अकोला/दि.५– अत्यल्प वेतन में १२ घंटे से ज्यादा मरीज सेवा देनेवाले आंतरवासिता डॉक्टरों की सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. वहीं उनकी मांगों पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय प्रबंधन की ओर से डॉक्टरों को वृद्धिगत कोविड भत्ते सहित आवश्यक सभी सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए. इसी मांग को लेकर बुधवार को डॉक्टरों ने आंदोलन शुरू किया है. मांगे मान्य नहीं होने तक अधिष्ठाता कार्यालय के सामने ठिय्या आंदोलन करने की जानकारी डॉक्टरों ने दी.
यहां बता दें कि जिले में कोविड मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. अधिकांश मरीजों को सर्वोपचार अस्पताल में रेफर किया जाता है. इन मरीजों का उपचार आंतरवासिता चिकित्सकों के कंधों पर है. इस हालातों में अधीष्ठाता डॉ.मीनाक्षी गजभिय ने २० छात्रों को अन्य महाविद्यालय में जाने की अनुमति दी है. जिससे काम का तनाव बढ़ गया है. जिसके चलते डॉक्टरों ने बुधवार की दोपहर में अधिष्ठाता कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. मुंबई, पुणे में कोविड मरीजों को सेवा देनेवाले आंतरवासिता डॉक्टरों को ५० हजार रुपए वेतन दिया जाता है. वहीं अकोला में केवल ११ हजार रुपए मानधन और १२ घंटे से ज्यादा समय मरीज सेवा करनी पड़ रही है. इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए आंतरवासिता डॉक्टरों ने आंदोलन आरंभ किया. इस दौरान ५० हजार रुपए मानधन देने, आंतरवासिता डॉक्टरों को बीमा कवच प्रदान करने की भी मांग की गई.