंजुरी को वर्ष 2021-22 के बजट में देने का निर्णय हो चुका है. ऐसे में अगली प्रक्रिया मार्च 2021 के बाद शुरू करने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है. इससे पहले मार्च 2020 का बजट सत्र कोरोना संक्रमण के खतरे की वजह से बीच में ही खत्म करना पडा था, और विगत पूरे सालभर के दौरान कोरोना संक्रमण के खतरे की वजह से इस संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका. बावजूद इसके सरकार ने विगत दिसंबर माह के दौरान सातारा व अलिबाग के दो सरकारी मेडिकल कॉलेजोें को शुरू करने के संदर्भ में केंद्र सरकार के वैद्यकीय शिक्षा संचालनालय के पास प्रस्ताव भेजा है. जिसके बाद केंद्र सरकार के विशेषज्ञों की टीम इन दोनोें स्थानों पर आकर सर्वेक्षण करेगी. पश्चात वहां मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होगी. इस तरह अमरावती में सरकारी मेडिकल कॉलेज के संदर्भ में मार्च 2021 के बाद केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जायेगा, और आवश्यक प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश का काम शुरू किया जायेगा. शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के मार्च से मई माह के दौरान शुरू होनेवाली मेडिकल प्रवेश की प्रक्रिया कोरोना संक्रमण के खतरे की वजह से प्रलंबित पडी थी. जिसे अब जनवरी में शुरू किया गया है. इसे लेकर केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में एक रिपोर्ट पेश की गई है. जिसमें बताया गया है कि कोरोना से उपजे हालात की वजह से समूचे देश में मेडिकल पाठ्यक्रमोें की 3 हजार से अधिक सीटें रिक्त है. जिसमें महाराष्ट्र के भी डेंटल व मेडिकल पाठ्यक्रमों की सीटों का समावेश है.
इस पत्रकार परिषद में विधायक सुलभा खोडके ने यह भी कहा कि, कोरोना की संक्रामक महामारी की वजह से वैद्यकीय शिक्षा में प्रवेश की प्रक्रिया एक वर्ष आगे चली गई है, किंतु महाविकास आघाडी सरकार ने अपने गठन के बाद मात्र चार माह के भीतर अमरावती में सरकारी मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दी है. इस हेतु राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात, वैद्यकीय शिक्षा व सांस्कृतिक कार्यमंत्री अमित देशमुख सहित महाविकास आघाडी सरकार का अमरावतीवासियों द्वारा अभिनंदन किया जाना चाहिए. साथ ही हम इस पत्रकार परिषद के जरिये महाविकास आघाडी सरकार की ओर से अमरावती वासियों को आश्वस्त करना चाहते है कि, अमरावती में बहुत जल्द सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू हो जायेगा.
इस पत्रकार परिषद में विधायक सुलभा खोडके सहित महाविकास आघाडी में शामिल घटक दलों के पदाधिकारी उपस्थित थे. जिनमें राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके, पूर्व सांसद अनंत गुढे, शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व मनपा नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर व विलास इंगोले, राकांपा के शहर अध्यक्ष राजेंद्र महल्ले व जिलाध्यक्ष सुनील वर्‍हाडे, पूर्व महापौर किशोर शेलके, पूर्व स्थायी सभापति अविनाश मार्डीकर, पार्षद प्रशांत डवरे, पूर्व पार्षद प्रवीण हरमकर, शहर राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के अध्यक्ष निलेश शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता एड. शोएब खान आदि उपस्थित थे.

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